ETV Bharat / state

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा को ये फॉर्मूला दिलाएगा जीत! - assembly elections 2022

2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इसके तहत मायावती संगठन की भाईचारा कमेटियों को सक्रिय करने में जुटी हैं, जिससे कि चुनाव में समाज के सभी वर्गों का वोट बसपा को मिल सके.

बसपा सुप्रीमो मायावती.
बसपा सुप्रीमो मायावती.
author img

By

Published : Dec 12, 2020, 3:54 PM IST

लखनऊ: 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बसपा प्रमुख मायावती संगठन की भाईचारा कमेटियों को सक्रिय करने पर ध्यान दे रही हैं, जिससे समाज के सभी वर्गों में पकड़ और पैठ बढ़ाकर चुनाव मैदान में उतरने से बसपा को इसका फायदा मिल सके और चुनावी नैया पार हो जाए.

जानकारी देते संवाददाता धीरज त्रिपाठी.

पदाधिकारियों को दिया निर्देश
सूत्रों के अनुसार, पार्टी प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को एक बार फिर भाईचारा कमेटियों को सक्रिय करके संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की बात कही है, जिससे संगठन को धरातल तक मजबूत किया जा सके और संगठन के माध्यम से समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर बूथ संगठन में सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके.

कमेटियों में जिम्मेदारी निभाने वाले नेताओं से मांगा फीडबैक
दरअसल, बसपा प्रमुख मायावती की कोशिश है कि भाई चारा कमेटियों के गठन से चुनाव में फायदा मिले. इन्हीं सब कवायद को लेकर मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को भाईचारा कमेटियों के गठन से पहले समाज के सभी वर्गों को जोड़ने का आह्वान किया है. साथ ही भाईचारा कमेटियों में शामिल होने वाले नामों को लेकर फीडबैक मांगा है.

ब्राह्मण, दलित, ओबीसी और मुस्लिम वर्ग को जोड़ने के लिए बनेंगी कमेटियां
बसपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से जिस प्रकार चर्चा की है. उसके अनुसार भाईचारा कमेटियों में ब्राम्हण, दलित, ओबीसी और मुस्लिम वर्ग को साथ लेने के लिए बात कही गई है. ऐसे में सभी वर्ग से आने वाले पार्टी के नेता और वरिष्ठ पदाधिकारी जिनमें मंडल कोऑर्डिनेटर, सेक्टर कोऑर्डिनेटर और सेक्टर प्रभारियों को भाईचारा कमेटियों का प्रमुख बनाकर और इन कमेटियों का जिला स्तर तक विस्तार करके लोगों को जोड़ने का काम कराया जाएगा.

दलित के साथ अपर कास्ट को जोड़ने की रणनीति
मायावती का पूरा फोकस अब समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चुनाव मैदान में उतरने को लेकर है. ऐसे में दलित के साथ-साथ अपर कास्ट के लोगों को भी भाईचारा कमेटियों में शामिल करने की बड़ी पहल बसपा प्रमुख कर रही हैं. यही कारण है कि दलित के साथ ब्राह्मण और अन्य सवर्ण जातियों के वोट बसपा को मिल सकें.

संगठन को धरातल तक मजबूत करने पर फोकस
बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर ने ईटीवी भारत संवाददाता को फोन पर बताया कि वे संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने के लिए विशेष ध्यान दे रहे हैं और पार्टी प्रमुख मायावती की तरफ से लगातार जो भी दिशा-निर्देश मिल रहे हैं. उसके अनुसार काम किया जा रहा है. समाज के सभी वर्गों तक पार्टी की पकड़ और पहुंच हो. इसलिए समाज के सभी वर्गों को जोड़ने के लिए भाईचारा कमेटियों को सक्रिय करने की बात कही गई है.

इसे भी पढ़ें- सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने के लिए बसपा इस दल से करेगी गठबंधन!

लखनऊ: 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बसपा प्रमुख मायावती संगठन की भाईचारा कमेटियों को सक्रिय करने पर ध्यान दे रही हैं, जिससे समाज के सभी वर्गों में पकड़ और पैठ बढ़ाकर चुनाव मैदान में उतरने से बसपा को इसका फायदा मिल सके और चुनावी नैया पार हो जाए.

जानकारी देते संवाददाता धीरज त्रिपाठी.

पदाधिकारियों को दिया निर्देश
सूत्रों के अनुसार, पार्टी प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को एक बार फिर भाईचारा कमेटियों को सक्रिय करके संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की बात कही है, जिससे संगठन को धरातल तक मजबूत किया जा सके और संगठन के माध्यम से समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर बूथ संगठन में सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके.

कमेटियों में जिम्मेदारी निभाने वाले नेताओं से मांगा फीडबैक
दरअसल, बसपा प्रमुख मायावती की कोशिश है कि भाई चारा कमेटियों के गठन से चुनाव में फायदा मिले. इन्हीं सब कवायद को लेकर मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को भाईचारा कमेटियों के गठन से पहले समाज के सभी वर्गों को जोड़ने का आह्वान किया है. साथ ही भाईचारा कमेटियों में शामिल होने वाले नामों को लेकर फीडबैक मांगा है.

ब्राह्मण, दलित, ओबीसी और मुस्लिम वर्ग को जोड़ने के लिए बनेंगी कमेटियां
बसपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से जिस प्रकार चर्चा की है. उसके अनुसार भाईचारा कमेटियों में ब्राम्हण, दलित, ओबीसी और मुस्लिम वर्ग को साथ लेने के लिए बात कही गई है. ऐसे में सभी वर्ग से आने वाले पार्टी के नेता और वरिष्ठ पदाधिकारी जिनमें मंडल कोऑर्डिनेटर, सेक्टर कोऑर्डिनेटर और सेक्टर प्रभारियों को भाईचारा कमेटियों का प्रमुख बनाकर और इन कमेटियों का जिला स्तर तक विस्तार करके लोगों को जोड़ने का काम कराया जाएगा.

दलित के साथ अपर कास्ट को जोड़ने की रणनीति
मायावती का पूरा फोकस अब समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चुनाव मैदान में उतरने को लेकर है. ऐसे में दलित के साथ-साथ अपर कास्ट के लोगों को भी भाईचारा कमेटियों में शामिल करने की बड़ी पहल बसपा प्रमुख कर रही हैं. यही कारण है कि दलित के साथ ब्राह्मण और अन्य सवर्ण जातियों के वोट बसपा को मिल सकें.

संगठन को धरातल तक मजबूत करने पर फोकस
बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर ने ईटीवी भारत संवाददाता को फोन पर बताया कि वे संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने के लिए विशेष ध्यान दे रहे हैं और पार्टी प्रमुख मायावती की तरफ से लगातार जो भी दिशा-निर्देश मिल रहे हैं. उसके अनुसार काम किया जा रहा है. समाज के सभी वर्गों तक पार्टी की पकड़ और पहुंच हो. इसलिए समाज के सभी वर्गों को जोड़ने के लिए भाईचारा कमेटियों को सक्रिय करने की बात कही गई है.

इसे भी पढ़ें- सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने के लिए बसपा इस दल से करेगी गठबंधन!

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.