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लखनऊ: उच्च पर्वतीय दुर्गम क्षेत्र अभियान के सदस्यों का मध्य कमान में हुआ गर्मजोशी से स्वागत

राजधानी लखऊ के मध्य कमान में उच्च पर्वतीय दुर्गम क्षेत्र अभियान के सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. इस अभियान दल को आगरा से पांच सितंबर 2019 को 50 स्वतंत्र पैराशूट ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर आरएस रावत ने हिमाचल प्रदेश में सांगला घाटी के खानरदुंती के लिए झंडी दिखाकर रवाना किया था.

उच्च पर्वतीय दुर्गम क्षेत्र अभियान के सदस्यों का मध्य कमान में हुआ गर्मजोशी से स्वागत.
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Published : Nov 16, 2019, 9:21 AM IST

लखनऊ: ‘नेक्स्ट ऑफ किन वर्ष’ के उपलक्ष्य में सेना की मध्य कमान के 50 स्वतंत्र पैराशूट ब्रिगेड द्वारा उच्च पर्वतीय दुर्गम क्षेत्र में ट्रैकिंग अभियान आयोजित किया गया. यह अभियान दो माह पहले 25 सितंबर 2019 को हिमाचल प्रदेश में सांगला घाटी के खानादुंती से शुरू हुआ, जो उत्तराखंड के कुटी पहुंचा.

इससे पहले इस अभियान दल को आगरा से पांच सितंबर 2019 को 50 स्वतंत्र पैराशूट ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर आरएस रावत ने हिमाचल प्रदेश में सांगला घाटी के खानरदुंती के लिए झंडी दिखाकर रवाना किया था. मध्य कमान की जन सम्पर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि इस अभियान के आयोजन का उद्देश्य नेक्स्ट ऑफ किन को याद करने, सम्मान देने और उन्हें भविष्य में प्रतिज्ञान करने के लिए किया गया है.

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अभियान के सदस्य.

मेजर अमित कुमार चौहान एवं मेजर राम विनोद एस. के नेतृत्व में यह अभियान दल 15 नवंबर 2019 को लखनऊ छावनी स्थित मध्य कमान मुख्यालय पहुंचा. यहां एक समारोह में मध्य कमान के मेजर जनरल जनरल स्टाफ (एमजीजीएस) मेजर जनरल गजिन्दर सिंह ने इस अभियान दल के सदस्यों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. इस अभियान दल में तीन सैन्याधिकारियों सहित एक जूनियर कमीशन्ड अधिकारी और नौ पैराट्रूपर्स शामिल थे.

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विजयी मुद्रा में सदस्य.
उन्होंने बताया कि 36 दिनों के इस साहसिक अभियान के दौरान दुर्गम एवं मौसम के विपरीत परिस्थितियों में हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के ग्रेटर हिमालय पार के मार्गो से गुजरते हुए अभियान दल ने कुल 401 किमी की दूरी तय की. इस अभियान दल ने रास्ते में कुल नौ स्नो-स्लेड को पार किया, जिसमें सबसे अधिक 19 हजार 250 फीट पर माना पास और सबसे कम 12 हजार 400 फीट पर धराती दुरा पास को पार किया.

लखनऊ: ‘नेक्स्ट ऑफ किन वर्ष’ के उपलक्ष्य में सेना की मध्य कमान के 50 स्वतंत्र पैराशूट ब्रिगेड द्वारा उच्च पर्वतीय दुर्गम क्षेत्र में ट्रैकिंग अभियान आयोजित किया गया. यह अभियान दो माह पहले 25 सितंबर 2019 को हिमाचल प्रदेश में सांगला घाटी के खानादुंती से शुरू हुआ, जो उत्तराखंड के कुटी पहुंचा.

इससे पहले इस अभियान दल को आगरा से पांच सितंबर 2019 को 50 स्वतंत्र पैराशूट ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर आरएस रावत ने हिमाचल प्रदेश में सांगला घाटी के खानरदुंती के लिए झंडी दिखाकर रवाना किया था. मध्य कमान की जन सम्पर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि इस अभियान के आयोजन का उद्देश्य नेक्स्ट ऑफ किन को याद करने, सम्मान देने और उन्हें भविष्य में प्रतिज्ञान करने के लिए किया गया है.

