लखनऊ : पेट और लीवर से जुड़ी हुई गंभीर बीमारियों और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचने के लिए गैस्ट्रोलॉजी के मशहूर व वरिष्ठ डॉक्टरों में चिंता जाहिर की है. इन बीमारियों से बचने के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा मेडिकल से जुड़ी हुई संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन सात व आठ अक्टूबर को किया जाएगा. आयोजन में जानलेवा बीमारियों से बचाने के उपायों पर चर्चा की जाएगी. संगोष्ठी देश विदेश कई विशेषज्ञ जुटेंगे.
लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ० पुनीत मेहरोत्रा के अनुसार वर्तमान समय में नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीजेज जैसी बीमारियां आम तौर पर मरीजों में बढ़ती जा रही हैं. लिवर से संबंधित यह बीमारियां दो दशक पहले उन्हीं मरीजों में देखी जाती थी, जिनको या तो हेपेटाइटिस बी या सी होता था या फिर जिनको नशे की आदत होती थी. आज ऐसे मरीज बहुत पाए जाते हैं, जिन्होंने नशीले पदार्थ का सेवन या तो बिल्कुल नहीं किया या अल्प मात्रा में किया जाता था. ऐसे ही बहुत मरीज अपनी कम उम्र में ही कैंसर जैसी बिमारियों से ग्रसित हो रहे हैं, जो पेट एवं लिवर से सम्बन्धित हैं.
संगोष्ठी यूपी चैप्टर ऑफ इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोइन्टरोलॉजी के तत्वावधान द्वारा आयोजित की जाएगी. संगोष्ठी के अध्यक्ष लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. पुनीत मेहरोत्रा हैं और सचिव केजीएमयू के पेट रोग विभागाध्यक्ष डॉ. सुमित रूंगटा होंगे. डॉ. सुमित रूंगटा ने बताया कि संगोष्ठी का एक अभिन्न अंग पीजी प्रोग्राम है. आज-कल पोस्ट ग्रेजुएट छात्र जो कि अपनी एमडी या डीएम की डिग्री हासिल करने के लिए पढ़ाई करते हैं. काफी तनाव से गुजरते हैं. उन्हें भी संगोष्ठी में वरिष्ठ डॉक्टरों के अनुभव से नया सीखने को मिलेगा.
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