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ब्राह्मण सम्मेलन की सफलता से बीजेपी की नींद उड़ गई है :मायावती - लखनऊ न्यूज

राजधानी लखनऊ में आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बसपा विपक्ष को रोकने के लिए जो हथकंडे अपनाए जा रहे हैं हम उनका मुंहतोड़ जवाब देंगे.

मायावती
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Published : Aug 16, 2021, 1:17 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 2:26 PM IST

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने पिछले दिनों किए गए अपने ब्राह्मण सम्मेलन (brahmin sammelan) को सफल बताते हुए कहा कि इससे बीजेपी की नींद उड़ गई है और उसका जनाधार भी खिसक रहा है. इसके अलावा मायावती ने कहा कि बीजेपी जो घिनौनी हरकतें कर रही है और विपक्ष को रोकने के लिए साम-दाम-दंड-भेद सारे हथकंडे अपना रही है, इससे कुछ होने वाला नहीं है. बल्कि बीजेपी अगर ये सब करने से रुकी नहीं तो आगामी विधानसभा चुनाव उनके लिए बहुत महंगा पड़ेगा.


इसे भी पढे़ं- यूपी : मायावती इस ब्राह्मण नेता को बना सकती हैं सीएम पद का उम्मीदवार

मायावती ने कहा कि बीजेपी को मुंहतोड़ जबाह देने के लिए बीएसपी को पार्टी को मजबूत करना चाहिए और अपने जनाधार को आगे बढ़ाना चाहिए. कोरोना नियमों को ध्यान में रखते हुए पार्टी के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना चाहिए. अभी तक जो भी हमारे कार्यक्रम प्रदेश में हुए हैं सभी में कोरोना नियमों का पालन किया गया है. कल यानि मंगलवार से यूपी विधानसभा का सत्र शुरु हो रहा है. मायावती ने अपनी पार्टी के विधायकों से अनुरोध किया है कि वह सभी विधानसभा के नियमों का पालन करें. इसके अलावा प्रदेश में जनहित के मुद्दों को उठाएं और तीन कृषि कानून के खिलाफ आवाज बुलंद करें. हमारी पार्टी ये चाहती है कि केन्द्र सरकार को यह कृषि कानून वापस लेना चाहिए. हमारी पार्टी का ये प्रयास होगा कि इस कृषि कानून को बीजेपी यूपी में लागू न कर पाए.

मायावती ने कहा कि यूपी में बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था के खिलाफ भी सदन में आवाज उठाई जाएगी. उन्होंने कहा कि यूपी की कानून व्यवस्था बहुत खराब है, बसपा के समय ही सही मायने में कानून व्यवस्था ठीक थी. इसके अलावा मायावती ने कहा कि दलितों को उत्पीड़न से बचाना हमारे लिए अहम मुद्दा है. उन्होंने कहा कि कोरोना और वर्तमान में बाढ़ पीड़ितों की हो रही अनदेखी इस सभी मुद्दों को हमारी पार्टी के विधायक सदन में अपनी पूरी तैयारी और दमदारी के साथ रखेंगे.

गौरतलब है कि बीते दिनों बसपा ने अयोध्या से ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत की थी. इस कार्यक्रम में कोरोना प्रोटोकाल के तहत महज 50 लोगों को शामिल करने की ही अनुमति दी गई थी. 2022 के चुनाव में ब्राह्मणों को अपने पाले में खींचने के लिए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र द्विवेदी के कंधों पर सारा दारोमदार है. दरअसल पिछले दो विधानसभा चुनावों में बसपा को मिली करारी शिकस्त के बाद अब पार्टी ब्राह्मण सम्मेलन के जरिए ब्राह्मण वोटों को सहेजने की तैयारी कर रही है.

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने पिछले दिनों किए गए अपने ब्राह्मण सम्मेलन (brahmin sammelan) को सफल बताते हुए कहा कि इससे बीजेपी की नींद उड़ गई है और उसका जनाधार भी खिसक रहा है. इसके अलावा मायावती ने कहा कि बीजेपी जो घिनौनी हरकतें कर रही है और विपक्ष को रोकने के लिए साम-दाम-दंड-भेद सारे हथकंडे अपना रही है, इससे कुछ होने वाला नहीं है. बल्कि बीजेपी अगर ये सब करने से रुकी नहीं तो आगामी विधानसभा चुनाव उनके लिए बहुत महंगा पड़ेगा.


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मायावती ने कहा कि बीजेपी को मुंहतोड़ जबाह देने के लिए बीएसपी को पार्टी को मजबूत करना चाहिए और अपने जनाधार को आगे बढ़ाना चाहिए. कोरोना नियमों को ध्यान में रखते हुए पार्टी के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना चाहिए. अभी तक जो भी हमारे कार्यक्रम प्रदेश में हुए हैं सभी में कोरोना नियमों का पालन किया गया है. कल यानि मंगलवार से यूपी विधानसभा का सत्र शुरु हो रहा है. मायावती ने अपनी पार्टी के विधायकों से अनुरोध किया है कि वह सभी विधानसभा के नियमों का पालन करें. इसके अलावा प्रदेश में जनहित के मुद्दों को उठाएं और तीन कृषि कानून के खिलाफ आवाज बुलंद करें. हमारी पार्टी ये चाहती है कि केन्द्र सरकार को यह कृषि कानून वापस लेना चाहिए. हमारी पार्टी का ये प्रयास होगा कि इस कृषि कानून को बीजेपी यूपी में लागू न कर पाए.

मायावती ने कहा कि यूपी में बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था के खिलाफ भी सदन में आवाज उठाई जाएगी. उन्होंने कहा कि यूपी की कानून व्यवस्था बहुत खराब है, बसपा के समय ही सही मायने में कानून व्यवस्था ठीक थी. इसके अलावा मायावती ने कहा कि दलितों को उत्पीड़न से बचाना हमारे लिए अहम मुद्दा है. उन्होंने कहा कि कोरोना और वर्तमान में बाढ़ पीड़ितों की हो रही अनदेखी इस सभी मुद्दों को हमारी पार्टी के विधायक सदन में अपनी पूरी तैयारी और दमदारी के साथ रखेंगे.

गौरतलब है कि बीते दिनों बसपा ने अयोध्या से ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत की थी. इस कार्यक्रम में कोरोना प्रोटोकाल के तहत महज 50 लोगों को शामिल करने की ही अनुमति दी गई थी. 2022 के चुनाव में ब्राह्मणों को अपने पाले में खींचने के लिए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र द्विवेदी के कंधों पर सारा दारोमदार है. दरअसल पिछले दो विधानसभा चुनावों में बसपा को मिली करारी शिकस्त के बाद अब पार्टी ब्राह्मण सम्मेलन के जरिए ब्राह्मण वोटों को सहेजने की तैयारी कर रही है.

Last Updated : Aug 16, 2021, 2:26 PM IST
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