लखनऊः लोहिया संस्थान में अब मेडिकल लीगल बंद कर दिया गया है. इसके तहत अब सड़क पर होने वाले एक्सीडेंट और अन्य दुर्घटनाओं के मामले में संस्थान में मेडिकोलीगल नहीं हुआ करेगा. इसको लेकर के लोहिया अस्पताल का तर्क है कि उनके पास अब मेडिकल अफसर की पोस्ट नहीं है. इसकी वजह से यह निर्णय संस्थान की तरफ से लिया जा रहा है.
डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान में अब मेडिकोलीगल बंद कर दिया गया है. इसके तहत अब सड़क पर होने वाले एक्सीडेंट और अन्य मामलों में घायलों के मेडिकल के लिए पुलिस को दूसरे अस्पतालों का रुख करना होगा. यहां 4 से 5 थानों के मेडिकोलीगल हुआ करते थे. इसमें गोमतीनगर, जानकीपुरम, गोमती नगर विस्तार और गुडंबा समेत कई थाने शामिल थे.
अब इन थानों की पुलिस को दूसरे अस्पतालों में जाना होगा. कुछ थानों की पुलिस को सिविल अस्पतालों और कुछ थानों को बलरामपुर अस्पताल में भेजा जाएगा. इस पूरे मामले में तब्दीली को लेकर संस्थान की तरफ से कहा गया है कि मेडिकोलीगल पीएमएस के डॉक्टर करते हैं और उनके पास मेडिकल अफसर की पोस्ट होती है.
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अस्पताल के संस्थान में विलय हो जाने के बाद भी एम्स के डॉक्टर के स्थानांतरण हो गए और सिर्फ तीन ही ईएमओ अब संस्थान में तैनात हैं. इन पर संस्थान के मरीजों का मेडिकोलीगल करने का भार है. जबकि पुलिस रात में 2 बजे भी मेडिकोलीगल के लिए आ जाती थी. ऐसे में लोहिया संस्थान में इतने डॉक्टर नहीं है कि उनकी ड्यूटी लगा सकें. इस कारण संस्थान द्वारा यह निर्णय किया जा रहा है.