लखनऊ : स्कूली बच्चों को अच्छा वातावरण मिले इसके लिए सरकार प्रदेश भर के स्कूलों का कायाकल्प करा रही है. वहीं राजधानी लखनऊ के बख्शी का तालाब क्षेत्र में बने कई प्राथमिक विद्यालयों का कायाकल्प नहीं हुआ है. बख्शी का तालाब क्षेत्र में बने कई प्राथमिक विद्यालयों की हालत खस्ता हो गई है. विकासखंड बख्शी का तालाब इलाके की बात करें तो लगभग 10 से 15 विद्यालय ऐसे हैं जिनकी स्थिति काफी दयनीय है. बख्शी का तालाब विकासखंड में बने प्राथमिक विद्यालयों की बाउंड्री वॉल टूटी हुई है या तो जर्जर छतों से बारिश का पानी टपकता है.
विद्यालयों की ऐसी दुर्दशा होने की वजह से अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं. अभिभावकों को भय है कि विद्यालय पहुंचकर उनका बच्चा बीमार न हो जाए. लखनऊ के बीकेटी में स्थित प्राथमिक विद्यालय तकिया में पड़ने वाली छात्रा की अभिभावक रजिया ने बताया कि स्कूल की स्थित काफी दयनीय है. बारिश के मौसम में स्कूल की छत से लगातार पानी टपकता रहता है. बारिश के कारण कुछ दिन पहले स्कूल की छत का आगे का हिस्सा गिर चुका है.
रजिया का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए स्कूल में कोई इंतजाम नहीं है. उन्होंने बताया कि हाइवे के किनारे स्कूल बना है, स्कूल के चारो तरफ की बाउंड्री वॉल टूटी है. इतना ही नहीं हाइवे के किनारे से निकलने वाला गंदे पानी का नाला टूट गया है, जिसके कारण गंदा पानी स्कूल के प्रांगण में भर जाता है. ऐसी अव्यवस्थाओं के कारण बच्चों के बीमार होने का खतरा बना रहता है. इसी क्रम में भीखापुर प्राथमिक विद्यालय की स्थिति भी खस्ताहाल है. भीखापुर विद्यालय में पड़ने वाले छात्र की अभिभावक चंद्ररानी बतातीं हैं कि स्कूल की छत में बारिश का पानी भर जाता है. स्कूल की छत जर्जर हो चुकी है, जिसके कारण बारिश का पानी टपकता रहता है. ऐसे में छत गिरने का भी डर बना रहता है. किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है. बच्चों की सुरक्षा को लेकर डर बना रहता है.
सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने वाली एक अन्य अभिभावक रानी ने भी स्कूल की जर्जर हालत बयां की है. रानी ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय की छत में दरारें पड़ने लगीं हैं. विद्यालय की जल्द से जल्द मरम्मत कराने की जरूरत है. सरकारी विद्यालयों में अपने बच्चों को भेजने वाले अभिभावकों ने सरकार से विद्यालयों की जल्द मरम्मत कराने की अपील की है. अभिभावकों का कहना है कि सरकार जर्जर विद्यालयों की जल्द मरम्मत कराए, ताकि अभिभावकों को बच्चों की चिंता से मुक्ति मिले.
इस संबंध में ईटीवी भारत ने जब एबीएसए सतीश द्विवेदी से बात की तो उन्होंने बताया कि विद्यालयों को लेकर सभी जानकारियां हमारे संज्ञान में है. ज्यादातर उन विद्यालयों को कायाकल्प योजना का लाभ नहीं मिल सका है, जो नगर पंचायत में आते हैं. हमने नगर पंचायत में आने वाले सभी प्राथमिक विद्यालयों की लिस्ट बनाकर भेज दी है. जिन विद्यालयों को कायाकल्प योजना का लाभ नहीं मिला है, जल्द ही उन विद्यालयों को कायाकल्प योजना के तहत संवारने का काम शुरू कर दिया जाएगा.
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