लखनऊ : हाल ही में लखनऊ में रह चुके व आगरा में तैनात एक डीएसपी के नाम से किसी ने फेसबुक आईडी बनाई और उनकी प्रोफाइल फोटो का भी इस्तेमाल किया. इसके बाद उसने उनके दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी. डीएसपी के कई दोस्तों ने फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली.
इसके बाद डीएसपी के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाने वाले शख्स ने उनके एक दोस्त से फेसुबक मैसेंजर पर चैटिंग की. मैसेंजर पर हाल-चाल पूछने के बाद उसने दोस्त से जरूरी काम का हवाला देते हुए 5,000 रुपये की मांग की.
दोस्त पैसे देने के लिए राजी भी हो गया. इसके बाद नकली आईडी से रिक्वेस्ट भेजने वाले शख्स ने दोस्त से उसके डेबिट कार्ड की जानकारी मांगी तो डीएसपी के दोस्त ने जानकारी देने से मना कर दिया. कहा कि वे उसके अकाउंट में पैसे डाल देगा.
नकली आईडी वाले शख्स ने अपना अकाउंट डीटेल भी दिया
इसके बाद नकली आईडी वाले शख्स ने डीएसपी के दोस्त को अपना बैंक अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड भी चैट के माध्यम से दे दिया जो कि पश्चिम बंगाल के नेशनल बैंक के एक ब्रांच का है.
संयोग से इसी दौरान दोस्त ने अपने डीएसपी दोस्त को कॉल किया तो पता चला कि डीएसपी ने कोई पैसे नहीं मांगे और ना ही उसकी दोस्त के साथ कोई चैटिंग हुई है. इसके बाद उसने नकली आईडी वाले को पुलिस में शिकायत की धमकी दी तो उसने फटाफट चैट डिलीट कर दी और नकली आईडी को भी बंद कर दिया.
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नाइजीरियन गैंग भी सक्रिय, महिला डॉक्टर को बनाया शिकार
जनवरी 2021 में पीजीआई इलाके की महिला डॉक्टर कल्पना से विदेशी नागरिक अलेक्स बनकर दोस्ती और विदेश से गिफ्ट भेजने के बाद जालसाजों के गैंग ने 6 लाख से अधिक की रकम ठगी थी. यूपी एसटीएफ ने नाइजीरिया निवासी थीयाम ब्लाड और अशातू नाम की युवती को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार थीयाम ब्लाड ने बताया कि वह 2018 से नाइजीरिया से आकर दिल्ली में रह रहा है.
उसका भारत में वीजा फरवरी 2020 में समाप्त हो गया था. आरोपी अपनी प्रेमिका अशातू के साथ मिलकर यूएसए, यूएई के नागरिकों की फर्जी 6 फेसबुक और 3 इंस्टाग्राम आईडी बनाकर युवक और युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर धोखाधड़ी कर रहा था. आरोपियों के गैंग में कुछ नाइजीरियन युवक-युवतियों के साथ भारतीय भी शामिल थे.
सुंदर युवक-युवतियों की फोटो लगा बनाते थे अकाउंट, फिर करते थे ठगी
वह लोग फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया ऐप से सुंदर युवक युवतियों की फोटो निकालकर अमीरों और सुंदर युवक-युवतियों की प्रोफाइल बनाकर पुरुषों से विदेशी महिलाएं व महिलाओं से विदेशी पुरुष बनकर दोस्ती करते थे.
फिर अपने-अपने प्रोफाइल के अनुसार, मोबाइल व फेसबुक के माध्यम से भारतीय युवक-युवतियों को जाल में फंसाकर भारत उनसे मिलने आने-शादी कर विदेश ले जाने व उनके लिए रुपये व महंगे गिफ्ट भेजने की बात कहकर ठगी करते.
