लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने 5 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार दरोगा बृजेश कुमार यादव को 22 फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. 7 फरवरी को झांसी के थाना गरौठा में तैनात दरोगा को विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार किया था. विजिलेंस के निरीक्षक ने इस मामले की एफआईआर थाना नवाबाद में दर्ज कराई थी.
सरकारी वकील केके शुक्ला के मुताबिक इस मामले की शिकायत छोटे लाल निषाद ने दर्ज कराई थी. आरोंप है कि छोटेलाल ने एक आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया था. जिसकी विवेचना दरोगा बृजेश कर रहा था. उसने अभियुक्तों को गिरफ्तार करने व आरोप पत्र दाखिल करने के एवज में 5 हजार रुपए की मांग की थी.
रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार लेखापाल को जमानत नहीं- लखनऊ में रिश्वत के ही एक अन्य मामले में जमीन नापने की एवज में 8 हजार रुपए लेते रंगे हाथ गिरफ्तार की गए लेखपाल कमलेश कुमार की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश रामाकांत प्रसाद ने खारिज कर दी है.
जमानत अर्जी का विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक नीरज कुमार श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि इस मामले की रिपोर्ट शिकायतकर्ता श्रीमती सिया लली सिंह ने 24 दिसंबर 2022 को पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निवारण संगठन से की थी. जिसमें अदालत को बताया गया कि शिकायतकर्ता के जमीन की चकबंदी चल रही थी. जहां लेखपाल कमलेश कुमार ने 13 बिस्वा जमीन नापने के बाद मना कर दिया था. साथ ही लेखपाल ने कहा था कि बाकी जमीन नापने के लिए 14 हजार रुपए लगेगें. जिसमें अदालत को बताया गया कि शिकायतकर्ता ने सीओ चकबंदी से भी संपर्क किया. लेकिन आरोपी लेखपाल ने स्पष्ट कहा कि वह 20 हजार रुपए लेता है. लेकिन 8 हजार में काम कर देगा. जिसके पश्चात पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार संगठन को शिकायत की गई थी.