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यूपी में टूटा जातीय समीकरण, विकास और राष्ट्रवाद के नाम पर बीजेपी की 'ऐतिहासिक जीत' - main reason of bjp victory in lok sabha elections in up

लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है. वहीं, यूपी में इस बार फिर से बीजेपी का कमल खिला है. सपा-बसपा का गठबंधन भी बीजेपी के विजय रथ को रोकने में नाकाम रहा. आखिर क्या है यूपी में बीजेपी की जीत के प्रमुख कारण, देखें यह खास रिपोर्ट...

बीजेपी की ऐतिहासिक जीत.
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Published : May 23, 2019, 9:28 PM IST

Updated : May 23, 2019, 9:51 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सपा-बसपा गठबंधन को धूल चटाने का काम किया है. यूपी जैसे राज्य में पूर्व के चुनाव में जातिवाद हावी रहा है. जातियों के इर्द गिर्द चुनावी समीकरण जीत-हार तय करते रहे हैं. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में एक दूसरे के धुर विरोधी सपा-बसपा जैसे दलों ने जातिवाद को देखते हुए गठबंधन किया और बीजेपी को कड़ी टक्कर देने का दावा किया, लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो सपा-बसपा गठबंधन बहुत ही कम सीटों में सिमट कर रह गया.

यूपी में बीजेपी की जीत के कौन से हैं प्रमुख कारण, देखें वीडियो.

गठबंधन का सपना टूटा...

  • चुनाव के दौरान हुए गठबंधन के समय यह कयास लगाए जा रहे थे कि सपा-बसपा के गठबंधन से बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
  • यूपी में हुए उप चुनाव में इन दलों के एक साथ चुनाव लड़ने के कारण भारतीय जनता पार्टी चुनाव हार गई थी.
  • ऐसे में सपा-बसपा-रालोद जैसे दलों को लगा कि जिस प्रकार से वह उपचुनाव के दौरान एक होकर चुनाव लड़े थे तो लोकसभा चुनाव में भी एक होकर चुनाव लड़कर बीजेपी का हरा देंगे, लेकिन यह सिर्फ सपना साबित हुआ.
  • जनता ने मोदी सरकार के पांच साल के दौरान किए विकास कार्यों पर मुहर लगाकर बीजेपी को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मदद की.

यह है जीत के प्रमुख कारण...

  • भाजपा की ऐतिहासिक विजय के पीछे सबसे बड़ा कारण है- विकास और राष्ट्रवाद का मुद्दा.
  • जनता ने जात-पात को किनारे रखकर 'मोदी है तो मुमकिन है' और विकास व राष्ट्रवाद को ज्यादा तवज्जो दी.
  • सपा-बसपा गठबंधन को लेकर बीजेपी लगातार हमलावर रही और इसे स्वार्थ का किया गया गठबंधन बताया.
  • उत्तर प्रदेश की जनता से अपील की गई कि यह दल एक दूसरे के दुश्मन हैं और मोदी को रोकने के लिए गठबंधन कर रहे हैं.
  • ऐसे में उत्तर प्रदेश में मतदाताओं ने भी चुनाव के दौरान खुलकर बीजेपी का साथ दिया

संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका...

  • उत्तर प्रदेश में बीजेपी प्रदेश संगठन के द्वारा जिस प्रकार से दो साल पहले से ही लोकसभा चुनाव को टारगेट करते हुए अभियान चलाए गए, वह भी मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में काबिज होने का कारण है.
  • प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के नेतृत्व में भाजपा ने बूथ स्तर तक अभियान चलाएं,
  • संगठन को एकजुट करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए बाइक संदेश यात्रा, कमल संदेश यात्रा, गांव चलो व चौपाल लगाने के कार्यक्रम काफी संख्या में किए गए.
  • इसके अलावा लोगों को जोड़ने के लिए भी बीजेपी ने तमाम तरह के अभियान चलाएं और इसका फायदा बीजेपी को स्वाभाविक रूप से चुनाव में हुआ.
  • बीजेपी की ऐतिहासिक जीत होने में संगठन के स्तर पर किए गए यह सारे अभियान बड़े कारण माने जा रहे हैं.


इसके अलावा लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने काफी संख्या में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बीच-बीच में उत्तर प्रदेश आते रहे. इसके अलावा जानकार बताते हैं कि जिस प्रकार से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल का मुद्दा उठाकर मोदी पर आरोप लगाए, वह भी कांग्रेस के पराजय का बड़ा कारण माना जा रहा है. पीएम मोदी ने चौकीदार को चुनावी मुद्दा बना दिया और सभी भाजपा नेताओं ने चौकीदार लिखना शुरू कर दिया, जिसे जनता के बीच खूब टीआरपी मिली और इसका फायदा लोकसभा चुनाव में हुआ.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सपा-बसपा गठबंधन को धूल चटाने का काम किया है. यूपी जैसे राज्य में पूर्व के चुनाव में जातिवाद हावी रहा है. जातियों के इर्द गिर्द चुनावी समीकरण जीत-हार तय करते रहे हैं. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में एक दूसरे के धुर विरोधी सपा-बसपा जैसे दलों ने जातिवाद को देखते हुए गठबंधन किया और बीजेपी को कड़ी टक्कर देने का दावा किया, लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो सपा-बसपा गठबंधन बहुत ही कम सीटों में सिमट कर रह गया.

