लखनऊ : पीएचडी दाखिलों को लेकर चल रहे विवाद के इतने समय बाद लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने लगभग 525 सीटें निर्धारित की है. उम्मीद की जा सकती है कि पीएचडी के परिणाम जल्द घोषित किए जाएंगे. हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्णय से लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ नाराज है और शिक्षकों के साथ विश्वासघात बताते हुए इस मामले में न्यायालय में जाने की बात कह रहे हैं.
विश्वविद्यालय में पीएचडी अध्यादेश 2018 लागू करने और उसके आधार पर प्रवेश कराने को लेकर विश्वविद्यालय में लगभग पिछले 3 महीने से विवाद चल रहा था. इस विवाद पर अंतिम निर्णय के लिए और सीटों के निर्धारण हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इसमें के फार्मूले के आधार पर शिक्षकों के लिए पीएचडी की लगभग 525 सीटें तय की गईं हैं.
वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय ने प्रवेश आवेदन के समय 648 सीटें जारी की थी, लेकिन उसके बाद 10 शिक्षकों को सीटें वितरित करने के लिए जो नियम लगाया गया, उस पर शिक्षकों की आपत्ति आना शुरू हो गई. इस मामले में शिक्षकों ने राजभवन से लेकर शासन तक शिकायत की. शिक्षकों के इतने विरोध के बाद भी जितनी सीटों पर प्रवेश कराए गए थे, उससे कम सीटों पर परिणाम जारी किए जाएंगे.