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मंत्री जयवीर सिंह ने कहा- जैन दर्शन के अहिंसा परमोधर्मा के सिद्धांत को जीवन में उतारें - JAIN SHODH SANSTHAN

जैन विद्या शोध संस्थान के 34वें स्थापना दिवस पर 6 जैन विभूतियां सम्मानित, जैन सर्किट के विकास के लिए 31 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत.

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जैन विद्या शोध संस्थान के 34वें स्थापना दिवस पर 6 जैन विभूतियां सम्मानित (photo credit ; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 31, 2025, 6:21 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि जैन धर्म प्राचीन धर्म है. इसके उपदेश लोकहित व लोक कल्याकारी तथा मानवता को सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं. जैन दर्शन अहिंसा परमोधर्मा के सिद्धांत पर आधारित है. इस धर्म के सभी तीर्थंकरों ने मानव जीवन को आदर्श बनाने पर जोर दिया है. जैन धर्म के उपदेश सर्वकालिक व कालजयी हैं. इनको जीवन में उतारने की अवश्यकता है. वह शुक्रवार को उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान के 34वें स्थापना दिवस के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. इस अवसर पर जैन धर्म के प्रचार-प्रसार एवं उपदेशों को जीवन में उतारने में सहयोग करने वाले जैन धर्म से जुड़ी 06 विभूतियों को सम्मानित भी किया.

जयवीर सिंह ने कहा कि जैन धर्म की सांस्कृतिक परम्परा सनातन धर्म के करीब है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जैन धर्म को मानवता का धर्म बनाने के लिए इस धर्म से संबंधित स्थलों को बेहतर बनाने पर जोर दे रही है. इसके साथ ही जैन सर्किट के विकास के लिए 31 करोड़ रुपये की धनराशि पर्यटन विभाग को उपलब्ध करा दी गई है. जैन तीर्थस्थलों से संबंधित योजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है. इसके साथ ही युवाओं को जैन धर्म की शिक्षा एवं उपदेशों से जोड़ने के लिए भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय से संबद्ध जैन विद्या शोध संस्थान में आगामी सत्र से स्नातक की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया है.

यह भी पढ़ें - महाकुंभ हिंदू धर्म की महिमा पूरे विश्व के सामने पेश कर रहा: पद्मश्री हृदय नारायण दीक्षित - CULTURAL YOUTH FEST KAVI SAMMELAN

इन्हें किया गया सम्मानित: पर्यटन मंत्री ने इस अवसर पर आयोजित अलंकरण समारोह में तीर्थंकर ऋषभदेव सम्मान से प्रो. राजा राम जैन, नोएडा को प्रथम सम्मान के रूप में एक लाख रुपये की धनराशि देने की घोषणा की. अस्वस्थ होने के कारण वह समारोह में शामिल नहीं हो सके. तीर्थंकर महावीर अहिंसा सम्मान से डॉ. पत्रिका जैन, लखनऊ और आचार्य कुन्दकुन्द सम्मान से डॉ. सचिन्द्र जैन, मंगलायतन, अलीगढ़ को सम्मानित किया गया. इन्हें 51-51 हजार रुपये की धनराशि दी गई. भरत चक्रवर्ती सम्मान से डॉ. ज्योति जैन, मुजफ्फरनगर को पुरस्कार स्वरुप 31 हजार रुपये की धनराशि दी गई. गणेश प्रसाद वर्णी श्रुत आराधक सम्मान से भोपाल के डॉ. पंकज जैन तथा श्रुत संवर्धन सम्मान से जैन अमन अकलंक को सम्मानित किया गया. इन्हें पुरस्कार स्वरूप 21-21 हजार रुपये की धनराशि दी गई.

इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले आइडियल पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य दिलशाद हुसैन, वर्धमान इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अंकित जैन, प्रयाग पब्लिक इंटर कॉलेज की श्रीमती ज्योति और शशिभूषण डिग्री कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर सौरभ मिश्रा को स्मृति चिह्न सम्मान स्वरूप दिया गया.

यह भी पढ़ें - जयवीर सिंह बोले- विकास और विरासत पर जोर, कृषि और पर्यटन को एक साथ लेकर चलेंगे - NATIONAL TOURISM DAY 2025

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि जैन धर्म प्राचीन धर्म है. इसके उपदेश लोकहित व लोक कल्याकारी तथा मानवता को सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं. जैन दर्शन अहिंसा परमोधर्मा के सिद्धांत पर आधारित है. इस धर्म के सभी तीर्थंकरों ने मानव जीवन को आदर्श बनाने पर जोर दिया है. जैन धर्म के उपदेश सर्वकालिक व कालजयी हैं. इनको जीवन में उतारने की अवश्यकता है. वह शुक्रवार को उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान के 34वें स्थापना दिवस के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. इस अवसर पर जैन धर्म के प्रचार-प्रसार एवं उपदेशों को जीवन में उतारने में सहयोग करने वाले जैन धर्म से जुड़ी 06 विभूतियों को सम्मानित भी किया.

जयवीर सिंह ने कहा कि जैन धर्म की सांस्कृतिक परम्परा सनातन धर्म के करीब है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जैन धर्म को मानवता का धर्म बनाने के लिए इस धर्म से संबंधित स्थलों को बेहतर बनाने पर जोर दे रही है. इसके साथ ही जैन सर्किट के विकास के लिए 31 करोड़ रुपये की धनराशि पर्यटन विभाग को उपलब्ध करा दी गई है. जैन तीर्थस्थलों से संबंधित योजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है. इसके साथ ही युवाओं को जैन धर्म की शिक्षा एवं उपदेशों से जोड़ने के लिए भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय से संबद्ध जैन विद्या शोध संस्थान में आगामी सत्र से स्नातक की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया है.

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इन्हें किया गया सम्मानित: पर्यटन मंत्री ने इस अवसर पर आयोजित अलंकरण समारोह में तीर्थंकर ऋषभदेव सम्मान से प्रो. राजा राम जैन, नोएडा को प्रथम सम्मान के रूप में एक लाख रुपये की धनराशि देने की घोषणा की. अस्वस्थ होने के कारण वह समारोह में शामिल नहीं हो सके. तीर्थंकर महावीर अहिंसा सम्मान से डॉ. पत्रिका जैन, लखनऊ और आचार्य कुन्दकुन्द सम्मान से डॉ. सचिन्द्र जैन, मंगलायतन, अलीगढ़ को सम्मानित किया गया. इन्हें 51-51 हजार रुपये की धनराशि दी गई. भरत चक्रवर्ती सम्मान से डॉ. ज्योति जैन, मुजफ्फरनगर को पुरस्कार स्वरुप 31 हजार रुपये की धनराशि दी गई. गणेश प्रसाद वर्णी श्रुत आराधक सम्मान से भोपाल के डॉ. पंकज जैन तथा श्रुत संवर्धन सम्मान से जैन अमन अकलंक को सम्मानित किया गया. इन्हें पुरस्कार स्वरूप 21-21 हजार रुपये की धनराशि दी गई.

इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले आइडियल पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य दिलशाद हुसैन, वर्धमान इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अंकित जैन, प्रयाग पब्लिक इंटर कॉलेज की श्रीमती ज्योति और शशिभूषण डिग्री कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर सौरभ मिश्रा को स्मृति चिह्न सम्मान स्वरूप दिया गया.

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