ETV Bharat / state

दवा अस्पताल तो पहुंचीं मगर गाइडलाइन के इंतजार में नहीं हो पा रहीं इस्तेमाल - डीआरडीओ अस्पताल

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित अटल बिहारी वाजपेई कोविड अस्पताल में डीआरडीओ की ओर से बनाई गई दवा पहुंच तो गई है लेकिन फिलहाल प्रयोग नहीं हो पा रही है.

लखनऊ
लखनऊ
author img

By

Published : May 24, 2021, 11:46 PM IST

लखनऊः जिले में डीआरडीओ (भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) की तरफ से कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अटल बिहारी वाजपेई कोविड अस्पताल का निर्माण किया गया. यहां पर मरीजों का इलाज भी पांच मई से शुरू हो गया लेकिन हाल ही में डीआरडीओ की तरफ से 2 डीजी दवा बनाई गई, जिसका प्रयोग कोरोना मरीजों के लिए होना था. दो दिन पहले 2 डीजी दवा अस्पताल पहुंच भी गई लेकिन गाइडलाइन के इंतजार में अब तक दवा का इस्तेमाल शुरू ही नहीं हो पाया है.

एम्स और आईसीएमआर के दिशा-निर्देश होंगे मान्य
दरअसल, डीआरडीओ की बनाई गई कोरोना की 2 डीजी दवा बीते शनिवार को राजधानी पहुंच गई. पहले चरण में 250 डोज डीआरडीओ अस्पताल पहुंचाई गईं. डीआरडीओ ने चार दिन पहले ही दवा लांच की थी. इसके लिए लखनऊ के डीआरडीओ कोविड अस्पताल के सैन्य डॉक्टरों और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस के अधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी गई, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी अब तक मरीजों को नहीं दी जा पाई है. डीआरडीओ अस्पताल से जुड़े सेना के अधिकारियों ने बताया कि एम्स और आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के मुताबिक दवा का प्रयोग किया जाना है. दवा किस तरह के मरीजों को देनी है, मरीज को कब देनी, कितनी और किस तरह देनी है, जैसे मामलों पर गाइडलाइन की प्रतीक्षा की जा रही है. गाइडलाइन आने के बाद ही मरीजों को दवा दी जाएगी. दवा देने के बाद मरीजों पर उसका कितना असर हो रहा है, इसकी मॉनिटरिंग होगी और केंद्र को पूरी रिपोर्ट भेजी जाएगी.

इसे भी पढ़ेंः बच्चों के अभिभावकों और कर्मचारियों के लिए विशेष टीकाकरण: सीएम योगी

एक साल के रिसर्च के बाद तैयार हुई दवा
बता दें कि दवा लांच होने के बाद डीआरडीओ के दिल्ली और लखनऊ अस्पताल में इसकी खेप भी पहुंच गई थी. डीआरडीओ ने एक साल के अनुसंधान के बाद दो डीऑक्‍स‍ीडी ग्लूकोज बनाई. कोरोना मरीजों के लिए डीआरडीओ की दवा काफी प्रभावी है. इससे ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रखने में सहायता मिलती है. दो डीजी दवा डीआरडीओ के कई अस्पतालों में भेजी गई.

लखनऊः जिले में डीआरडीओ (भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) की तरफ से कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अटल बिहारी वाजपेई कोविड अस्पताल का निर्माण किया गया. यहां पर मरीजों का इलाज भी पांच मई से शुरू हो गया लेकिन हाल ही में डीआरडीओ की तरफ से 2 डीजी दवा बनाई गई, जिसका प्रयोग कोरोना मरीजों के लिए होना था. दो दिन पहले 2 डीजी दवा अस्पताल पहुंच भी गई लेकिन गाइडलाइन के इंतजार में अब तक दवा का इस्तेमाल शुरू ही नहीं हो पाया है.

एम्स और आईसीएमआर के दिशा-निर्देश होंगे मान्य
दरअसल, डीआरडीओ की बनाई गई कोरोना की 2 डीजी दवा बीते शनिवार को राजधानी पहुंच गई. पहले चरण में 250 डोज डीआरडीओ अस्पताल पहुंचाई गईं. डीआरडीओ ने चार दिन पहले ही दवा लांच की थी. इसके लिए लखनऊ के डीआरडीओ कोविड अस्पताल के सैन्य डॉक्टरों और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस के अधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी गई, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी अब तक मरीजों को नहीं दी जा पाई है. डीआरडीओ अस्पताल से जुड़े सेना के अधिकारियों ने बताया कि एम्स और आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के मुताबिक दवा का प्रयोग किया जाना है. दवा किस तरह के मरीजों को देनी है, मरीज को कब देनी, कितनी और किस तरह देनी है, जैसे मामलों पर गाइडलाइन की प्रतीक्षा की जा रही है. गाइडलाइन आने के बाद ही मरीजों को दवा दी जाएगी. दवा देने के बाद मरीजों पर उसका कितना असर हो रहा है, इसकी मॉनिटरिंग होगी और केंद्र को पूरी रिपोर्ट भेजी जाएगी.

इसे भी पढ़ेंः बच्चों के अभिभावकों और कर्मचारियों के लिए विशेष टीकाकरण: सीएम योगी

एक साल के रिसर्च के बाद तैयार हुई दवा
बता दें कि दवा लांच होने के बाद डीआरडीओ के दिल्ली और लखनऊ अस्पताल में इसकी खेप भी पहुंच गई थी. डीआरडीओ ने एक साल के अनुसंधान के बाद दो डीऑक्‍स‍ीडी ग्लूकोज बनाई. कोरोना मरीजों के लिए डीआरडीओ की दवा काफी प्रभावी है. इससे ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रखने में सहायता मिलती है. दो डीजी दवा डीआरडीओ के कई अस्पतालों में भेजी गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.