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MP के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन, UP में 3 दिन का राजकीय शोक

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का लखनऊ में निधन हो गया है. उनके बेटे ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. उनके बेटे ने ट्वीट किया कि बाबूजी नहीं रहे... वे लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे. इसके बाद यूपी में 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा कर दी गई.

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राज्यपाल लालजी टंडन का निधन.
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Published : Jul 20, 2020, 11:47 PM IST

Updated : Jul 21, 2020, 10:16 AM IST

लखनऊ: बीते कई दिनों से खराब सेहत के कारण मेदांता अस्पताल में भर्ती भाजपा के पूर्व नेता और मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार को निधन हो गया. सोमवार को उनकी हालत नाजुक बताई जा रही थी. इसको लेकर सोमवार को मेदांता अस्पताल की तरफ से मेडिकल बुलेटिन भी जारी किया गया था, जिसमें उनकी हालत नाजुक होने की बात कही गई थी.

मेदांता अस्पताल में भर्ती मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. डॉक्टर ने उनकी तबीयत गंभीर होने की बात कही थी. दरअसल, बीते 11 जून को मेदांता अस्पताल में भर्ती हुए लालजी टंडन की तबीयत 15 जून को अधिक बिगड़ गई थी. पेट में ब्लीडिंग होने पर उनका ऑपरेशन भी किया गया था. इसके बाद से वह लगातार वेंटिलेटर पर थे.

योगी बोले, लखनऊ के चहेते थे लालजी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने टंडन के पुत्र व यूपी सरकार के मंत्री आशुतोष टंडन से फोन पर वार्ता कर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है. टंडन के निधन पर राज्य सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. योगी ने कहा कि लालजी टंडन के निधन पर देश ने एक लोकप्रिय, जन नेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाजसेवी को खोया है. उन्होंने कहा कि लालजी टंडन लखनऊ के प्राण थे. मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए लालजी टंडन के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.

सरकार की ओर से जारी बयान में प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक की घोषणा की है. लखनऊ के चहेते नेता लालजी टंडन के निधन पर लखनऊ में शोक की लहर है. टंडन भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच ही नहीं बल्कि दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं के बीच भी लोकप्रिय थे. वह इसलिए भी क्योंकि मदद के लिए आए किसी भी व्यक्ति को निराश नहीं किया. लालजी टंडन एक ऐसे नेता थे जो लखनऊ में जाति, धर्म और मजहब से ऊपर उठकर देखे जाते थे.

गुलालाघट पर होगा अंतिम संस्कार
लालजी टंडन का पार्थिव शरीर सुबह 10 बजे से 12 बजे तक त्रिलोकनाथ हाल हजरतगंज और 12 से शाम चार बजे तक उनके आवास सोंधी टोला चौक में रखा जाएगा. शाम 4 बजे गुलालाघट पर अंतिम संस्कार होगा. प्रदेश सरकार के मंत्री और लाल जी टंडन के पास कौन बनने लोगों से अपील की है कि वे सोशल जस्टिस इनका पालन करते हुए अपने घरों से ही श्रद्धांजलि अर्पित करें.

लालजी टंडन का जीवन परिचय

  • लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल, 1935 में हुआ था. उन्होंने स्नातक तक पढ़ाई की थी.
  • अपने शुरुआती जीवन में ही लालजी टंडन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे.
  • 1958 में लालजी का कृष्णा टंडन के साथ विवाह हुआ.
  • संघ से जुड़ने के दौरान ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से उनकी मुलाकात हुई.
  • लालजी शुरू से ही अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीब रहे.

राजनीतिक सफर

  • लालजी टंडन का राजनीतिक सफर साल 1960 में शुरू हुआ.
  • दो बार पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य रहे.
  • इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था.
  • 90 के दशक में यूपी में भाजपा-बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में उनका अहम योगदान रहा.
  • 1978 से 1984 तक और 1990 से 96 तक वे दो बार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे.
  • इस दौरान 1991-92 की उत्तर प्रदेश सरकार में वह मंत्री भी रहे.
  • 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे.
  • 1997 में वह नगर विकास मंत्री रहे.
  • 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के राजनीति से दूर होने पर लखनऊ लोकसभा सीट खाली हो गई.
  • इसके बाद भाजपा ने लखनऊ की लोकसभा सीट लालजी टंडन को ही सौंपी थी.
  • लोकसभा चुनाव में लालजी टंडन ने लखनऊ लोकसभा सीट से आसानी से जीतकर संसद पहुंचे.
  • 21 अगस्त 2018 में उन्हें बिहार के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई.
  • 20 जुलाई 2019 को वह मध्यप्रेदश के राज्यपाल बनाए गए थे.

