लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद मायूस कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि चुनाव आता है, जाता है. हार जीत लगी रहती है, लेकिन हमें संघर्ष करना नहीं छोड़ना है. संघर्ष करते रहेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी.
बीएसपी सुप्रीमो ने दिल्ली चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. कहा कि इसी वजह से बहुजन समाज पार्टी की हार हुई. आगामी 15 मार्च को बीएसपी संस्थापक कांशीराम की जयंती है. उनकी जयंती के सहारे एक बार फिर बसपा सुप्रीमो जिलों में कार्यक्रम आयोजित कर कैडर को एकजुट करने की कोशिश करेंगी. पार्टी मुख्यालय की तरफ से दिल्ली में हुई पार्टी पदाधिकारियों की बैठक की जानकारी दी गई.
बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव भी हरियाणा की तरह ही है. हालांकि बीएसपी के लोगों ने पूरी दमदारी के साथ संघर्ष किया. लेकिन, विरोधी पार्टियों की जबरदस्त राजनीतिक चालबाजी व जुमलेबाजी के साथ ही भाजपा व आप पार्टी की सरकारी छत्रछाया ज्यादातर हावी रही. इस कारण बीएसपी को अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सका, लेकिन पार्टी के लोगों को इससे निराश न होकर अपने आत्म सम्मान का अम्बेडकरवादी संघर्ष पूरे तन, मन, धन से जारी रखना है.
वैसे भी सभी को यह याद रखने की बात है कि देश में बसपा एक ऐसी अम्बेडकरवादी सोच-सिद्धान्त वाली पार्टी है, जिसने अपने संघर्ष के बल पर अनेकों राजनीतिक व चुनावी सफलतायें प्राप्त की हैं. खासकर उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य में चार बार रही अपनी सरकारों के दौरान गरीबों व बहुजन समाज के लोगों को आत्म-सम्मान व स्वाभिमान दिलाने और "सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति" का युग परिवर्तनीय कार्य किया है. जिस कारण यूपी ही नहीं बल्कि देश की सभी जातिवादी, पूंजीवादी व साम्प्रदायिक शक्तियां एकजुट होकर बीएसपी व उसके आयरन लेडी नेतृत्व को साम, दाम, दंड, भेद जैसे अनेकों घिनौने हथकंडे अपना रही हैं.
अमेरिका की कार्रवाई पर जताई चिंता : मायावती ने कहा कि अपने देश में मजबूरी का पलायन (distress migration) यानि रोजी - रोटी के लिए चाहे गांव से शहर की तरफ का पलायन हो, एक राज्य से दूसरे राज्य की ओर या फिर विदेश तक जाने की लाचारी हो, इससे यह साबित है कि देश में सब कुछ पूरी
तरह से सही और सामान्य नहीं होकर खासकर अर्थव्यवस्था और जनहित व जनकल्याण की सरकारी नीति व कार्यकलाप के स्तर पर बहुत कुछ बहुजन हितैषी नहीं चल रहा है. इसी सिलसिले में अमेरिका में अवैध प्रवासी बताकर सैकड़ों भारतीयों को हथकड़ी व पांव में बेड़ी डालकर लगातार घर वापस किए जाने की घटना को दुखद व चिन्तनीय बताया.
मायावती ने कहा कि अमेरिका जैसे "मित्र देश" से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा, गुजरात व उत्तर प्रदेश के रहने वाले भारतीय नागरिकों की इस अमानवीयता से घर वापसी के प्रति केन्द्र की सरकार को उचित संज्ञान लेकर इसका समाधान निकालना चाहिए. अमेरिका से यह खबर काफी चौंकाने वाली है कि भारत के "वोटरों की संख्या को बढ़ाने" के नाम पर 21 मिलियन डॉलर की भारी भरकम धन मिलती रही है. देश के लोगों को इससे जरूर चौकन्ना हो जाना चाहिए कि कहीं यह स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव में हस्तक्षेप तो नहीं है. अगर है तो इससे किसको लाभ मिलता रहा है.
यह रहेगा कांशीराम जयंती का कार्यक्रम : अगले माह दिनांक 15 मार्च को बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की जयंती के मौके पर आयोजित होने वाले ऑल-इण्डिया कार्यक्रमों की रूपरेखा के बारे में भी बीएसपी प्रमुख मायावती ने बताया कि इस बार दिल्ली प्रदेश के लोग नोएडा नहीं जाकर नई दिल्ली में स्थित "बहुजन प्रेरणाकेन्द्र" में अपने श्रद्धा-सुमन करेंगे. नौ अक्तूबर को उनके निर्वाण दिवस पर होने वाला श्रद्धा-सुमन अर्पित कार्यक्रम भी दिल्ली प्रदेश के लोग नई दिल्ली बहुजन प्रेरणा केन्द्र में ही आयोजित करेंगे. जबकि देश के अन्य राज्यों में बीएसपी के लोग उनकी जयंती पहले की ही तरह मण्डल और राज्य स्तर पर विचार संगोष्ठी आदि के कार्यक्रम आयोजित करके मनाएंगे.
उत्तर प्रदेश में कांशीराम की जयंती कार्यक्रम का मामला है तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में केवल मेरठ मण्डल के बीएसपी के सभी लोग पूर्व की तरह ही यूपी के जिला गौतम बुद्ध नगर के नोएडा में राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल" में कांशीराम को श्रद्धा-सुमन अर्पित करेंगे. लखनऊ मण्डल के पार्टी के छोटे-बड़े सभी लोग राजधानी में बीएसपी सरकार की तरफ से स्थापित किए गए कांशीराम स्मारक स्थल'' पर पहुंचकर अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित करेंगे.
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