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Lucknow University स्टार्टअप को देगी रफ्तार, नवांकुर फाउंडेशन को प्रदेश सरकार से मिली मान्यता

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Published : Mar 10, 2023, 12:08 PM IST

लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के रिसर्च का लाभ समाज के लोगों देने के लिए बड़ी पहल की है. विश्वविद्यालय रिसर्च के आउटपुट के व्यवसायीकरण की योजना बनाई है.

Lucknow University
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लखनऊ: छात्रों के स्टार्टअप को रफ्तार देने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय तैयारियों को अंतिम रूप में है. विश्वविद्यालय अब छात्र-छात्राओं के साथ विश्वविद्यालय के शिक्षकों और उनके रिसर्च को भी बढ़ावा देगा. कुलपति प्रो. आलोक कुमार राव के मुताबिक इसकी पूरी योजना तैयार की जा चुकी है. लखनऊ विश्वविद्यालय ने पिछले सप्ताह नवांकुर फाउंडेशन की स्थापना की थी, जिसको अब प्रदेश सरकार की ओर से मान्यता मिल चुकी है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक राय ने बताया कि विश्वविद्यालय में विभागों में तैनात कई ऐसे प्रोफेसर पढ़ा रहे हैं, जो रिसर्च भी कर रहे हैं. इनकी रिसर्च बड़े पैमाने पर पब्लिश भी की जाती रही हैं कुलपति के अनुसार अब इन रिसर्च से एक आउटपुट लेकर उसका व्यवसायीकरण करने की योजना बनाई जा रही है. इसमें ऐसे उद्योग के लिए काम किया जाएगा, जिन उद्योगों को आसानी से घरों में स्थापित किया जा सके और उसे आय बढ़ाने का स्रोत बना सके. ऐसे प्रोडक्ट पर भी काम किया जाएगा, जो रोजमर्रा की जरूरत है.

कुलपति ने कहा कि इसका सीधा लाभ विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र-छात्राओं को होगा. इसके साथ ही लखनऊ विश्वविद्यालय को भी एक अलग पहचान मिलेगी. विश्वविद्यालय की शिक्षा सिर्फ लैब तक ही सीमित रहे या रिसर्च पब्लिश होकर समाप्त न हो. बल्कि यह समाज तक पहुंचे, लोगों को इसका लाभ हो, उसी दिशा में यह कदम उठाया जा रहा है.

कुलपति ने बताया कि छात्रों के स्तर को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय ने अपने दो शोध पीठ महात्मा गांधी शोध पीठ और भाऊराव शोध पीठ के तहत सीड मनी तैयार किया है. इस बजट का प्रयोग विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्रों के स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा. जल्द ही इसकी कार्य योजना तैयार कर ली जाएगी. उन्होंने बताया कि हमारी कोशिश है कि छात्रों को प्लसमेन्ट के साथ ही उनको स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप के फील्ड में आगे बढ़ाया जाए.

ये भी पढ़ेंः Transport Corporation : होली पर परिवहन निगम पर हुई धनवर्षा, 105 करोड़ रुपये की कमाई

लखनऊ: छात्रों के स्टार्टअप को रफ्तार देने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय तैयारियों को अंतिम रूप में है. विश्वविद्यालय अब छात्र-छात्राओं के साथ विश्वविद्यालय के शिक्षकों और उनके रिसर्च को भी बढ़ावा देगा. कुलपति प्रो. आलोक कुमार राव के मुताबिक इसकी पूरी योजना तैयार की जा चुकी है. लखनऊ विश्वविद्यालय ने पिछले सप्ताह नवांकुर फाउंडेशन की स्थापना की थी, जिसको अब प्रदेश सरकार की ओर से मान्यता मिल चुकी है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक राय ने बताया कि विश्वविद्यालय में विभागों में तैनात कई ऐसे प्रोफेसर पढ़ा रहे हैं, जो रिसर्च भी कर रहे हैं. इनकी रिसर्च बड़े पैमाने पर पब्लिश भी की जाती रही हैं कुलपति के अनुसार अब इन रिसर्च से एक आउटपुट लेकर उसका व्यवसायीकरण करने की योजना बनाई जा रही है. इसमें ऐसे उद्योग के लिए काम किया जाएगा, जिन उद्योगों को आसानी से घरों में स्थापित किया जा सके और उसे आय बढ़ाने का स्रोत बना सके. ऐसे प्रोडक्ट पर भी काम किया जाएगा, जो रोजमर्रा की जरूरत है.

कुलपति ने कहा कि इसका सीधा लाभ विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र-छात्राओं को होगा. इसके साथ ही लखनऊ विश्वविद्यालय को भी एक अलग पहचान मिलेगी. विश्वविद्यालय की शिक्षा सिर्फ लैब तक ही सीमित रहे या रिसर्च पब्लिश होकर समाप्त न हो. बल्कि यह समाज तक पहुंचे, लोगों को इसका लाभ हो, उसी दिशा में यह कदम उठाया जा रहा है.

कुलपति ने बताया कि छात्रों के स्तर को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय ने अपने दो शोध पीठ महात्मा गांधी शोध पीठ और भाऊराव शोध पीठ के तहत सीड मनी तैयार किया है. इस बजट का प्रयोग विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्रों के स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा. जल्द ही इसकी कार्य योजना तैयार कर ली जाएगी. उन्होंने बताया कि हमारी कोशिश है कि छात्रों को प्लसमेन्ट के साथ ही उनको स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप के फील्ड में आगे बढ़ाया जाए.

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