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लखनऊ विवि के छात्र की सफाई : धरना देने नहीं, परीक्षा देने आया था कैंपस - लखनऊ विवि में धरना प्रदर्शन

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी के प्रदर्शन के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है. इसमें छात्र नीतीश का भी नाम है. जबकि नीतीश का कहना है कि वह परीक्षा देने कैंपस आया था. उसके खिलाफ गलत तरीके से एफआईआर दर्ज कराई गई है.

लखनऊ विवि
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Published : Dec 17, 2020, 8:02 PM IST

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में सरस्वती प्रतिमा के पास एबीवीपी के कार्यकर्ताओं की ओर से 9 नवंबर को धरना प्रदर्शन किया गया था. इस मामले में विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रो. दिनेश कुमार ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन जांच के दौरान राज शेखर, अंशुल और बीए थर्ड इयर के छात्र नीतीश सिंह पर मुकदमा दर्ज हो गया. विश्वविद्यालय के छात्र नीतीश का आरोप है कि वह धरना देने नहीं बल्कि परीक्षा देने विवि आया था. उसके खिलाफ फर्जी तरीके से एफआईआर दर्ज करा दी गई है.

मिड सेमेस्टर की परीक्षा देने आया था छात्र

जानकारी के मुताबिक, एबीवीपी कार्यकर्ताओं के धरने के दौरान एलयू का छात्र नीतीश सिंह परिसर में अपनी मिड सेमेस्टर की परीक्षा देने आया था. तब विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रो. दिनेश कुमार ने बिना किसी छात्र संगठन का नाम लिए अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. साथ ही विवेचना के दौरान एलयू के प्रॉक्टर ने राज शेखर, अंशुल व बीए थर्ड ईयर के छात्र नीतीश सिंह का नाम भी बताकर एफआईआर करवा दी. हालांकि नीतीश सिंह का कहना है कि वह धरने में शमिल नहीं थे और अपनी परीक्षा देने कैंपस में आए थे. वे परीक्षा के बाद वह सीधे परिसर के बाहर चले गए थे. इसके बाद भी उनका नाम इसमें जोड़ दिया गया.


प्रॉक्टर कार्यालय में छात्र ने भेजा पत्र

अब छात्र की ओर से बुधवार को इस संबंध में प्रॉक्टर कार्यालय में पत्र भी भेजा गया है. पत्र में छात्र के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई करने के लिए अनुरोध किया गया है. वहीं प्रॉक्टर का कहना है कि मौके पर वीडियो रिकॉर्डिंग व खींची गई फोटो में अगर छात्र धरने में नहीं पाया जाता है तो नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उनका ये भी कहना है कि विवि परिसर में अदालत के आदेश को देखते हुए धरना-प्रदर्शन प्रतिबंधित है, जिसके चलते एफआईआर कराई गई थी.

यह था मामला

बीते महीने एक न्यूज चैनल के एंकर को मुम्बई में गिरफ्तार किया गया था, जिसकी रिहाई की मांग को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ता एलयू कैंपस में प्रदर्शन कर रहे थे. इस पर विवि प्रशासन की ओर से एफआईआर कराई गई थी.

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में सरस्वती प्रतिमा के पास एबीवीपी के कार्यकर्ताओं की ओर से 9 नवंबर को धरना प्रदर्शन किया गया था. इस मामले में विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रो. दिनेश कुमार ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन जांच के दौरान राज शेखर, अंशुल और बीए थर्ड इयर के छात्र नीतीश सिंह पर मुकदमा दर्ज हो गया. विश्वविद्यालय के छात्र नीतीश का आरोप है कि वह धरना देने नहीं बल्कि परीक्षा देने विवि आया था. उसके खिलाफ फर्जी तरीके से एफआईआर दर्ज करा दी गई है.

मिड सेमेस्टर की परीक्षा देने आया था छात्र

जानकारी के मुताबिक, एबीवीपी कार्यकर्ताओं के धरने के दौरान एलयू का छात्र नीतीश सिंह परिसर में अपनी मिड सेमेस्टर की परीक्षा देने आया था. तब विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रो. दिनेश कुमार ने बिना किसी छात्र संगठन का नाम लिए अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. साथ ही विवेचना के दौरान एलयू के प्रॉक्टर ने राज शेखर, अंशुल व बीए थर्ड ईयर के छात्र नीतीश सिंह का नाम भी बताकर एफआईआर करवा दी. हालांकि नीतीश सिंह का कहना है कि वह धरने में शमिल नहीं थे और अपनी परीक्षा देने कैंपस में आए थे. वे परीक्षा के बाद वह सीधे परिसर के बाहर चले गए थे. इसके बाद भी उनका नाम इसमें जोड़ दिया गया.


प्रॉक्टर कार्यालय में छात्र ने भेजा पत्र

अब छात्र की ओर से बुधवार को इस संबंध में प्रॉक्टर कार्यालय में पत्र भी भेजा गया है. पत्र में छात्र के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई करने के लिए अनुरोध किया गया है. वहीं प्रॉक्टर का कहना है कि मौके पर वीडियो रिकॉर्डिंग व खींची गई फोटो में अगर छात्र धरने में नहीं पाया जाता है तो नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उनका ये भी कहना है कि विवि परिसर में अदालत के आदेश को देखते हुए धरना-प्रदर्शन प्रतिबंधित है, जिसके चलते एफआईआर कराई गई थी.

यह था मामला

बीते महीने एक न्यूज चैनल के एंकर को मुम्बई में गिरफ्तार किया गया था, जिसकी रिहाई की मांग को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ता एलयू कैंपस में प्रदर्शन कर रहे थे. इस पर विवि प्रशासन की ओर से एफआईआर कराई गई थी.

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