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कोरोना संक्रमण के बीच सैनिटाइजर और मास्क की फिर बढ़ी किल्लत - बाजार में सैनिटाइजर की कमी

कोरोना संकट में डिमांड बढ़ने से मास्क और सैनिटाइजर की बाजार में किल्लत शुरू होने लगी है. राजधानी लखनऊ की बात करें तो इन दिनों बाजारों में ब्रांडेड सैनिटाइजर और मास्क की भारी किल्लत है.

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Published : May 8, 2021, 5:05 PM IST

लखनऊ : कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और इंजेक्शन के बाद अब बाजार से सैनिटाइजर और मास्क गायब की भी किल्लत होने लगी है. ब्रांडेड कंपनियों के सैनिटाइजर ढूंढने से भी नहीं मिल रहे. यदि किसी दुकानदार के पास अच्छी कंपनी का सैनिटाइजर है तो वह मूल दाम से दोगुने दाम पर उसे बेच रहा है. यही स्थिति मास्क की भी है.

शहर में इन दिनों सैनिटाइजर और मास्क ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. पिछले एक साल से इनकी डिमांड काफी बढ़ी है जिसके चलते मेडिकल स्टोर व जरनल स्टोर्स से सैनिटाइजर व मास्क गायब से हो गए हैं. इनका स्टॉक दुकानदारों के पास खत्म हो गया है. आलम यह है कि बाजार में ज्यादातर सैनिटाइजरों में रंग भरा पानी रखा गया है. ऐसे सैनिटाइजर में सुगंध तो अल्कोहल की आती है लेकिन उसमें अल्कोहल नदारद होता है. लोग जानकारी के अभाव में ऐसे सैनिटाइजर खरीद भी रहे हैं.

यह भी पढ़ें : यूपी पंचायत चुनाव परिणामों से भाजपा चिंतित, यूपी में हो सकते हैं बड़े बदलाव

10 रुपये वाला मास्क अब 30 रुपये में

मास्क का डिमांड बढ़ने के साथ ही दाम भी महंगे हो गए हैं. कोरोना की पहली लहर के दौरान स्वयंसेवी संस्थाओं ने जमकर मास्क बांटे थे. इस बार स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी रुचि नहीं ली. परिणाम यह हुआ कि जो मास्क 10 रुपये में मिल रहा था, अब वह 30 रुपये में मिल रहा है. वहीं, अच्छे मास्क की कीमत 100 से 200 रुपये तक पहुंच गई है.

नहीं आ रहा है माल

दवा व्यवसायी संजय जायसवाल बताते हैं कि ब्रांडेड कंपनियों के सैनिटाइजर बाजार में नहीं मिल रहे हैं. ऐसी स्थिति में घटिया क्वॉलिटी वाला सैनिटाइजर बाजार में आ रहा है. इसे लेकर बड़ी संख्या में लोगों की शिकायतें भी आ रहीं हैं. इसलिए उन्होंने बेचना बंद कर दिया है. वह बताते हैं कि खराब क्वॉलिटी निकलने के कारण संबंधित कंपनियों के सैनिटाइजर वापस करने पड़ रहे हैं. मास्क की भी उपलब्धता कम हो गई है.

लखनऊ : कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और इंजेक्शन के बाद अब बाजार से सैनिटाइजर और मास्क गायब की भी किल्लत होने लगी है. ब्रांडेड कंपनियों के सैनिटाइजर ढूंढने से भी नहीं मिल रहे. यदि किसी दुकानदार के पास अच्छी कंपनी का सैनिटाइजर है तो वह मूल दाम से दोगुने दाम पर उसे बेच रहा है. यही स्थिति मास्क की भी है.

शहर में इन दिनों सैनिटाइजर और मास्क ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. पिछले एक साल से इनकी डिमांड काफी बढ़ी है जिसके चलते मेडिकल स्टोर व जरनल स्टोर्स से सैनिटाइजर व मास्क गायब से हो गए हैं. इनका स्टॉक दुकानदारों के पास खत्म हो गया है. आलम यह है कि बाजार में ज्यादातर सैनिटाइजरों में रंग भरा पानी रखा गया है. ऐसे सैनिटाइजर में सुगंध तो अल्कोहल की आती है लेकिन उसमें अल्कोहल नदारद होता है. लोग जानकारी के अभाव में ऐसे सैनिटाइजर खरीद भी रहे हैं.

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10 रुपये वाला मास्क अब 30 रुपये में

मास्क का डिमांड बढ़ने के साथ ही दाम भी महंगे हो गए हैं. कोरोना की पहली लहर के दौरान स्वयंसेवी संस्थाओं ने जमकर मास्क बांटे थे. इस बार स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी रुचि नहीं ली. परिणाम यह हुआ कि जो मास्क 10 रुपये में मिल रहा था, अब वह 30 रुपये में मिल रहा है. वहीं, अच्छे मास्क की कीमत 100 से 200 रुपये तक पहुंच गई है.

नहीं आ रहा है माल

दवा व्यवसायी संजय जायसवाल बताते हैं कि ब्रांडेड कंपनियों के सैनिटाइजर बाजार में नहीं मिल रहे हैं. ऐसी स्थिति में घटिया क्वॉलिटी वाला सैनिटाइजर बाजार में आ रहा है. इसे लेकर बड़ी संख्या में लोगों की शिकायतें भी आ रहीं हैं. इसलिए उन्होंने बेचना बंद कर दिया है. वह बताते हैं कि खराब क्वॉलिटी निकलने के कारण संबंधित कंपनियों के सैनिटाइजर वापस करने पड़ रहे हैं. मास्क की भी उपलब्धता कम हो गई है.

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