यूपी में बीजेपी की जीत के कौन से हैं प्रमुख कारण, देखें वीडियो.

गठबंधन का सपना टूटा...

  • चुनाव के दौरान हुए गठबंधन के समय यह कयास लगाए जा रहे थे कि सपा-बसपा के गठबंधन से बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
  • यूपी में हुए उप चुनाव में इन दलों के एक साथ चुनाव लड़ने के कारण भारतीय जनता पार्टी चुनाव हार गई थी.
  • ऐसे में सपा-बसपा-रालोद जैसे दलों को लगा कि जिस प्रकार से वह उपचुनाव के दौरान एक होकर चुनाव लड़े थे तो लोकसभा चुनाव में भी एक होकर चुनाव लड़कर बीजेपी का हरा देंगे, लेकिन यह सिर्फ सपना साबित हुआ.
  • जनता ने मोदी सरकार के पांच साल के दौरान किए विकास कार्यों पर मुहर लगाकर बीजेपी को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मदद की.

यह है जीत के प्रमुख कारण...

  • भाजपा की ऐतिहासिक विजय के पीछे सबसे बड़ा कारण है- विकास और राष्ट्रवाद का मुद्दा.
  • जनता ने जात-पात को किनारे रखकर 'मोदी है तो मुमकिन है' और विकास व राष्ट्रवाद को ज्यादा तवज्जो दी.
  • सपा-बसपा गठबंधन को लेकर बीजेपी लगातार हमलावर रही और इसे स्वार्थ का किया गया गठबंधन बताया.
  • उत्तर प्रदेश की जनता से अपील की गई कि यह दल एक दूसरे के दुश्मन हैं और मोदी को रोकने के लिए गठबंधन कर रहे हैं.
  • ऐसे में उत्तर प्रदेश में मतदाताओं ने भी चुनाव के दौरान खुलकर बीजेपी का साथ दिया

संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका...

  • उत्तर प्रदेश में बीजेपी प्रदेश संगठन के द्वारा जिस प्रकार से दो साल पहले से ही लोकसभा चुनाव को टारगेट करते हुए अभियान चलाए गए, वह भी मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में काबिज होने का कारण है.
  • प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के नेतृत्व में भाजपा ने बूथ स्तर तक अभियान चलाएं,
  • संगठन को एकजुट करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए बाइक संदेश यात्रा, कमल संदेश यात्रा, गांव चलो व चौपाल लगाने के कार्यक्रम काफी संख्या में किए गए.
  • इसके अलावा लोगों को जोड़ने के लिए भी बीजेपी ने तमाम तरह के अभियान चलाएं और इसका फायदा बीजेपी को स्वाभाविक रूप से चुनाव में हुआ.
  • बीजेपी की ऐतिहासिक जीत होने में संगठन के स्तर पर किए गए यह सारे अभियान बड़े कारण माने जा रहे हैं.


इसके अलावा लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने काफी संख्या में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बीच-बीच में उत्तर प्रदेश आते रहे. इसके अलावा जानकार बताते हैं कि जिस प्रकार से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल का मुद्दा उठाकर मोदी पर आरोप लगाए, वह भी कांग्रेस के पराजय का बड़ा कारण माना जा रहा है. पीएम मोदी ने चौकीदार को चुनावी मुद्दा बना दिया और सभी भाजपा नेताओं ने चौकीदार लिखना शुरू कर दिया, जिसे जनता के बीच खूब टीआरपी मिली और इसका फायदा लोकसभा चुनाव में हुआ.

