लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल में बेड शीट की धुलाई में प्रति माह 5 लाख 29 हजार 200 रुपये खर्च हो रहे हैं. इसके बावजूद मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां भर्ती मरीजों के बेड पर रोजाना गंदी चादरें बिछाई जा रहीं हैं. कई चादरों पर गंदगी के गहरे धब्बे हैं. इससे मरीजों को संक्रमण होने का खतरा है. मंगलवार को एक तीमारदार की शिकायत पर अस्पताल के न्यू बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर वार्ड में देखा गया कि कई बेडों पर गंदी चादरें बिछी हैं. तीमारदारों ने बताया कि रोजाना गंदी चादरें बिछाई जा रही हैं. विरोध के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही. इस मामले का एक वीडियो भी तीमारदारों ने सोशल मीडिया पर वायरल किया है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी. निजी कंपनी को नोटिस देकर जवाब तलब होगा.
बलरामपुर अस्पताल 756 बेड की छमता वाला अस्पताल है. प्रति बेड के हिसाब से 700 रुपये प्रति माह धुलाई का लॉड्री वाली निजी कंपनी को बजट मिलता है. इसके बाद भी साफ बेड शीट मरीजों को नहीं मिलती हैं. आरोप है कि अस्पताल से भेजी जाने वाली बेड शीट को पानी से धुलकर वापस किया जा रहा है. लॉड्री कंपनी बेड शीट सफाई के नाम पर खेल कर रही है. अस्पताल प्रशासन भी अनदेखी कर रहा हैं. शनिवार को न्यू बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर नीले रंग की बेड शीट सभी वार्ड में बिछाई गई. बेड पर बिछाई गई सभी चादरों पर गंदगी के बड़े-बड़े धब्बे थे. इसे लेकर तीमारदारों ने आपत्ति जताई है.
अस्पताल के सीएमएस डॉ. अतुल मल्होत्रा ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है. लॉड्री संचालक को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया जाएगा. इसके बाद भी सुधार न हुआ तो कंपनी को काली सूची में डालने की संस्तुति होगी. लॉड्री संचालक आकाश चोपड़ा का कहना है कि धुलाई के बाद ही बेड शीट वार्ड में भेजी जाती हैं. साफ-सफाई को लेकर पूरा ध्यान दिया जाता है. फिर भी यदि गंदी चादरें गई हैं तो संबंधित कर्मचारी से जवाब-तलब किया जाएगा. आगे से दोबारा गलती न हो यह सुनिश्चित किया जाएगा.
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