लखनऊ : ओडीओपी (one district one product) योजना के तहत शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी जिलों के कॉलेजों को नई जिम्मेदारी दी गई है. इसके तहत विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी जिलों के कॉलेजों में उद्योग व्यवसाय के अनुसार वोकेशनल कोर्स (vocational course) शुरू करने के निर्णय लिया है. इसके लिए यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ स्टडीज (board of studies) से इन शहरों में मौजूद व्यवसाय उद्योग कृषि व दूसरे चीजों पर आधारित वोकेशनल विषयों के सिलेबस को मंजूरी दे दी है. कॉलेजों को कहा गया है कि वह अपने शहर में मौजूद उद्योग, व्यवसाय, कृषि व दूसरी चीजों से संबंधित कोर्स को शुरू कर सकते हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय (LU Vice Chancellor Prof. Alok Kumar Rai) ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत इस सेशन से सभी जिलों में मौजूद उद्योग धंधों कृषि के अनुसार वोकेशनल कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया है. मौजूदा समय में लखनऊ विश्वविद्यालय का दायरा करीब 350 किलोमीटर तक फैला हुआ है. जिनमें पांच जिले आते हैं. रायबरेली में रेल कारखाना व बिजली आदि उद्योग मौजूद हैं. तो वहां के कॉलेजों को इनसे ही जुड़े वोकेशनल कोर्स (व्यावसायिक पाठ्यक्रम) पढ़ाने होंगे. इसी तरह लखीमपुर क्षेत्र में काफी चीनी मिले हैं, तो वहां स्थित कॉलेजों को शुगर केन, चीनी उद्योग या उससे जुड़े व्यवसाय के कोर्स पढ़ाने होंगे. इसी तरह लखनऊ में सर्विसेस सेक्टर में ज्यादा उद्योग है. तो यहां के कॉलेजों को चिकनकारी, जरदोजी उद्योग के विषय पढ़ाने होंगे. हरदोई व सीतापुर में आलू का उत्पादन बहुत अधिक होता है. तो वहां के कॉलेज कृषि में होने वाले फसलों पर आधारित वोकेशनल कोर्स पढ़ाने होंगे.
कुलपति ने बताया कि सभी कॉलेजों जो भी वोकेशनल विषय अपने यहां पर पढ़ा रहा है. उस विषय की परीक्षा कराने की जिम्मेदारी उसी कॉलेज को दी गई है. संबंधित जिलों में एक ही तरह के वोकेशनल कोर्स सभी कॉलेजों को चलाने होंगे. ऐसे में अगर कोई छात्र किसी दूसरे कॉलेज का वोकेशनल कोर्स चयनित करता है तो वह परीक्षा के लिए संबंधित कॉलेज में ही चला जाए. परीक्षा के लिए उसे अपने जिले के बाहर नहीं जाना होगा. मौजूदा समय में यूनिवर्सिटी में जो भी वोकेशनल विषय पढ़ाए जाते हैं. वह सभी हमारे विभागों से संबंधित हैं. ऐसे में दूरदराज के डिग्री कॉलेजों में वह वोकेशनल कोर्स पढ़ा पाना संभव नहीं हो पा रहा था. इसी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी जिलों को उनके यहां के मांग के अनुसार वोकेशनल कोर्स संचालित करने की अनुमति दे दी है.