लखनऊ: राजधानी लखनऊ की में अब कूड़ा गाड़ियों की सफाई कराई जाएगी. इसके लिए आरआर विभाग में वाॅशिंग लाइन बनाई जाएगी. मंगलवार को समीक्षा बैठक के दौरान महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि निगम के कार्यो की गुणवत्ता जांच के लिए टेस्टिंग लैब भी बनाई जाएगी .
समीक्षा बैठक में नाराजगी जताते हुए महापौर ने कहा कि नगर निगम का आरआर विभाग इतना लापरवाही हो गया है कि कूड़ा निस्तारण कार्य में लगे वाहन कूड़ा हो गए हैं. विभाग के अधिकारी और कर्मचारी केवल तेल चोरी पर ध्यान दे रहे हैं. महापौर ने गाड़ियों पर नगर निगम की ब्रांडिंग करने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि किराए पर चल रही गाड़ियों की जगह नई गाड़ियां खरीदने की अनुमति के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा. गाड़ियों में जीपीआरएस सिस्टम लगने के बाद भी तेल चोरी बंद न होने पर उन्होंने नाराजगी जताई है.
आरआर का दूसरा वर्कशाप खोलने के लिए कार्य मे तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता जांच के लिए टेस्टिंग लैब बनाई जाएगी. निगम अब जहां भी काम कराएगा. वहां कार्य के दौरान एक बोर्ड लगाया जाएगा, जिसमे कार्य की लागत और गुणवत्ता से संबंधित जानकारियां दर्ज की जाएंगी.
साथ ही यदि जनता को गुणवत्ता संबंधित कोई शिकायत होगी, तो उसके लिए संबंधित अधिकारियों और महापौर, नगर आयुक्त के नाम और नंबर दर्ज किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि एक अक्टूबर से अनुमति प्राप्त करने के बाद ही रोड कटिंग हो सकेगी. गड्ढा मुक्त करने का अभियान चलेगा. टूटी पुलिया भी बनेगी.
महापौर संयुक्ता भाटिया के कार्यकाल में कराए गए समस्त कार्यों का ब्यौरा ऑनलाइन होगा. बिना टेंडर कोई काम न कराने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. अधिकारियों और कर्मचारियों के अलावा किसी के हाथ में फाइल न जाए. जलभराव से मुक्ति के लिए आवश्यक नालों का सर्वे कर सूची बनाने के करने के निर्देश दिए हैं.
आरआर विभाग के मुख्य अभियंता राम नगीना त्रिपाठी को चेतावनी देते हुए कहा कि सबसे ज्यादा शिकायतें आरआर विभाग से ही आती हैं. पार्षदों का भी फोन न उठाने की शिकायत है. उन्हें कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिए. आरआर विभाग के टेंडर नियमानुसार समयबद्ध तरीके से निस्तारित कराने को लेकर भी निर्देश दिए हैं.