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युवाओं को पड़ी ऑनलाइन की लत, अब ऑफलाइन मोड में आने से कतरा रहे

लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के स्तर पर छात्रों के बीच में एक अध्ययन किया गया है. अध्ययन के नतीजे काफी चौंकाने वाले रहे हैं. अध्ययन में पाया गया कि युवाओं को ऑनलाइन क्लासेस की लत पड़ चुकी है.

कॉन्सेप्ट इमेज.
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Published : Aug 25, 2021, 1:34 PM IST

लखनऊ: स्कूलों, कॉलेजों के छात्र-छात्राएं अब ऑनलाइन मोड के आदी हो गए. बड़ी संख्या में ऐसे युवा सामने आए हैं, जिन्हें ऑफलाइन से ज्यादा ऑनलाइन क्लासेस में मजा आ रहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की तरफ से किए गए एक अध्ययन में यह सामने आया है. अध्ययन में पता चला कि जब से ऑफलाइन मोड में क्लास शुरू करने की बात की जा रही है यह छात्र बचने की कोशिश कर रहे हैं. विभाग ने अपने अध्ययन में पाया कि 55% से ज्यादा छात्र-छात्राएं अब ऑनलाइन क्लासेज में ज्यादा सहज महसूस कर रहे हैं.

नौकरी और पढ़ाई बन रही तनाव की वजह
लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की वरिष्ठ शिक्षिका प्रोफेसर मधुरिमा प्रधान ने बताया कि कोरोना ने सामान्य जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया. मार्च 2020 से हम ऑफलाइन मोड से ऑनलाइन हो गए. अब सरकार की तरफ से धीरे-धीरे ऑफलाइन मोड की शुरुआत की जा रही है. करीब डेढ़ साल के इस समय में युवाओं को ऑनलाइन की लत पड़ चुकी है. ऐसे में उनके लिए ऑफलाइन मोड में आ पाना मुश्किल साबित हो रहा है. उन्होंने बताया कि उनके विभाग में करीब 450 छात्र-छात्राएं हैं. इनमें 55% से ज्यादा की ओर से ऑफलाइन कक्षाओं में शामिल होने में असमर्थता जताई गई है. इन्हीं छात्रों के बीच में किए गए अध्ययन में यह भी सामने आया कि युवा भविष्य को लेकर काफी आशंकित है. पढ़ाई और आगे नौकरी की चिंता तनाव का कारण बन रही है.

तीसरी वेब का भी है डर
कोरोना की दो लहरों में हुए विध्वंस को सभी ने करीब से देखा है. ऐसे में तीसरी लहर को लेकर भी इनमें काफी डर है. प्रोफेसर मधुरिमा प्रधान ने बताया कि कई छात्र सिर्फ इसीलिए ऑफलाइन क्लासेस में नहीं आना चाहते. उन्होंने बताया कि कई छात्र-छात्राएं दूसरे शहरों और जिलों से पढ़ने आते हैं. उनके लिए स्थितियां अब भी खराब बनी हुई हैं. सबसे बड़ा तनाव लखनऊ आकर हॉस्टल में रुकने का है.

दिनचर्या में करें यह बदलाव तो तनाव होगा छूमंतर
लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर मधुरिमा प्रधान ने बताया कि कुछ छोटे-छोटे बदलावों से युवा अपने तनाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं.

  • रात को सोने से पहले अगले दिन की प्लानिंग कर लें. अगले दिन जो भी काम करना है, उसको किसी एक जगह लिखें.
  • सुबह उठने के बाद कम से कम दो घंटे खुद को दें. इस दौरान योगाभ्यास करें. खुली हवा में प्राणायाम करने से शरीर में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
  • युवाओं में नाश्ता न करने की आदत होती है, लेकिन यही आदत आपके पूरे दिन के रुटीन को खराब कर सकती है. इसलिए एक निर्धारित समय पर नाश्ता जरूर लें.
  • नाश्ते में आवश्यक पोषकतत्व को जरूर शामिल करें.
  • जब भी तनाव या चिंता की स्थिति हो तो गहरी सांस लें.
  • सुबह के समय किया गया पांच मिनट का ध्यान और यह गहरी सांस आपको दिनभर तरोताजा रखेगी.

