लखनऊ : बाराबंकी निवासी मानसी यादव की हत्याकर उसकी लाश को नदी में फेंकने के आरोपी सलमान उर्फ़ आफ़ताब मलिक व मोहम्मद सलीम को सीजेएम हृषिकेश पांडेय ने एक दिन के लिए पुलिस रिमांड पर दिए जाने का आदेश दिया है. पुलिस रिमांड अवधि चार अक्टूबर की सुबह 9 बजे से पांच अक्टूबर की सुबह 9 बजे तक प्रभावी होगी.
अदालत में मामले के विवेचक व थाना प्रभारी गुडम्बा नीतीश श्रीवास्तव ने कोर्ट में आरोपियों को दो दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिए जाने की मांग वाली अर्ज़ी देकर बताया कि आरोपियों को 22 सितंबर को गिरफ़्तार करके जेल भेजा गया है. जेल में आरोपियों ने पुलिस को बयान देकर बताया है कि उन्होंने बाराबंकी की रहने वाली मानसी यादव को स्विफ्ट कार में चार सितंबर को अपहरण करने के बाद चाक़ुओं से गोदकर उसकी हत्या कर दी थी. उसके बाद शव को बाराबंकी-बहराइच मार्ग पर घाघरा नदी पर बने पुल से नदी में फ़ेक दिया था. बताया गया कि आरोपियों ने यह भी बयान दिया है कि उन्होंने हत्या के बाद हत्या में प्रयुक्त दो चाकू, मृतका मानसी का मोबाइल और घटना करते समय पहने हुए ख़ुद के खून लगे कपड़ों को भी नदी में फ़ेंक दिया था. कहा गया कि आरोपियों ने अपने बयान में कहा है कि वह चलकर उस जगह को दिखा सकते हैं जहां से उन्होंने मानसी का शव और अन्य समान घाघरा नदी में फ़ेंका है.
यह था मामला : लखनऊ के गुडंबा थाना क्षेत्र में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के पास से चार सितंबर को एक युवती को अगवा कर लिया गया था, फिर कार में ही चाकू से गोद डाला था. एक दर्जन से ज्यादा वार करने के बाद उसका गला रेत दिया गया था. हत्या के बाद बहराइच में घाघरा नदी में उसके शव को फेंक दिया था. परिवारीजन युवती की गुमशुदगी गुडंबा थाने में दर्ज कराकर कई दिनों से उसे ढूंढते रहे. एसटीएफ ने गुडंबा में सराफ के साथ लूट करने आये दो बदमाशों को गिरफ्तार किया तो इस हत्याकांड का भी खुलासा हुआ.
वोटर लिस्ट से नाम निकाले जाने पर वकील भूख हड़ताल पर : सेंट्रल बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव से पूर्व लगभग 2400 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से निकाले जाने से नाराज वकील भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. वकीलों ने मतदान का अधिकार वापस मिलने तक भूख हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया है. दर्जनों वकीलों के हस्ताक्षर से जारी पत्र में कहा गया है कि सेंट्रल बार का वार्षिक चुनाव कराये जाने के लिए हाईकोर्ट ने दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा था कि वकील केवल एक बार में ही वोट दे सकते हैं जिसके बाद तत्कालीन चेयरमैन डीसी श्रीवास्तव ने 28 जुलाई को लगभग 4100 वैध मतदाताओं की सूची जारी की थी.'