लखनऊ: राजधानी की संस्कृति से रूबरू करवाने के लिए 'महिंद्रा सनतकदा लखनऊ फेस्टिवल' एक बार फिर दस्तक दे रहा है. यह आयोजन 31 जनवरी से कैसरबाग के सफेद बारादरी में शुरू होगा.
कैसरबाग के सफेद बारादरी में लगने वाले फेस्टिवल में इस बार की थीम 'कस्बाती के रंग' रखी गई है. जिसमें लखनऊ के आसपास के तमाम कस्बों की जानकारी भी मिलेगी और वहां के रहन-सहन और खान-पान को नजदीक से देखने का मौका भी मिलेगा.
माल निवासी देवेंद्र सिंह कहते हैं कि माल में हेरिटेज वॉक के दौरान वहां पर हम लोगों की बोलचाल और भाषा के बारे में बताने की कोशिश करेंगे. इसके साथ ही वहां पर रुकने की व्यवस्था भी की गई है. जहां पर लोग रहकर उस कस्बे के बारे में जान सकते हैं.
काकोरी से आए रियाज अहमद अल्वी कहते हैं कि काकोरी के कबाब तो दुनिया भर में मशहूर हैं, पर इसके साथ ही वहां हेरिटेज वॉक के दौरान कुछ ऐसे ऐतिहासिक इमारतें भी हैं जिनके बारे में लोगों को कम ही पता है. सनतकदा फेस्टिवल के दौरान होने वाली हेरिटेज वॉक में काकोरी के खानपान के साथ वहां के ऐतिहासिकता को भी हम दिखाने की कोशिश करेंगे.
वहीं रुदौली से आए यूनुस कहते हैं कि अनरसे की गोली और हब्शी हलवा ऐसी चीजें हैं, जो रुदौली के खानपान को खास बनाती हैं. सनतकदा फेस्टिवल में इस बार रुदौली से हम यह दो चीजें लाने की तैयारी में है, जिससे राजधानी के लोगों को रुदौली के बारे में भी पता चल सके.