लखनऊ: कांग्रेस पार्टी के दिग्गज और वरिष्ठ नेताओं का कांग्रेस से मोहभंग हो रहा है. कांग्रेस नेतृत्व अपने इन दिग्गज नेताओं को संभाल कर नहीं रख पा रही है. इन नेताओं के प्रति कांग्रेस नेतृत्व की बेरुखी का असर यह है कि तमाम बड़े दिग्गज नेता लगातार बीजेपी का दामन थाम रहे हैं. इससे बीजेपी की रणनीति सफल हो रही है और अब बीजेपी कांग्रेस को उसके ही वरिष्ठ नेताओं से मुक्त करने में सफल हो रही है.
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता राजकुमारी रत्ना सिंह ने थामा बीजेपी का हाथ
राजघराने परिवार से ताल्लुक रखने वाली प्रतापगढ़ की पूर्व सांसद कांग्रेस की वरिष्ठ नेता राजकुमारी रत्ना सिंह मंगलवार को प्रतापगढ़ में सीएम योगी की उपस्थिति में बीजेपी का दामन थाम लिया. राजकुमारी रत्ना सिंह कांग्रेस की वरिष्ठ नेता है और प्रतापगढ़ से पूर्व सांसद रही हैं. इनके पिता राजा दिनेश सिंह प्रतापगढ़ से कई बार सांसद रहे हैं. यह पूरा परिवार राजघराने के रूप में अपनी पहचान रखता रहा है और कांग्रेस का दिग्गज परिवार माना गया.
भाजपा कांग्रेस को अपने ही दिग्गज नेताओं से कर रही मुक्त
भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था. भाजपा ने केंद्र में सरकार बनाई और धीरे-धीरे करके कई राज्यों में बीजेपी की सरकार बनती चली गई. अब बीजेपी अपनी दूसरी रणनीति पर काम कर रही है और कांग्रेस को उसकी ही पार्टी के तमाम बड़े दिग्गज नेताओं को कांग्रेस से मुक्त कर रही है. यूपी में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को भाजपा ने सदस्यता दिलाई. इनमें कांग्रेस के गढ़ रायबरेली और अमेठी से ही इसकी शुरुआत हुई.
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इंदिरा गांधी के समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे संजय सिंह ने भी थामा बीजेपी का दामन
इंदिरा गांधी के समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे पूर्व सांसद संजय सिंह उनकी पत्नी अमिता सिंह और रायबरेली में पंचवटी परिवार के नाम से पहचान रखने वाले जिला पंचायत के अध्यक्ष अवधेश सिंह उनके एमएलसी भाई दिनेश सिंह और कांग्रेस के विधायक राकेश सिंह बीजेपी से जुड़ गए. हालांकि राकेश सिंह विधानसभा सदस्यता बचाने को लेकर औपचारिक रूप से बीजेपी में शामिल नहीं हुए, लेकिन बीजेपी के कार्यक्रमों में लगातार वह देखे जाते हैं.
कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह भी बीजेपी के संपर्क
इसके अलावा रायबरेली सदर से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह भी बीजेपी के संपर्क में है और वह लगातार कांग्रेस की नीतियों को लेकर सवाल उठा रही हैं. बीजेपी के पक्ष में बयान बाजी भी कर रही हैं. पिछले दिनों यूपी के विधानसभा सत्र में वह पार्टी का विरोध करते हुए विधानसभा सत्र में शामिल हुई और इसे सराहनीय पहल तक बताई. इसके ठीक 24 घंटे के अंदर यूपी की योगी सरकार ने कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह को वाई प्लस सुरक्षा घेरा प्रदान कर दिया. जिसे कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह को योगी सरकार की तरफ से रिटर्न गिफ्ट के तौर पर देखा गया.
भले ही तमाम कांग्रेस के नेता बीजेपी में लगातार शामिल हो रहे हैं और बीजेपी का दामन थाम रहे हैं. वहीं प्रतापगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी लगातार कांग्रेस में उपेक्षा के बावजूद चट्टान की तरह कांग्रेस के साथ जुड़े हुए हैं. अभी पिछले दिनों जब उत्तर प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पार्टी विधायक अजय कुमार उर्फ लल्लू को बनाया गया, तब भी वह नाराज नजर आए, लेकिन उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर कोई बयानबाजी नहीं की. कई बार यह सवाल उठता है कि तमाम मौके आने के बावजूद प्रमोद तिवारी लगातार कांग्रेस के साथ जुड़े हैं और पार्टी नहीं छोड़ी. जबकि उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है.
भाजपा की नीतियों और मोदी, योगी सरकार के कामकाज से प्रभावित होकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीजेपी का दामन थाम रहे हैं. बीजेपी के वैचारिक अधिष्ठान से जुड़ रहे हैं. सवाल तो कांग्रेस नेतृत्व पर है कि वह अपने ही नेताओं को पार्टी में नहीं रोक पा रहे हैं. हम लोग जो लोग भी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं उनका स्वागत कर रहे हैं. भाजपा ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था. धीरे-धीरे करके हम कांग्रेस को न सिर्फ भारत से मुक्त कर रहे हैं बल्कि कांग्रेस पार्टी को नेताओं से ही मुक्त कर रहे हैं.
-मनीष शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा