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मौलाना कल्बे सादिक के चालीसवें पर लखनऊ में हुई मजलिस - उत्तर प्रदेश समाचार

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना डॉक्टर कल्बे सादिक के चालीसवें की मजलिस रविवार को लखनऊ के गुफ्रामाब इमामबाड़े में आयोजित हुई. 24 नवंबर की रात मौलाना डॉ. कल्बे सादिक का निधन हो गया था.

कल्बे सादिक के चलीसवें की मजलिस
कल्बे सादिक के चलीसवें की मजलिस
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Published : Dec 27, 2020, 7:42 PM IST

लखनऊ: शिया धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे मौलाना डॉ. कल्बे सादिक के चालीसवें की मजलिस रविवार को लखनऊ के गुफ्रामाब इमामबाड़े में आयोजित हुई. जिसमें शहर की कई नामचीन हस्तियों के साथ हजारों लोग शामिल हुए और मौलाना कल्बे सादिक को श्रद्धांजलि दी.

मौलाना कल्बे सादिक का 24 नवंबर को हुआ था निधन

24 नवंबर की रात मौलाना डॉ. कल्बे सादिक का लंबी बीमारी के बाद राजधानी लखनऊ के एरा अस्पताल में निधन हो गया था. मौलाना कल्बे सादिक मुस्लिम स्कॉलर होने के साथ-साथ वरिष्ठ शिया धर्म गुरु और मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष भी थे. कल्बे सादिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए खास तौर से पहचाने जाते थे. उन्होंने अपने जीवन के दौरान अपनी तकरीरों के जरिए लोगों में शिक्षा की अलख जगाई. उन्होंने कई ऐसे शिक्षण संस्थानों का भी निर्माण किया जहां पर गरीब और निर्धन बच्चे आसानी से शिक्षा प्राप्त कर सकें. मौलाना कल्बे सादिक का कहना था कि भले ही एक रोटी कम खाएं, लेकिन अपने बच्चों को शिक्षा जरूर प्राप्त कराएं.

गुफ्रामाब इमामबाड़े में हुई चालीसवें की मजलिस

पुराने लखनऊ के चौक इलाके में स्थित गुफ्रामाब इमामबाड़े में मौलाना डॉ. कल्बे सादिक के चालीसवें की मजलिस में शायर मुनव्वर राना, शिक्षाविद जगदीश गांधी समेत कई नामचीन हस्तियों ने शिरकत की. इसमें कई हिंदू-मुस्लिम, धर्मगुरु और सियासतदां भी शामिल रहे. इस मजलिस को आयतुल्लाह अकील उल गेहेरवीं ने संबोधित किया. देश के कई जाने-माने शायरों ने अपने कलाम के जरिए मौलाना कल्बे सादिक को श्रद्धांजलि पेश की.

लखनऊ: शिया धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे मौलाना डॉ. कल्बे सादिक के चालीसवें की मजलिस रविवार को लखनऊ के गुफ्रामाब इमामबाड़े में आयोजित हुई. जिसमें शहर की कई नामचीन हस्तियों के साथ हजारों लोग शामिल हुए और मौलाना कल्बे सादिक को श्रद्धांजलि दी.

मौलाना कल्बे सादिक का 24 नवंबर को हुआ था निधन

24 नवंबर की रात मौलाना डॉ. कल्बे सादिक का लंबी बीमारी के बाद राजधानी लखनऊ के एरा अस्पताल में निधन हो गया था. मौलाना कल्बे सादिक मुस्लिम स्कॉलर होने के साथ-साथ वरिष्ठ शिया धर्म गुरु और मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष भी थे. कल्बे सादिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए खास तौर से पहचाने जाते थे. उन्होंने अपने जीवन के दौरान अपनी तकरीरों के जरिए लोगों में शिक्षा की अलख जगाई. उन्होंने कई ऐसे शिक्षण संस्थानों का भी निर्माण किया जहां पर गरीब और निर्धन बच्चे आसानी से शिक्षा प्राप्त कर सकें. मौलाना कल्बे सादिक का कहना था कि भले ही एक रोटी कम खाएं, लेकिन अपने बच्चों को शिक्षा जरूर प्राप्त कराएं.

गुफ्रामाब इमामबाड़े में हुई चालीसवें की मजलिस

पुराने लखनऊ के चौक इलाके में स्थित गुफ्रामाब इमामबाड़े में मौलाना डॉ. कल्बे सादिक के चालीसवें की मजलिस में शायर मुनव्वर राना, शिक्षाविद जगदीश गांधी समेत कई नामचीन हस्तियों ने शिरकत की. इसमें कई हिंदू-मुस्लिम, धर्मगुरु और सियासतदां भी शामिल रहे. इस मजलिस को आयतुल्लाह अकील उल गेहेरवीं ने संबोधित किया. देश के कई जाने-माने शायरों ने अपने कलाम के जरिए मौलाना कल्बे सादिक को श्रद्धांजलि पेश की.

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