लखनऊ : किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) में एक छात्रा ने आत्महत्या का प्रयास किया. घटना की जानकारी मिलते ही हॉस्टल से लेकर कैम्पस तक हड़कम्प मच गया. छात्रा को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है. केजीएमयू प्रशासन ने छात्रा के परिजनों को फोन पर घटना के बारे में जानकारी दे दी है.
KGMU के डेंटल विभाग में बीडीएस वर्ष 2017 की एक छात्रा ने दवा की कई गोलियां खाकर खुदकुशी की कोशिश की. छात्रा को बेहोश देखकर हॉस्टल की बाकी छात्राओं में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में हॉस्टल की बाकी छात्राएं उसे लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचीं. हॉस्टल की वार्डेन को इस बारे में जानकारी दे दी गयी. इसके बाद मामला प्रॉक्टर और अन्य अफसरों तक पहुंचा.
हॉस्टल में जांच के दौरान नींद की गोली के रैपर मिले. कहा जा रहा है कि आत्महत्या करने के लिए छात्रा ने दवाओं का ओवरडोज लिया था. ट्रॉमा सेंटर में इलाज के बाद छात्रा की सेहत में अब सुधार है. डेंटल यूनिट के डीन, प्रॉक्टर सहित अन्य लोग भी ट्रॉमा सेंटर में मौजूद रहे.
संस्थान के मीडिया प्रभारी डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक छात्रा ने आत्महत्या की कोशिश की है. प्रकरण की जांच के निर्देश दे दिये गये हैं. पहली नजर में नींद की गोली खाने का कारण व्यक्तिगत बताया जा रहा है. छात्रा के अभिभावकों को इसकी जानकारी दे दी गयी है. छात्रा के पिता नोएडा में तैनात हैं, जबकि माता टीचर पद पर अंबेडकरनगर में तैनात हैं.
वर्ष 2018 में भी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी थी. तब यहां जूनियर डॉक्टर मनीषा ने आत्महत्या कर ली थी. कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र के शिवनगर निवासी डॉ. मनीषा केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में एमएस कर रही थी और रेजिडेंट के तौर पर कार्यरत थीं. मनीषा कमरे में बेहोश मिली थीं. चिकित्सकों के मुताबिक उसने नस में हाई डोज इंजेक्शन लगा लिया था. यह इंजेक्शन ऑपरेशन के दौरान शरीर को शिथिल करने के लिए लगाया जाता है. जूनियर डॉक्टर की बहन ने वजीरगंज कोतवाली में एक डॉक्टर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था.
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