लखनऊ: जिले के बंथरा थाना क्षेत्र स्थित खटोला गांव में जमीन अपने नाम कराने के युवक को जहर देकर मारने का मामला सामने आया है. आरोप है कि एक युवक को गांव के ही कुछ लोग जबरन अपने साथ ले जाकर युवक की चार बीघे जमीन अपने नाम कराने के बाद उसे जहर दे दिया. जहर देने के बाद उसकी पिटाई की इसके बाद उसे माती के जंगल में मरणासन्न स्थिति में फेंक दिया. युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई. मामले में मृतक युवक के परिजनों ने बंथरा पुलिस पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है. वहीं पुलिस घटना को संदिग्ध मानकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
पुलिस पर गंभीर आरोप
35 वर्षीय नेहरू को गांव के ही तीन-चार लोग मंगलवार को सुबह अपने साथ ले गए थे. परिवार के लोग दिन भर उनकी खोजबीन में लगे रहे. रात में परिजनों को पता चला कि नेहरू माती के जंगल में अचेत अवस्था में पड़ा हैं. सूचना मिलते ही परिजन नेहरू को लेकर बंथरा थाने गए, जहां पुलिस उन्हें कभी मुंशी के पास कभी दरोगा के पास तो कभी कार्यालय के चक्कर लगवाती रही. इधर नेहरू की हालत ज्यादा खराब होने पर बंथरा थाने के एक होमगार्ड के साथ नेहरू को सरोजिनी नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया, जहां इलाज नहीं मिला
समय पर इलाज न मिलने से हुई मौत
नेहरू के परिजन उसे मेडिकल कॉलेज ट्रामा सेंटर ले गए, जहां पर ट्रामा सेंटर में पहले करोना की जांच कराने के बाद ही एडमिट करने की बात कही गई. इस पर परिवार वाले नेहरू को लेकर अर्जुनगंज फिर मोहनलालगंज के कल्ली पश्चिम हरकंसगढ़ी स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में ले गए, जहां देर शाम नेहरू ने दम तोड़ दिया.
मृतक के दामाद ने गांव के लोगों पर लगाया आरोप
मृतक नेहरू के दमाद राहुल ने आरोप लगाया है कि उसके ससुर को जहर पिलाया गया और पीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं परिजनों का आरोप है कि बंथरा पुलिस लापरवाही न बरतती और समय पर इलाज मिल जाता तो नेहरु की जान बच सकती थी. नेहरू के अपहरण और उसकी मौत के लिए परिवार के लोगों ने खटोला के ही तीन-चार लोगों पर आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि इन लोगों ने जबरन नेहरू से 4 बीघा जमीन लिखवा ली है. जहरीला पदार्थ खिलाने के बाद उसकी पिटाई की गई, जिससे उसकी मौत हो गई.
इस मामले में बंथरा थाना प्रभारी रमेश सिंह रावत ने बताया कि "परिजन युवक के अपहरण का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन मंगलवार सुबह वह गांव के ही तीन चार लोगों के साथ गया था. रात में वह परिजन को अचेत अवस्था में मिला था. इसकी सूचना परिजनों ने पुलिस को नहीं दी थी. सुबह परिजन युवक को लेकर थाने आए थे, जहां उसकी खराब स्थिति को देखते हुए थाने से शिकायत लिखकर एक होमगार्ड के साथ इलाज कराने के लिए भेज दिया था, जिससे घायल युवक को इलाज मिल सके. फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मृत्यु के कारणों का पता चल सकेगा. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी."
लखनऊ: जमीन अपने नाम कराने के बाद युवक को दिया जहर
लखनऊ में जमीन अपने नाम कराने के बाद युवक को जहर देकर हत्या मारने का मामला सामने आया है. मामले में मृतक के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है. वहीं पुलिस घटना को संदिग्ध मानकर आगे की कार्रवाई कर रही है.
लखनऊ: जिले के बंथरा थाना क्षेत्र स्थित खटोला गांव में जमीन अपने नाम कराने के युवक को जहर देकर मारने का मामला सामने आया है. आरोप है कि एक युवक को गांव के ही कुछ लोग जबरन अपने साथ ले जाकर युवक की चार बीघे जमीन अपने नाम कराने के बाद उसे जहर दे दिया. जहर देने के बाद उसकी पिटाई की इसके बाद उसे माती के जंगल में मरणासन्न स्थिति में फेंक दिया. युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई. मामले में मृतक युवक के परिजनों ने बंथरा पुलिस पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है. वहीं पुलिस घटना को संदिग्ध मानकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
पुलिस पर गंभीर आरोप
35 वर्षीय नेहरू को गांव के ही तीन-चार लोग मंगलवार को सुबह अपने साथ ले गए थे. परिवार के लोग दिन भर उनकी खोजबीन में लगे रहे. रात में परिजनों को पता चला कि नेहरू माती के जंगल में अचेत अवस्था में पड़ा हैं. सूचना मिलते ही परिजन नेहरू को लेकर बंथरा थाने गए, जहां पुलिस उन्हें कभी मुंशी के पास कभी दरोगा के पास तो कभी कार्यालय के चक्कर लगवाती रही. इधर नेहरू की हालत ज्यादा खराब होने पर बंथरा थाने के एक होमगार्ड के साथ नेहरू को सरोजिनी नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया, जहां इलाज नहीं मिला
समय पर इलाज न मिलने से हुई मौत
नेहरू के परिजन उसे मेडिकल कॉलेज ट्रामा सेंटर ले गए, जहां पर ट्रामा सेंटर में पहले करोना की जांच कराने के बाद ही एडमिट करने की बात कही गई. इस पर परिवार वाले नेहरू को लेकर अर्जुनगंज फिर मोहनलालगंज के कल्ली पश्चिम हरकंसगढ़ी स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में ले गए, जहां देर शाम नेहरू ने दम तोड़ दिया.
मृतक के दामाद ने गांव के लोगों पर लगाया आरोप
मृतक नेहरू के दमाद राहुल ने आरोप लगाया है कि उसके ससुर को जहर पिलाया गया और पीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं परिजनों का आरोप है कि बंथरा पुलिस लापरवाही न बरतती और समय पर इलाज मिल जाता तो नेहरु की जान बच सकती थी. नेहरू के अपहरण और उसकी मौत के लिए परिवार के लोगों ने खटोला के ही तीन-चार लोगों पर आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि इन लोगों ने जबरन नेहरू से 4 बीघा जमीन लिखवा ली है. जहरीला पदार्थ खिलाने के बाद उसकी पिटाई की गई, जिससे उसकी मौत हो गई.
इस मामले में बंथरा थाना प्रभारी रमेश सिंह रावत ने बताया कि "परिजन युवक के अपहरण का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन मंगलवार सुबह वह गांव के ही तीन चार लोगों के साथ गया था. रात में वह परिजन को अचेत अवस्था में मिला था. इसकी सूचना परिजनों ने पुलिस को नहीं दी थी. सुबह परिजन युवक को लेकर थाने आए थे, जहां उसकी खराब स्थिति को देखते हुए थाने से शिकायत लिखकर एक होमगार्ड के साथ इलाज कराने के लिए भेज दिया था, जिससे घायल युवक को इलाज मिल सके. फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मृत्यु के कारणों का पता चल सकेगा. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी."