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लखनऊ : मार्च से बंद पड़े जनरल टिकट काउंटर, 'रेलवे का फायदा, यात्रियों का नुकसान'

लखनऊ रेलवे स्टेशन पर मार्च से ही जनरल काउंटर बंद पड़े हैं. इस कारण यात्रियों को ट्रेन सफर महंगा पड़ रहा है. वहीं रेलवे प्रशासन का तर्क है कि जब कोरोना का प्रकोप समाप्त हो जाएगा, तभी जनरल काउंटर खोले जाएंगे.

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Published : Nov 30, 2020, 10:51 AM IST

जनरल टिकट काउंटर बने शोपीस.
जनरल टिकट काउंटर बने शोपीस.

लखनऊ : कोरोना का प्रकोप रोकने और अपने फायदे के कारण रेलवे प्रशासन ने मार्च से लेकर अभी तक यात्रियों के लिए जनरल काउंटर पूरी तरह बंद कर रखे हैं. रिजर्वेशन करवाकर यात्री ट्रेन में सफर कर रहे हैं. इससे रेलवे को भरपूर फायदा हो रहा है, लेकिन यात्रियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. यात्रियों को काफी महंगा टिकट खरीदना पड़ रहा है. इतना ही नहीं कंफर्म टिकट के लिए काफी दिक्कत का भी सामना करना पड़ रहा है.

जनरल टिकट काउंटर बने शोपीस
रेलवे ने मार्च माह में ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया था, वजह थी कोरोना का तेजी से प्रसार. इसके बाद एक जून से रेलवे ने कुल 200 ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू किया. इस दौरान रेलवे प्रशासन ने ट्रेन से सफर के दौरान इतनी शर्तें लगा दीं कि यात्रियों को यात्रा करना भी मुश्किल हो गया है. इन शर्तों में रेलवे ने जनरल यूटीएस टिकटों की बुकिंग बंद कर यात्रियों को ट्रेन में रिजर्वेशन करवा कर ही सफर करने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए. ऐसे में संक्रमण काल के दौरान बड़ी संख्या में श्रमिक दिल्ली और मुंबई से लखनऊ पहुंचे. जब उन्होंने वापस काम के लिए रुख किया तो उनके लिए कंफर्म टिकट का बड़ा संकट खड़ा हो गया.

काउंटर खोलने की मांग
यात्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एस.एस. उप्पल का कहना है कि काम के सिलसिले में लखनऊ से बड़ी संख्या में श्रमिक मुंबई काम जाते हैं. पहले वह जनरल काउंटर से टिकट खरीद कर जनरल बोगी में सफर कर लेते थे. उन्हें ट्रेन में आराम से सीटें मिलें इसके लिए लखनऊ जंक्शन पर टोकन की व्यवस्था की गई, लेकिन अब उन्हीं श्रमिकों को पुष्पक सहित दूसरी ट्रेनों में सफर करने के लिए रिजर्वेशन काउंटर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. जनरल टिकट उन्हें सस्ता पड़ता था, जबकि रिजर्वेशन करा कर सफर करने पर उनका बजट बिगड़ रहा है. रेलवे प्रशासन से कई बार जनरल काउंटर खोलने की मांग की गई है लेकिन अभी इस बारे में रेलवे ने कोई विचार ही नहीं किया है. रेलवे प्रशासन का तर्क है कि जब कोरोना का प्रकोप समाप्त हो जाएगा, तभी जनरल काउंटर खोले जाएंगे, जिससे यात्रियों का सफर सुरक्षित रहे.

लखनऊ : कोरोना का प्रकोप रोकने और अपने फायदे के कारण रेलवे प्रशासन ने मार्च से लेकर अभी तक यात्रियों के लिए जनरल काउंटर पूरी तरह बंद कर रखे हैं. रिजर्वेशन करवाकर यात्री ट्रेन में सफर कर रहे हैं. इससे रेलवे को भरपूर फायदा हो रहा है, लेकिन यात्रियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. यात्रियों को काफी महंगा टिकट खरीदना पड़ रहा है. इतना ही नहीं कंफर्म टिकट के लिए काफी दिक्कत का भी सामना करना पड़ रहा है.

जनरल टिकट काउंटर बने शोपीस
रेलवे ने मार्च माह में ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया था, वजह थी कोरोना का तेजी से प्रसार. इसके बाद एक जून से रेलवे ने कुल 200 ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू किया. इस दौरान रेलवे प्रशासन ने ट्रेन से सफर के दौरान इतनी शर्तें लगा दीं कि यात्रियों को यात्रा करना भी मुश्किल हो गया है. इन शर्तों में रेलवे ने जनरल यूटीएस टिकटों की बुकिंग बंद कर यात्रियों को ट्रेन में रिजर्वेशन करवा कर ही सफर करने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए. ऐसे में संक्रमण काल के दौरान बड़ी संख्या में श्रमिक दिल्ली और मुंबई से लखनऊ पहुंचे. जब उन्होंने वापस काम के लिए रुख किया तो उनके लिए कंफर्म टिकट का बड़ा संकट खड़ा हो गया.

काउंटर खोलने की मांग
यात्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एस.एस. उप्पल का कहना है कि काम के सिलसिले में लखनऊ से बड़ी संख्या में श्रमिक मुंबई काम जाते हैं. पहले वह जनरल काउंटर से टिकट खरीद कर जनरल बोगी में सफर कर लेते थे. उन्हें ट्रेन में आराम से सीटें मिलें इसके लिए लखनऊ जंक्शन पर टोकन की व्यवस्था की गई, लेकिन अब उन्हीं श्रमिकों को पुष्पक सहित दूसरी ट्रेनों में सफर करने के लिए रिजर्वेशन काउंटर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. जनरल टिकट उन्हें सस्ता पड़ता था, जबकि रिजर्वेशन करा कर सफर करने पर उनका बजट बिगड़ रहा है. रेलवे प्रशासन से कई बार जनरल काउंटर खोलने की मांग की गई है लेकिन अभी इस बारे में रेलवे ने कोई विचार ही नहीं किया है. रेलवे प्रशासन का तर्क है कि जब कोरोना का प्रकोप समाप्त हो जाएगा, तभी जनरल काउंटर खोले जाएंगे, जिससे यात्रियों का सफर सुरक्षित रहे.

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