लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सपा-बसपा गठबंधन को धूल चटाने का काम किया है. यूपी जैसे राज्य में पूर्व के चुनाव में जातिवाद हावी रहा है. जातियों के इर्द गिर्द चुनावी समीकरण जीत-हार तय करते रहे हैं. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में एक दूसरे के धुर विरोधी सपा-बसपा जैसे दलों ने जातिवाद को देखते हुए गठबंधन किया और बीजेपी को कड़ी टक्कर देने का दावा किया, लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो सपा-बसपा गठबंधन बहुत ही कम सीटों में सिमट कर रह गया.
गठबंधन का सपना टूटा...
- चुनाव के दौरान हुए गठबंधन के समय यह कयास लगाए जा रहे थे कि सपा-बसपा के गठबंधन से बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
- यूपी में हुए उप चुनाव में इन दलों के एक साथ चुनाव लड़ने के कारण भारतीय जनता पार्टी चुनाव हार गई थी.
- ऐसे में सपा-बसपा-रालोद जैसे दलों को लगा कि जिस प्रकार से वह उपचुनाव के दौरान एक होकर चुनाव लड़े थे तो लोकसभा चुनाव में भी एक होकर चुनाव लड़कर बीजेपी का हरा देंगे, लेकिन यह सिर्फ सपना साबित हुआ.
- जनता ने मोदी सरकार के पांच साल के दौरान किए विकास कार्यों पर मुहर लगाकर बीजेपी को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मदद की.
यह है जीत के प्रमुख कारण...
- भाजपा की ऐतिहासिक विजय के पीछे सबसे बड़ा कारण है- विकास और राष्ट्रवाद का मुद्दा.
- जनता ने जात-पात को किनारे रखकर 'मोदी है तो मुमकिन है' और विकास व राष्ट्रवाद को ज्यादा तवज्जो दी.
- सपा-बसपा गठबंधन को लेकर बीजेपी लगातार हमलावर रही और इसे स्वार्थ का किया गया गठबंधन बताया.
- उत्तर प्रदेश की जनता से अपील की गई कि यह दल एक दूसरे के दुश्मन हैं और मोदी को रोकने के लिए गठबंधन कर रहे हैं.
- ऐसे में उत्तर प्रदेश में मतदाताओं ने भी चुनाव के दौरान खुलकर बीजेपी का साथ दिया
संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका...
- उत्तर प्रदेश में बीजेपी प्रदेश संगठन के द्वारा जिस प्रकार से दो साल पहले से ही लोकसभा चुनाव को टारगेट करते हुए अभियान चलाए गए, वह भी मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में काबिज होने का कारण है.
- प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के नेतृत्व में भाजपा ने बूथ स्तर तक अभियान चलाएं,
- संगठन को एकजुट करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए बाइक संदेश यात्रा, कमल संदेश यात्रा, गांव चलो व चौपाल लगाने के कार्यक्रम काफी संख्या में किए गए.
- इसके अलावा लोगों को जोड़ने के लिए भी बीजेपी ने तमाम तरह के अभियान चलाएं और इसका फायदा बीजेपी को स्वाभाविक रूप से चुनाव में हुआ.
- बीजेपी की ऐतिहासिक जीत होने में संगठन के स्तर पर किए गए यह सारे अभियान बड़े कारण माने जा रहे हैं.
इसके अलावा लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने काफी संख्या में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बीच-बीच में उत्तर प्रदेश आते रहे. इसके अलावा जानकार बताते हैं कि जिस प्रकार से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल का मुद्दा उठाकर मोदी पर आरोप लगाए, वह भी कांग्रेस के पराजय का बड़ा कारण माना जा रहा है. पीएम मोदी ने चौकीदार को चुनावी मुद्दा बना दिया और सभी भाजपा नेताओं ने चौकीदार लिखना शुरू कर दिया, जिसे जनता के बीच खूब टीआरपी मिली और इसका फायदा लोकसभा चुनाव में हुआ.