लखनऊ: स्कूलों, कॉलेजों के छात्र-छात्राएं अब ऑनलाइन मोड के आदी हो गए. बड़ी संख्या में ऐसे युवा सामने आए हैं, जिन्हें ऑफलाइन से ज्यादा ऑनलाइन क्लासेस में मजा आ रहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की तरफ से किए गए एक अध्ययन में यह सामने आया है. अध्ययन में पता चला कि जब से ऑफलाइन मोड में क्लास शुरू करने की बात की जा रही है यह छात्र बचने की कोशिश कर रहे हैं. विभाग ने अपने अध्ययन में पाया कि 55% से ज्यादा छात्र-छात्राएं अब ऑनलाइन क्लासेज में ज्यादा सहज महसूस कर रहे हैं.

नौकरी और पढ़ाई बन रही तनाव की वजह
लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की वरिष्ठ शिक्षिका प्रोफेसर मधुरिमा प्रधान ने बताया कि कोरोना ने सामान्य जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया. मार्च 2020 से हम ऑफलाइन मोड से ऑनलाइन हो गए. अब सरकार की तरफ से धीरे-धीरे ऑफलाइन मोड की शुरुआत की जा रही है. करीब डेढ़ साल के इस समय में युवाओं को ऑनलाइन की लत पड़ चुकी है. ऐसे में उनके लिए ऑफलाइन मोड में आ पाना मुश्किल साबित हो रहा है. उन्होंने बताया कि उनके विभाग में करीब 450 छात्र-छात्राएं हैं. इनमें 55% से ज्यादा की ओर से ऑफलाइन कक्षाओं में शामिल होने में असमर्थता जताई गई है. इन्हीं छात्रों के बीच में किए गए अध्ययन में यह भी सामने आया कि युवा भविष्य को लेकर काफी आशंकित है. पढ़ाई और आगे नौकरी की चिंता तनाव का कारण बन रही है.

तीसरी वेब का भी है डर
कोरोना की दो लहरों में हुए विध्वंस को सभी ने करीब से देखा है. ऐसे में तीसरी लहर को लेकर भी इनमें काफी डर है. प्रोफेसर मधुरिमा प्रधान ने बताया कि कई छात्र सिर्फ इसीलिए ऑफलाइन क्लासेस में नहीं आना चाहते. उन्होंने बताया कि कई छात्र-छात्राएं दूसरे शहरों और जिलों से पढ़ने आते हैं. उनके लिए स्थितियां अब भी खराब बनी हुई हैं. सबसे बड़ा तनाव लखनऊ आकर हॉस्टल में रुकने का है.

दिनचर्या में करें यह बदलाव तो तनाव होगा छूमंतर
लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर मधुरिमा प्रधान ने बताया कि कुछ छोटे-छोटे बदलावों से युवा अपने तनाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं.

  • रात को सोने से पहले अगले दिन की प्लानिंग कर लें. अगले दिन जो भी काम करना है, उसको किसी एक जगह लिखें.
  • सुबह उठने के बाद कम से कम दो घंटे खुद को दें. इस दौरान योगाभ्यास करें. खुली हवा में प्राणायाम करने से शरीर में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
  • युवाओं में नाश्ता न करने की आदत होती है, लेकिन यही आदत आपके पूरे दिन के रुटीन को खराब कर सकती है. इसलिए एक निर्धारित समय पर नाश्ता जरूर लें.
  • नाश्ते में आवश्यक पोषकतत्व को जरूर शामिल करें.
  • जब भी तनाव या चिंता की स्थिति हो तो गहरी सांस लें.
  • सुबह के समय किया गया पांच मिनट का ध्यान और यह गहरी सांस आपको दिनभर तरोताजा रखेगी.
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