Fb से दोस्ती की और फिर हनीट्रैप में फंसाया
गुडंबा के कल्याणपुर निवासी अखिलेश चौबे दांताें के डॉक्टर हैं. उनकी सना से फेसबुक पर दोस्ती और फिर अश्लील चैटिंग शुरू हो गई. जाल में फंसाने के बाद सना ने एक दिसंबर की रात डॉ. अखिलेश को कॉल कर सुशांत गोल्फ सिटी ओमेक्स बिल्डिंग फेस-2 में फ्लैट नंबर 1302 में आने को कहा. कहा कि वह अपनी छोटी बहन नीशू से उसकी मुलाकात कराएगी.
फ्लैट पर पहुंचने के बाद कुछ देर तक सना ने डॉक्टर को बातों में उलझाए रखा. इस बीच गिरोह के अन्य सदस्य भी आ धमके और डॉक्टर को पीटने के बाद कमरे में बंधक बना लिया.
डॉक्टर को पिलाई शराब, बनाया अश्लील वीडियो
एसीपी विभूतिखंड स्वतंत्र सिंह ने बताया कि पिटाई के बाद आरोपियों ने डॉक्टर को शराब पिलाई और नीशू के साथ आपत्तिजनक फोटो खींचे और वीडियो भी बनाई. इस दौरान डॉक्टर के पर्स में रखे 30 हजार नकद व चार एटीएम कार्ड भी छीन लिए. पासवर्ड गलत होने के चलते आरोपी एटीएम से पैसे नहीं निकाल सके.
वायरल करने की धमकी दे मांगी मोटी रकम
एसीपी विभूतिखंड ने बताया कि गिरोह ने वीडियो व फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर बंधक डॉक्टर से 30 लाख रुपये मांगे. गिड़गिड़ाने पर भी जब आरोपी नहीं माने तो डॉक्टर ने फोनकर कई परिचितों से मदद मांगी लेकिन कोई भी इतनी बड़ी रकम देने को तैयार नहीं हुआ.
इस बीच उनकी बात टेढ़ी पुलिया के पास रहने वाले उनके दोस्त डॉ. संतोष राय से हुई. वे दो लाख रुपये देने को राजी तो हो गए लेकिन उन्हें दाल में कुछ काला लगा. उन्होंने विभूतिखंड पुलिस से संपर्क कर मामले की जानकारी दी. मामले की गंभीरता को भांपकर पुलिस भी सक्रिय हो गई. इस मामले में एक युवती समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया.
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प्रोफाइल फोटो देखकर स्वीकार ना करें फ्रेंड रिक्वेस्ट
लंबे समय से सोशल मीडिया पर सक्रिय व एक्सपर्ट डॉ. डीके सिंह का कहना है कि ठगों ने फेसबुक पर फ्रॉड करने के लिए एक नया तरीका निकाला है. ये ठग पहले आपकी फेसबुक प्रोफाइल की पड़ताल करते हैं, इसके बाद आपके नाम से एक आईडी बनाते हैं. आपकी वास्तविक आईडी में लगी प्रोफाइल फोटो को नकली आईडी में लगाते हैं.
इसके बाद ये ठग आपके करीबी दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं. अब जैसे ही आपके नाम और आपकी फोटो लगी आईडी से आपके दोस्त के पास रिक्वेस्ट जाती है, वे बिना सोचे-समझे उसे स्वीकार कर लेते हैं.
फिर मांगते हैं पैसे
डॉ. डीके सिंह बताते हैं कि इसके बाद ये ठग आपसे मजबूरी का हवाला देते हुए पैसे मांगते हैं. आपको लगता है कि आपका दोस्त मजबूरी में है. इसलिए आप पैसे भी ट्रांसफर कर देते हैं लेकिन हकीकत में आपके दोस्त ने ना तो पैसे मांगे होते हैं और ना ही उसे पैसे मिलते हैं.
यदि आपकी भी आदत आंखबंद कर फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने और चैटिंग के आधार पर किसी पर भरोसा करने की है तो सावधान होने की जरूरत है अन्यथा आप ठगी का शिकार हो सकते हैं.