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सपा बसपा गठबंधन को धूल चटाने का काम किया है उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में पूर्व के चुनाव में जातिवाद हावी रहा है। जातियों के इर्द गिर्द चुनावी समीकरण जीत हार तय करते रहे हैं। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में एक दूसरे के धुर विरोधी सपा बसपा जैसे दलों ने जातिवाद को देखते हुए गठबंधन किया और बीजेपी को कड़ी टक्कर देने का दावा किया बीजेपी का सफाया करने का भी सपा बसपा गठबंधन ने दावा किया था लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो सपा बसपा गठबंधन बहुत ही कम सीटों में सिमट कर रह गया। कांग्रेस की स्थिति भी काफी खराब हो गई और अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव हार गए। इससे कांग्रेस को भी बड़ा झटका मिला है।
उत्तर प्रदेश में जातियों के तिलिस्म को भी तोड़ने का काम जनता ने कर दिया है चुनाव के दौरान हुए गठबंधन के समय यह कयास लगाए जा रहे थे कि सपा बसपा का जो मूलभूत कैडर है यादव और जाटों समीकरण इसके साथ ही मुस्लिम समीकरण के साथ यह दल चुनाव लड़ेंगे और इसका खामियाजा भी बीजेपी को भुगतना पड़ेगा खास बात यह भी रही कि उत्तर प्रदेश में उप चुनाव हुए और इन दलों के एक साथ चुनाव लड़ने के कारण भारतीय जनता पार्टी चुनाव हार गई ऐसे में सपा बसपा रालोद जैसे दलों को लगा कि जिस प्रकार से वह उपचुनाव के दौरान एक होकर चुनाव लड़े थे तो लोकसभा चुनाव में भी एक होकर चुनाव लड़ेंगे और उनकी नैया पार हो जाएगी लेकिन यह सिर्फ सपना ही साबित हुआ जनता ने नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा 5 साल के दौरान जिस प्रकार से काम हुआ उसको अधिक तवज्जो देने का काम किया और विकास हुआ राष्ट्रवाद पर मोहर लगाकर बीजेपी की ऐतिहासिक विजय दर्ज करने का काम किया।




Body:भाजपा की ऐतिहासिक विजय के पीछे सबसे बड़ा कारण अब सामने आ रहे हैं वह है विकास और राष्ट्रवाद का मुद्दा उत्तर प्रदेश की जनता ने जात-पात को किनारे रखकर मोदी है तो मुमकिन है तो विकास व राष्ट्रवाद को ज्यादा तवज्जो दी। भारतीय जनता पार्टी ने जिस प्रकार से 5 साल की सरकार के दौरान काम किया और चुनाव से ठीक पहले आतंकवाद पर करारा प्रहार करते हुए राष्ट्रवाद के मुद्दे को धारदी चुनाव के दौरान राष्ट्रवाद का मुद्दा पूरी तरह से छाया रहा भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रवाद और विकास के मुद्दे को ही हवा की इसके अलावा सपा बसपा गठबंधन को लेकर बीजेपी लगातार हमलावर रहे और इसे स्वार्थ का किया गया गठबंधन बताया उत्तर प्रदेश की जनता से अपील की गई कि यह दल एक दूसरे के दुश्मन हैं और मोदी को रोकने के लिए गठबंधन कर रहे हैं मोदी ने कौन सा ऐसा अपराध कर दिया कि यह सब उसे रोकने के लिए काम कर रहे हैं ऐसे में उत्तर प्रदेश में मतदाताओं ने भी चुनाव के दौरान खुलकर बीजेपी का साथ दिया जो मतगणना के साथ भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह विकास और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर ही आगे बढ़ रही है और इसीलिए जनता ने उसका दिल खोल कर दिया है जनता के आशीर्वाद से बीजेपी ने ऐतिहासिक प्राप्त की है।
प्रदेश महामंत्री संगठन के नेतृत्व पर खूब चले अभियान
उत्तर प्रदेश में बीजेपी प्रदेश संगठन के द्वारा जिस प्रकार से 2 साल पहले से लोकसभा चुनाव को टारगेट करते हुए अभियान चलाए गए वह भी मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में काबिज करने में बड़ी भूमिका निभाए हैं प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के नेतृत्व में जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी ने बूथ स्तर तक अभियान चलाएं संगठन को एकजुट करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए बाइक संदेश यात्रा कमल संदेश यात्रा गांव चलो वह चौपाल लगाने के कार्यक्रम भारी मात्रा में किए गए इसके अलावा लाभार्थियों को जोड़ने के लिए भी बीजेपी ने तमाम तरह के अभियान चलाएं और इसका फायदा बीजेपी को स्वाभाविक रूप से चुनाव में हुआ और बीजेपी की ऐतिहासिक जीत होने में यह सारे संगठन के स्तर पर किए गए अभियान बड़ा कारण माने जा रहे हैं।
इसके अलावा लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने काफी संख्या में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे लगाएं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बीच-बीच में उत्तर प्रदेश आते रहे और तमाम तरह के कार्यक्रमों में वह शिरकत करके तमाम शहरी विकास योजनाओं की सौगात भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश को दी जिसे भी लोगों ने सराहनीय काम किया और जीत के पीछे एक बड़ा कारण माना जा रहा है।
इसके अलावा जानकार बताते हैं कि जिस प्रकार से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रॉफेल का मुद्दा उठाकर मोदी पर आरोप लगाए वह भी कांग्रेस के पराजय का बड़ा कारण माना जा रहा है, पीएम मोदी ने चौकीदार को चुनावी मुद्दा बना दिया और सभी भाजपा नेताओं ने चौकीदार लिखना शुरू कर दिया जिसे जनता के बीच खूब टीआरपी मिली और इसका फायदा चुनाव में हुआ।




Conclusion:
Last Updated : May 23, 2019, 9:51 PM IST
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