लखनऊ: बीते कई दिनों से खराब सेहत के कारण मेदांता अस्पताल में भर्ती भाजपा के पूर्व नेता और मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार को निधन हो गया. सोमवार को उनकी हालत नाजुक बताई जा रही थी. इसको लेकर सोमवार को मेदांता अस्पताल की तरफ से मेडिकल बुलेटिन भी जारी किया गया था, जिसमें उनकी हालत नाजुक होने की बात कही गई थी.

मेदांता अस्पताल में भर्ती मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. डॉक्टर ने उनकी तबीयत गंभीर होने की बात कही थी. दरअसल, बीते 11 जून को मेदांता अस्पताल में भर्ती हुए लालजी टंडन की तबीयत 15 जून को अधिक बिगड़ गई थी. पेट में ब्लीडिंग होने पर उनका ऑपरेशन भी किया गया था. इसके बाद से वह लगातार वेंटिलेटर पर थे.

योगी बोले, लखनऊ के चहेते थे लालजी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने टंडन के पुत्र व यूपी सरकार के मंत्री आशुतोष टंडन से फोन पर वार्ता कर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है. टंडन के निधन पर राज्य सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. योगी ने कहा कि लालजी टंडन के निधन पर देश ने एक लोकप्रिय, जन नेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाजसेवी को खोया है. उन्होंने कहा कि लालजी टंडन लखनऊ के प्राण थे. मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए लालजी टंडन के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.

सरकार की ओर से जारी बयान में प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक की घोषणा की है. लखनऊ के चहेते नेता लालजी टंडन के निधन पर लखनऊ में शोक की लहर है. टंडन भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच ही नहीं बल्कि दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं के बीच भी लोकप्रिय थे. वह इसलिए भी क्योंकि मदद के लिए आए किसी भी व्यक्ति को निराश नहीं किया. लालजी टंडन एक ऐसे नेता थे जो लखनऊ में जाति, धर्म और मजहब से ऊपर उठकर देखे जाते थे.

गुलालाघट पर होगा अंतिम संस्कार
लालजी टंडन का पार्थिव शरीर सुबह 10 बजे से 12 बजे तक त्रिलोकनाथ हाल हजरतगंज और 12 से शाम चार बजे तक उनके आवास सोंधी टोला चौक में रखा जाएगा. शाम 4 बजे गुलालाघट पर अंतिम संस्कार होगा. प्रदेश सरकार के मंत्री और लाल जी टंडन के पास कौन बनने लोगों से अपील की है कि वे सोशल जस्टिस इनका पालन करते हुए अपने घरों से ही श्रद्धांजलि अर्पित करें.

लालजी टंडन का जीवन परिचय

  • लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल, 1935 में हुआ था. उन्होंने स्नातक तक पढ़ाई की थी.
  • अपने शुरुआती जीवन में ही लालजी टंडन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे.
  • 1958 में लालजी का कृष्णा टंडन के साथ विवाह हुआ.
  • संघ से जुड़ने के दौरान ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से उनकी मुलाकात हुई.
  • लालजी शुरू से ही अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीब रहे.

राजनीतिक सफर

  • लालजी टंडन का राजनीतिक सफर साल 1960 में शुरू हुआ.
  • दो बार पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य रहे.
  • इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था.
  • 90 के दशक में यूपी में भाजपा-बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में उनका अहम योगदान रहा.
  • 1978 से 1984 तक और 1990 से 96 तक वे दो बार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे.
  • इस दौरान 1991-92 की उत्तर प्रदेश सरकार में वह मंत्री भी रहे.
  • 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे.
  • 1997 में वह नगर विकास मंत्री रहे.
  • 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के राजनीति से दूर होने पर लखनऊ लोकसभा सीट खाली हो गई.
  • इसके बाद भाजपा ने लखनऊ की लोकसभा सीट लालजी टंडन को ही सौंपी थी.
  • लोकसभा चुनाव में लालजी टंडन ने लखनऊ लोकसभा सीट से आसानी से जीतकर संसद पहुंचे.
  • 21 अगस्त 2018 में उन्हें बिहार के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई.
  • 20 जुलाई 2019 को वह मध्यप्रेदश के राज्यपाल बनाए गए थे.
Last Updated : Jul 21, 2020, 10:16 AM IST
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