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लखनऊ: KGMU के दीक्षांत समारोह में पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट के लिए शामिल किया गया मेडल - kgmu convocation

केजीएमयू के 15वें दीक्षांत समारोह में फैकल्टी ऑफ मेडिसिन की डीन प्रोफेसर विनीता दास के नाम का भी एक गोल्ड मेडल शामिल किया गया है. इस बाबत ईटीवी भारत ने प्रोफेसर विनीता दास से खास बातचीत की.

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करतीं प्रोफेसर विनीता दास.
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Published : Oct 10, 2019, 6:15 AM IST

लखनऊ: केजीएमयू दीक्षांत समारोह की मेडल लिस्ट आ चुकी है. इस मेडल लिस्ट में कई ऐसे डॉक्टरों के नाम पर मेडल है, जो छात्रों के लिए यादगार तो होते ही हैं साथ ही उन डॉक्टरों का भी सम्मान बढ़ाते हैं. केजीएमयू के 15वें दीक्षांत समारोह में इस साल केजीएमयू के फैकल्टी ऑफ मेडिसिन की डीन प्रोफेसर विनीता दास के नाम का भी एक गोल्ड मेडल शामिल किया गया है.

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करतीं प्रोफेसर विनीता दास.

प्रोफेसर विनीता दास किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ मेडिसिन की डीन होने के साथ-साथ क्वीन मैरी प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के विभागाध्यक्ष भी हैं. पहली बार उनके नाम से केजीएमयू के पोस्ट ग्रैजुएट स्टूडेंट्स के लिए गोल्ड मेडल को दीक्षांत समारोह में शामिल किया जा रहा है. अब यह मेडल हर साल पोस्ट ग्रेजुएट में अव्वल आने वाले किसी एक विद्यार्थी को मिलेगा.

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विनीता दास कहती हैं कि इस गोल्ड मेडल के कई क्राइटेरिया हैं. सबसे पहला क्राइटेरिया यह है कि यह मेडल किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए ही है. यह गोल्ड मेडल उन विद्यार्थियों के लिए है जो पोस्ट ग्रेजुएशन में भी एमडी, एमएस पास कर चुके हैं. यह मेडल उस स्टूडेंट को दिया जाएगा, जो किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के सभी विभागों के पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों में हाई मार्क्स लेकर आया हो.

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प्रोफेसर दास खुद भी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की एलुमनाई है. इसके साथ ही वह अपने जमाने की हीवेट गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुकी हैं. वह कहती हैं कि वह बहुत दिनों से सोच रही थी कि एमबीबीएस के स्टूडेंट्स के लिए तो बहुत सारे मेडल हैं. जिनके अलग-अलग क्राइटेरिया हैं. इस लिहाज में पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट के पास भी मेडल होते हैं. पर कभी एमडीएमएस स्टूडेंट्स या सभी विभागों को मिलाकर कोई कंबाइंड मेडल नहीं है, जो किसी ऐसे स्टूडेंट को मिले जो सभी विभागों को मिलाकर हाईएस्ट मार्क्स लेकर आया हो.

15वें दीक्षांत समारोह में पैथोलॉजी विभाग से एमडी में सबसे अधिक अंक लाने वाली डॉक्टर शालिनी सिंह को पहला प्रोफेसर विनीता दास गोल्ड मेडल दिया जा रहा है. डॉक्टर शालिनी ने पैथोलॉजी समेत सभी विभागों को मिलाकर पोस्ट ग्रेजुएशन एमडी एमएस में सबसे अधिक अंक हासिल किए हैं.

प्राइमरी स्कूल के बच्चे भी होंगे शामिल
इस दीक्षांत समारोह में प्राइमरी स्कूल के 50 बच्चों को भी शामिल किया जा रहा है. इस बाबत प्रोफेसर विनीता दास कहती हैं कि यह काफी अच्छी बात है और एक बेहतरीन इनीशिएटिव लिया जा रहा है, क्योंकि यह बच्चे भी जब सम्मान पाएंगे और सम्मान पाते हुए छात्रों को देखेंगे तो उनमें भी एक अलग ललक पैदा होगी. उन्हें प्रेरणा मिलेगी कि वह भी इस क्षेत्र में आगे आ सकें.

