लखनऊ: यूपी में मेडिकल की पढ़ाई महंगी हो सकती है. इसका कारण है कि निजी कॉलेजों के संचालक लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं. चिकित्सा शिक्षा विभाग की कमेटी ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए नीट का आयोजन हाल में ही किया गया. 12 सितंबर को पूरे देशभर में परीक्षा हुई. जल्द ही रिजल्ट जारी कर काउंसलिंग शुरू की जाएगी.
यूपी के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों ने शुल्क बढ़ोतरी की सरकार ने मांग रखी थी. इसको लेकर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक, वित्त अधिकारी की कमेटी बनाई गई थी. कमेटी ने फिलहाल एक साल की फीस तय करने पर मंथन किया. इसमें सदस्यों ने 5 से 7 फीसदी शुल्क बढ़ोतरी का प्रस्ताव शासन को भेजा है. ऐसे में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में सालभर में 50 हजार से लेकर 80 हजार तक का शुल्क बढ़ सकता है. संयुक्त निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. बीडी सिंह के मुताबिक, कितनी फीस बढ़ेगी, यह सरकार को फैसला करना है. कमेटी ने प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है.
इन जिलों में खुलेंगे नए कॉलेज
प्रदेश में नौ सरकारी कॉलेजों का जल्द लोकार्पण होगा. इनमें प्राचार्यों की नियुक्ति हो गई है. शिक्षकों व कर्मियों की भर्ती के तत्काल निर्देश दिए गए हैं. यह कॉलेज एटा, हरदोई, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर, जौनपुर और मिर्जापुर में हैं.
यूपी में यूजी कोर्स की सीटें
22 सरकारी मेडिकल कॉलेज में 2,928 एमबीबीएस सीटें
29 प्राइवेट, एक माइनॉरिटी मेडिकल कॉलेज में 4,159 एमबीबीएस सीटें
एक सरकारी कॉलेज में बीडीएस की 70 सीटें
22 प्राइवेट कॉलेज में बीडीएस की 2200 सीटें
यूपी में पीजी कोर्स की सीटें
11 सरकारी, एक ट्रस्ट के मेडिकल कॉलेज में होती है पीजी कोर्स की पढ़ाई
19 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में होती है पीजी कोर्स की पढ़ाई
एमडी-एमएस, पीजी डिप्लोमा की 1027 सरकारी सीटों पर होता है प्रवेश
प्राइवेट में 1064 एमडी-एमएस व पीजी डिप्लोमा सीटों पर होता है प्रवेश
प्रदेश में 177 सुपर स्पेशयलिटी कोर्स (डीएम-एमसीएच) की सीटें
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