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चिकित्सा बोर्ड में पंजीकरण के लिए सात छात्रों ने लगाई फर्जी डिग्री, FIR दर्ज - उत्कल यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर

आयुर्वेदिक व यूनानी तिब्बती चिकित्सा बोर्ड में पंजीकरण कराने के लिए फर्जी डिग्री लगाने का मामला पकड़ा गया है. बोर्ड ने सत्यापन प्रक्रिया के दौरान सात छात्रों की डिग्री फर्जी होने की पुष्टि की है. इस संबंध में लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 1, 2023, 3:16 PM IST

लखनऊ : आयुर्वेदिक व यूनानी तिब्बती चिकित्सा बोर्ड ने बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) की फर्जी डिग्री के आधार पर बोर्ड में रजिस्टर करने का प्रयास करने वाले पांच छात्रों और फार्मासिस्ट सेवा संस्थान लखनऊ के दो पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. हजरतगंज पुलिस के मुताबिक जांच करने के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी.


हजरतगंज थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक सीतापुर के रहने वाले विवेक गिरि और बरेली के राजेश कुमार गुप्ता ने पंजीकरण के लिए बोर्ड में आवेदन किया था. दोनों ने इसके लिए मेरठ के श्रीराम आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) डिग्री लगाई थी. ठीक इसी तरह एटा के नरेश कुमार वर्मा, शाहजहांपुर के अब्दुल रशीद और बदायूं के अशोक कुमार ने भुवनेश्वर के उत्कल यूनिवर्सिटी से संबद्ध इंदिरा गांधी मेमोरियल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेयाज एंड हॉस्पिटल की बीएएमएस डिग्री लगाकर आवेदन किया था.


बोर्ड ने जब इन सभी छात्रों के दस्तावेजों का सत्यापन कराया तो पता चला कि विवेक और राजेश की डिग्री फर्जी है. वहीं अन्य तीनों छात्रों ने जो डिग्री लगाई हैं, उन संबंधित संस्थानों ने कोई जवाब नहीं दिया है. इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. नोटिस देकर आरोपियों के बयान दर्ज करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ : आयुर्वेदिक व यूनानी तिब्बती चिकित्सा बोर्ड ने बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) की फर्जी डिग्री के आधार पर बोर्ड में रजिस्टर करने का प्रयास करने वाले पांच छात्रों और फार्मासिस्ट सेवा संस्थान लखनऊ के दो पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. हजरतगंज पुलिस के मुताबिक जांच करने के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी.


हजरतगंज थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक सीतापुर के रहने वाले विवेक गिरि और बरेली के राजेश कुमार गुप्ता ने पंजीकरण के लिए बोर्ड में आवेदन किया था. दोनों ने इसके लिए मेरठ के श्रीराम आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) डिग्री लगाई थी. ठीक इसी तरह एटा के नरेश कुमार वर्मा, शाहजहांपुर के अब्दुल रशीद और बदायूं के अशोक कुमार ने भुवनेश्वर के उत्कल यूनिवर्सिटी से संबद्ध इंदिरा गांधी मेमोरियल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेयाज एंड हॉस्पिटल की बीएएमएस डिग्री लगाकर आवेदन किया था.


बोर्ड ने जब इन सभी छात्रों के दस्तावेजों का सत्यापन कराया तो पता चला कि विवेक और राजेश की डिग्री फर्जी है. वहीं अन्य तीनों छात्रों ने जो डिग्री लगाई हैं, उन संबंधित संस्थानों ने कोई जवाब नहीं दिया है. इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. नोटिस देकर आरोपियों के बयान दर्ज करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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