लखनऊ: केजीएमयू दीक्षांत समारोह की मेडल लिस्ट आ चुकी है. इस मेडल लिस्ट में कई ऐसे डॉक्टरों के नाम पर मेडल है, जो छात्रों के लिए यादगार तो होते ही हैं साथ ही उन डॉक्टरों का भी सम्मान बढ़ाते हैं. केजीएमयू के 15वें दीक्षांत समारोह में इस साल केजीएमयू के फैकल्टी ऑफ मेडिसिन की डीन प्रोफेसर विनीता दास के नाम का भी एक गोल्ड मेडल शामिल किया गया है.

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करतीं प्रोफेसर विनीता दास.

प्रोफेसर विनीता दास किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ मेडिसिन की डीन होने के साथ-साथ क्वीन मैरी प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के विभागाध्यक्ष भी हैं. पहली बार उनके नाम से केजीएमयू के पोस्ट ग्रैजुएट स्टूडेंट्स के लिए गोल्ड मेडल को दीक्षांत समारोह में शामिल किया जा रहा है. अब यह मेडल हर साल पोस्ट ग्रेजुएट में अव्वल आने वाले किसी एक विद्यार्थी को मिलेगा.

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विनीता दास कहती हैं कि इस गोल्ड मेडल के कई क्राइटेरिया हैं. सबसे पहला क्राइटेरिया यह है कि यह मेडल किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए ही है. यह गोल्ड मेडल उन विद्यार्थियों के लिए है जो पोस्ट ग्रेजुएशन में भी एमडी, एमएस पास कर चुके हैं. यह मेडल उस स्टूडेंट को दिया जाएगा, जो किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के सभी विभागों के पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों में हाई मार्क्स लेकर आया हो.

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प्रोफेसर दास खुद भी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की एलुमनाई है. इसके साथ ही वह अपने जमाने की हीवेट गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुकी हैं. वह कहती हैं कि वह बहुत दिनों से सोच रही थी कि एमबीबीएस के स्टूडेंट्स के लिए तो बहुत सारे मेडल हैं. जिनके अलग-अलग क्राइटेरिया हैं. इस लिहाज में पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट के पास भी मेडल होते हैं. पर कभी एमडीएमएस स्टूडेंट्स या सभी विभागों को मिलाकर कोई कंबाइंड मेडल नहीं है, जो किसी ऐसे स्टूडेंट को मिले जो सभी विभागों को मिलाकर हाईएस्ट मार्क्स लेकर आया हो.

15वें दीक्षांत समारोह में पैथोलॉजी विभाग से एमडी में सबसे अधिक अंक लाने वाली डॉक्टर शालिनी सिंह को पहला प्रोफेसर विनीता दास गोल्ड मेडल दिया जा रहा है. डॉक्टर शालिनी ने पैथोलॉजी समेत सभी विभागों को मिलाकर पोस्ट ग्रेजुएशन एमडी एमएस में सबसे अधिक अंक हासिल किए हैं.

प्राइमरी स्कूल के बच्चे भी होंगे शामिल
इस दीक्षांत समारोह में प्राइमरी स्कूल के 50 बच्चों को भी शामिल किया जा रहा है. इस बाबत प्रोफेसर विनीता दास कहती हैं कि यह काफी अच्छी बात है और एक बेहतरीन इनीशिएटिव लिया जा रहा है, क्योंकि यह बच्चे भी जब सम्मान पाएंगे और सम्मान पाते हुए छात्रों को देखेंगे तो उनमें भी एक अलग ललक पैदा होगी. उन्हें प्रेरणा मिलेगी कि वह भी इस क्षेत्र में आगे आ सकें.

Intro:लखनऊ। केजीएमयू दीक्षांत समारोह की मेडल लिस्ट एक तरफ आ चुकी है इस मेडल लिस्ट में कई ऐसे डॉक्टरों के नाम पर मेडल है जो छात्रों के लिए यादगार तो होते ही हैं पर साथ ही उन डॉक्टरों का भी सम्मान बढ़ाते हैं। केजीएमयू के 15 वें दीक्षांत समारोह में इस साल केजीएमयू के फैकल्टी ऑफ मेडिसिन की डीन प्रोफेसर विनीता दास के नाम का भी एक गोल्ड मेडल शामिल किया गया है। इस बाबत हमने प्रोफेसर विनीता दास से खास बातचीत की। जिसमें उन्होंने इस गोल्ड मेडल को शामिल करने का उद्देश्य और इसके पीछे के अपने सपने के बारे में बताया।


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प्रोफेसर विनीता दास किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ मेडिसिन की डीन होने के साथ-साथ क्वीन मैरी प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के विभागाध्यक्ष भी हैं पहली बार उनके नाम से केजीएमयू के पोस्ट ग्रैजुएट स्टूडेंट्स के लिए गोल्ड मेडल को दीक्षांत समारोह में शामिल किया जा रहा है अब यह मेडल हर साल पोस्टग्रेजुएट में अव्वल आने वाले किसी एक विद्यार्थी को मिलेगा।

