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लंबे समय तक पीपीई किट पहनने से चिकित्सा कर्मी हो रहे बीमार - लखनऊ खबर

कोरोना अस्पतालों में ड्यूटी करने वाले कोरोना वारियर्स को भी कई तरह की दिक्कत होने की बातें सामने आ रही हैं. सामने आया है कि इन कोरोना वारियर्स को सर में दर्द, पेशाब में जलन और वजन कम होने जैसी समस्याएं हो रही हैं.

कोरोना वारियर्स हो रहे बीमार
कोरोना वारियर्स हो रहे बीमार
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Published : Nov 21, 2020, 10:47 PM IST

लखनऊ: कोरोना काल में चिकित्साकर्मी बढ़-चढ़कर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने के दौरान उनको पीपीई किट घंटों पहननी पड़ती है, इसकी वजह से कई चिकित्साकर्मियों के बीमार होने की शिकायतें सामने आ रही हैं. इन कोरोना वारियर्स को क्या दिक्कतें हो रही हैं और इन तमाम दिक्कतों से कैसे निजात पाई सकती है इसे लेकर ईटीवी भारत ने कई चिकित्सा कर्मियों से बात की.

कोरोना वायरस से फ्रंटलाइन में लड़ने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ को भी काउंसलिंग की जरूरत पड़ रही है. कोरोना संक्रमितों के लिए पीपीई किट सबसे महत्वपूर्ण होती है, लेकिन इसको पहनने वालों को तमाम दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है. मानसिक समस्याओं के साथ के साथ इन कोरोना वारियर्स का शारीरिक वजन भी कम हो रहा है. कोरोना काल में ड्यूटी करने वाले डाक्टर व स्टॉफ वजन कम होने की बात कह चुके हैं, ऐसे में उनके लिए खुद की सेहत का ध्यान रखना एक चुनौती बनता जा रहा है.

कोरोना से बचाव को लेकर 8 से 10 घंटे पहननी होती है पीपीई किट
लोक बंधु अस्पताल में कोविड वार्ड में ड्यूटी कर चुके डॉ पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि 8-10 घंटे की ड्यूटी में स्टॉफ दो राउंड में किट पहनता है. एक राउंड में पीपीई किट लगातार 3 घंटे से ज्यादा पहननी पड़ती है, इस दौरान पूरा शरीर पसीने से गीला हो जाता है, साथ ही खाने-पीने की चीजों से भी दूर रहना पड़ता है. साथ ही वॉशरूम जाने और मोबाइल के इस्तेमाल से भी परहेज करना होता है. लगातार मास्क लगाने की वजह से सांस लेने में भी तकलीफ होती है. इतना ही नहीं कई बार वार्ड में चक्कर भी आने लगता है.

सर में दर्द, पेशाब में जलन की आ रही शिकायतें
कोरोना वार्डों में तैनात मेडिकल स्टॉफ को सर में दर्द और पेशाब में जलन होने की शिकायतें आ रही हैं. इसे लेकर लोहिया संस्थान में तैनात चिकित्सक डॉक्टर पूनम तिवारी ने बताया कि कोरोना वार्ड में ड्यूटी कर चुके डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को काउंसलिंग जरूरत पड़ रही है. रोजाना ऐसे कई लोग आ रहे हैं जिनको वजन कम होने, सर दर्द, पेशाब में जलन होने के दिक्कत आ रही है.

प्रोटीन युक्त आहार से नहीं होगी समस्या
लोहिया संस्थान में तैनात चिकित्सक पूनम तिवारी ने बताया कि यदि कोरोना वार्ड में तैनात चिकित्सक को 8 से 10 घंटे पीपीई किट पहन कर अपनी सेवाएं देते हैं तो उन्हें अपने रुटीन और खान-पान का खास ध्यान रखना चाहिए. डॉक्टर पूनम तिवारी ने सलाह दी कि कोविड अस्पतालों में ड्यूटी करने वाले कर्मी 10 से 12 घंटे की अपनी नींद लें. साथ ही अपने भोजन में प्रोटीन युक्त खाने की बढ़ोतरी करें. इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें, जिससे कि उनको डिहाइड्रेशन, सर में दर्द, पेशाब में जलन की दिक्कतें न हों.

