लखनऊ: आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों को वाहनों के भौतिक निरीक्षण में भी वाहन को टच करने की जरूरत नहीं पड़ती है. उनकी आंखें ही इसके लिए काफी हैं. नजरों से वाहन को देखकर ही उसे फिट और अनफिट घोषित कर देने की अद्भुत क्षमता है. अधिकारियों की इसी तरह की मेहरबान नजरें अनफिट वाहनों को भी फिट घोषित कर सड़क पर दौड़ने का ग्रीन सिग्नल दे रही हैं.
दरअसल, मंगलवार को शहर के व्यवसायिक मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के संचालक अपने वाहनों का भौतिक निरीक्षण कराने आरटीओ कार्यालय पहुंचे थे. यहां पर मौजूद अधिकारी ने वाहन को टच तक नहीं किया और फिट घोषित कर दिया. सवाल उठे तो कहा गया कि जब गाड़ी चलकर आरटीओ कार्यालय आई है तो फिट ही होगी. शहर में चल रहे 15 व्यावसायिक ट्रेनिंग स्कूलों के संचालकों को आरटीओ कार्यालय की तरफ से नोटिस जारी किया गया था. इसके बावजूद मंगलवार को सिर्फ पांच स्कूलों के संचालक ही अपने व्यवसायिक वाहन लेकर आरटीओ कार्यालय पहुंचे. कॉमर्शियल वाहनों में ऐसे भी वाहन शामिल थे. जिन्हें, देखकर ही लग रहा था कि भला यह फिट कैसे हो सकते हैं, लेकिन मौके पर मौजूद अधिकारी आरआई जयसिंह ने इन वाहनों को देखते ही फिट घोषित कर दिया. उन्होंने इतनी भी जहमत नहीं उठाई कि वाहन के अंदर क्लच, ब्रेक, हैंड ब्रेक, फायर एक्सटिंगशर, फर्स्ट एड बॉक्स ही जांच लिए जाएं.
जांच के लिए पहुंचे सिर्फ आधा दर्जन वाहन
आरटीओ कार्यालय में पांच मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के छह वाहन ही जांच के लिए पहुंचे थे. इन वाहनों की चेकिंग में अधिकारियों ने भरपूर खानापूरी की. न कोई मशीन का इस्तेमाल किया न किसी उपकरण का. सिर्फ नजरों का इस्तेमाल कर वाहनों को फिट घोषित करते हुए वापस भेज दिया.
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