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अभियान के सदस्य.

मेजर अमित कुमार चौहान एवं मेजर राम विनोद एस. के नेतृत्व में यह अभियान दल 15 नवंबर 2019 को लखनऊ छावनी स्थित मध्य कमान मुख्यालय पहुंचा. यहां एक समारोह में मध्य कमान के मेजर जनरल जनरल स्टाफ (एमजीजीएस) मेजर जनरल गजिन्दर सिंह ने इस अभियान दल के सदस्यों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. इस अभियान दल में तीन सैन्याधिकारियों सहित एक जूनियर कमीशन्ड अधिकारी और नौ पैराट्रूपर्स शामिल थे.

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विजयी मुद्रा में सदस्य.
उन्होंने बताया कि 36 दिनों के इस साहसिक अभियान के दौरान दुर्गम एवं मौसम के विपरीत परिस्थितियों में हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के ग्रेटर हिमालय पार के मार्गो से गुजरते हुए अभियान दल ने कुल 401 किमी की दूरी तय की. इस अभियान दल ने रास्ते में कुल नौ स्नो-स्लेड को पार किया, जिसमें सबसे अधिक 19 हजार 250 फीट पर माना पास और सबसे कम 12 हजार 400 फीट पर धराती दुरा पास को पार किया.
Intro:उच्च पर्वतीय दुर्गम क्षेत्र अभियान के सदस्यों का मध्य कमान में गर्मजोशी से स्वागत


लखनऊ। ‘नेक्स्ट आॅफ किन वर्ष’ के उपलक्ष्य में सेना की मध्य कमान के 50 स्वतंत्र पैराशूट ब्रिगेड द्वारा उच्च पर्वतीय दुर्गम क्षेत्र में ट्रैकिंग अभियान आयोजित किया गया। यह अभियान दो माह पहले 25 सितंबर 2019 को हिमाचल प्रदेश में सांगला घाटी के खानादुंती से शुरू हुआ जो उत्तराखंड के कुटी पहुंचा। इससे पहले इस अभियान
दल को आगरा से पांच सितंबर 2019 को 50 स्वतंत्र पैराशूट ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर आरएस रावत ने हिमाचल प्रदेश में सांगला घाटी के खानरदुंती के लिए झंडी दिखाकर रवाना किया था।
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मध्य कमान की जन सम्पर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि इस अभियान के आयोजन का उद्देश्य नेक्स्ट आॅफ किन को याद करने व सम्मान देने और उन्हें भविष्य में प्रतिज्ञान करने के लिए किया गया है। मेजर अमित कुमार चौहान एवं मेजर राम विनोद एस. के नेतृत्व में यह
अभियान दल 15 नवंबर 2019 को लखनऊ छावनी स्थित मध्य कमान मुख्यालय पहुंचा। यहां एक समारोह में मध्य कमान के मेजर जनरल जनरल स्टाफ (एमजीजीएस) मेजर जनरल गजिन्दर सिंह ने इस अभियान दल के सदस्यों का
गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस अभियान दल में तीन सैन्यधिकारियों सहित एक जूनियर कमीशन्ड अधिकारी और नौ पैराट्रूपर्स शामिल थे।

Conclusion:
उन्होंने बताया कि 36 दिनों के इस साहसिक अभियान के दौरान दुर्गम एवं मौसम के विपरीत परिस्थितियों में हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के ग्रेटर हिमालय पार के मार्गो से गुजरते हुए अभियान दल ने कुल 401 किमी की दूरी तय की । इस अभियान दल ने रास्ते में कुल नौ स्नो-स्लेड को पार किया जिसमें सबसे अधिक 19250 फीट पर माना पास और सबसे कम 12400 फीट पर धराती दुरा पास को पार किया।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
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