लखनऊ: कोरोना काल में चिकित्साकर्मी बढ़-चढ़कर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने के दौरान उनको पीपीई किट घंटों पहननी पड़ती है, इसकी वजह से कई चिकित्साकर्मियों के बीमार होने की शिकायतें सामने आ रही हैं. इन कोरोना वारियर्स को क्या दिक्कतें हो रही हैं और इन तमाम दिक्कतों से कैसे निजात पाई सकती है इसे लेकर ईटीवी भारत ने कई चिकित्सा कर्मियों से बात की.

कोरोना वायरस से फ्रंटलाइन में लड़ने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ को भी काउंसलिंग की जरूरत पड़ रही है. कोरोना संक्रमितों के लिए पीपीई किट सबसे महत्वपूर्ण होती है, लेकिन इसको पहनने वालों को तमाम दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है. मानसिक समस्याओं के साथ के साथ इन कोरोना वारियर्स का शारीरिक वजन भी कम हो रहा है. कोरोना काल में ड्यूटी करने वाले डाक्टर व स्टॉफ वजन कम होने की बात कह चुके हैं, ऐसे में उनके लिए खुद की सेहत का ध्यान रखना एक चुनौती बनता जा रहा है.

कोरोना से बचाव को लेकर 8 से 10 घंटे पहननी होती है पीपीई किट
लोक बंधु अस्पताल में कोविड वार्ड में ड्यूटी कर चुके डॉ पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि 8-10 घंटे की ड्यूटी में स्टॉफ दो राउंड में किट पहनता है. एक राउंड में पीपीई किट लगातार 3 घंटे से ज्यादा पहननी पड़ती है, इस दौरान पूरा शरीर पसीने से गीला हो जाता है, साथ ही खाने-पीने की चीजों से भी दूर रहना पड़ता है. साथ ही वॉशरूम जाने और मोबाइल के इस्तेमाल से भी परहेज करना होता है. लगातार मास्क लगाने की वजह से सांस लेने में भी तकलीफ होती है. इतना ही नहीं कई बार वार्ड में चक्कर भी आने लगता है.

सर में दर्द, पेशाब में जलन की आ रही शिकायतें
कोरोना वार्डों में तैनात मेडिकल स्टॉफ को सर में दर्द और पेशाब में जलन होने की शिकायतें आ रही हैं. इसे लेकर लोहिया संस्थान में तैनात चिकित्सक डॉक्टर पूनम तिवारी ने बताया कि कोरोना वार्ड में ड्यूटी कर चुके डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को काउंसलिंग जरूरत पड़ रही है. रोजाना ऐसे कई लोग आ रहे हैं जिनको वजन कम होने, सर दर्द, पेशाब में जलन होने के दिक्कत आ रही है.

प्रोटीन युक्त आहार से नहीं होगी समस्या
लोहिया संस्थान में तैनात चिकित्सक पूनम तिवारी ने बताया कि यदि कोरोना वार्ड में तैनात चिकित्सक को 8 से 10 घंटे पीपीई किट पहन कर अपनी सेवाएं देते हैं तो उन्हें अपने रुटीन और खान-पान का खास ध्यान रखना चाहिए. डॉक्टर पूनम तिवारी ने सलाह दी कि कोविड अस्पतालों में ड्यूटी करने वाले कर्मी 10 से 12 घंटे की अपनी नींद लें. साथ ही अपने भोजन में प्रोटीन युक्त खाने की बढ़ोतरी करें. इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें, जिससे कि उनको डिहाइड्रेशन, सर में दर्द, पेशाब में जलन की दिक्कतें न हों.

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