विनीता दास कहती हैं कि इस गोल्ड मेडल के कई क्राइटेरिया हैं। सबसे पहला क्राइटेरिया यह है कि यह मेडल किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए ही है। यह गोल्ड मेडल उन विद्यार्थियों के लिए है जो पोस्ट ग्रेजुएशन में भी एमडी एमएस पास कर चुके हैं और अपने अंडर ग्रेजुएट कैरियर में भी एमबीबीएस में सारे प्रोफेशनल एग्जामिनेशन पहली बार में पास किए हों। इन दोनों में ही उन छात्रों के सबसे अधिक नंबर आए हो।

यह मेडल उस स्टूडेंट को दिया जाएगा जो किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के सभी विभागों के पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों में हाईएस्ट मार्क्स लेकर आया हो।

प्रोफेसर दास कहती हैं कि यह मेडल सिर्फ किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले स्टूडेंट के लिए ही है केजीएमयू से एफिलिएटिड कॉलेजेस के छात्र इस क्राइटेरिया में शामिल नहीं होते हैं।

प्रोफेसर दास खुद भी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की एलुमनाई है। इसके साथ ही वह अपने जमाने की हीवेट गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुकी हैं। वह कहती हैं कि मैं बहुत दिनों से सोच रही थी कि एमबीबीएस के स्टूडेंट्स के लिए तो बहुत सारे मेडल है जिनके अलग-अलग क्राइटेरिया हैं। इस लिहाज में पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट के पास भी मेडल होते हैं पर कभी एमडीएमएस स्टूडेंट्स या सभी विभागों को मिलाकर कोई कंबाइंड मेडल नहीं है जो किसी ऐसे स्टूडेंट को मिले जो सभी विभागों को मिलाकर हाईएस्ट मार्क्स लेकर आया हो इसलिए मैंने ऐसा सोचा कि क्यों न एक ऐसा मेडल भी दीक्षांत समारोह में शामिल किया जाए। मुझे बेहद खुशी है कि मेरा यह सपना साकार हुआ है।

प्रोफेसर दास कहती हैं कि हमने भी अपने जमाने में गोल्ड मेडल हासिल किया है और आज के बच्चे भी काफी अच्छे और बेहतरीन नंबर लाकर इन मेडल्स को पाने के हकदार बनते जा रहे हैं पर आज के बच्चों में उस जैसी लगन नहीं मिलती जो पहले हम इंटर्नशिप में भी किया करते थे। वह कहती हैं कि हम अपनी इंटर्नशिप में भी काफी कुछ सीखते थे। कभी-कभी मुझे इस बात पर थोड़ा दुख होता है कि आजकल के बच्चों में इंटर्नशिप के प्रति एटीट्यूड बदल गया है और वह इसे बहुत हल्के में लेते हैं उनका नजरिया बदलना ठीक है पर यह अगर सकारात्मक रूप में हो तो उन्हें काफी आगे तक ले कर जाएगा और एक बेहतरीन चिकित्सक बनने में उनके सहायता करेगा।

15 वें दीक्षांत समारोह में पैथोलॉजी विभाग से एमडी में सबसे अधिक अंक लाने वाली डॉक्टर शालिनी सिंह को पहला प्रोफेसर विनीता दास गोल्ड मेडल दिया जा रहा है। डॉक्टर शालिनी ने पैथोलॉजी समेत सभी विभागों को मिलाकर पोस्ट ग्रेजुएशन एमडी एमएस में सबसे अधिक अंक हासिल किए हैं।


Conclusion:इस दीक्षांत समारोह में प्राइमरी स्कूल के 50 बच्चों को भी शामिल किया जा रहा है। इस बाबत प्रोफेसर विनीता दास कहती हैं कि यह काफी अच्छी बात है और एक बेहतरीन इनीशिएटिव लिया जा रहा है क्योंकि यह बच्चे भी जब सम्मान पाएंगे और सम्मान पाते हुए छात्रों को देखेंगे तो उनमें भी एक अलग ललक पैदा होगी और उन्हें प्रेरणा मिलेगी कि वह भी इस क्षेत्र में आगे आ सके और बेहतरीन काम कर इस सम्मान के हकदार बन सके।

प्रोफेसर विनीता दास से बातचीत पर आधारित एक इंटरव्यू।
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