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Dharmendra Pal murder: पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने किया साजिश का पर्दाफाश, हत्या को बनाया था आत्महत्या

लखनऊ के काकोरी में हुए हत्या का पुलिस ने खुलासा करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हत्या के मुख्य आरोपी को पुलिस ने उज्जैन से गिरफ्तार किया.

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Published : Feb 25, 2023, 4:08 PM IST

घटना का खुलासा करते लखनऊ पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर

लखनऊः राजधानी के काकोरी में 14 फरवरी को हुए धर्मेंद्र पाल की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. अपराधियों ने हत्या करने के आत्महत्या बनाने की साजिश रची थी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए धर्मेंद्र पाल हत्याकांड में मुख्य आरोपी नीरज यादव और उसके सहयोगी श्रवण यादव, शूटर शिवा यादव और हिमांशु यादव को गिरफ्तार किया है.

लखनऊ पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि मृतक धर्मेंद्र पाल मास्टरमाइंड नीरज यादव के साथ मिलकर प्रॉपर्टी का काम करता था. पिछले कुछ समय से धर्मेंद्र पाल अकेले काम कर रहा था, जिसको लेकर नीरज यादव धर्मेंद्र पाल से नाराज था. इसी नाराजगी के चलते नीरज ने धर्मपाल की हत्या की साजिश रची.

लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने बताया कि नीरज यादव और श्रवण यादव ने घटना को अंजाम देने के लिए शूटर शिवा और हिमांशु यादव को तैयार किया, जिन्होंने मौके पर पहुंचकर धर्मेंद्र यादव की कार में उसकी हत्या की. हत्या को सुसाइड साबित करने के लिए मौके पर एक असलहा छोड़ दिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को जब एक बंद कार के अंदर ड्राइविंग सीट पर बैठे मृतक के पास असलहा मिला तो प्रथम दृष्टया में घटना आत्महत्या लगी. हालांकि, पुलिस ने इस मामले को गंभीरता में लेते हुए हर एंगल से इसकी जांच की, जिसके बाद सच सामने आया.

पोस्टमार्टम में हुआ खुलासाः गौरतलब है कि ठाकुरगंज इंस्पेक्टर विजय द्वारा कराए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस के होश उड़ गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में धर्मेंद्र पाल की हत्या में प्रयोग किए गए असलहे और मौके से बरामद असलहे में अंतर पाया गया. जिसके बाद पुलिस ने इस पूरे मामले की पड़ताल शुरू की. पड़ताल में पता चला कि जिस समय धर्मपाल की हत्या हुई. वह फोन पर किसी से बातचीत कर रहा था. जिसके बाद धर्मेंद्र पाल की कॉल डिटेल निकाली गई. ‌

पूछताछ से बचने के लिए फरार हुआ नीरजः पुलिस की पड़ताल सामने आया कि शूटर शिवा और हिमांशु ने धर्मेंद्र पाल के पास पहुंचकर सुनसान इलाके में उसके जबड़े में गोली मारकर घटना को अंजाम दिया. जिसके बाद गाड़ी के सभी लॉक लगाकर डिग्गी के रास्ते बाहर निकल आए और मौके पर एक असलहा छोड़ दिया ताकि यह लगे कि मृतक ने आत्महत्या की है. पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो शक की सुई नीरज यादव की तरफ गई. नीरज यादव से पुलिस ने बातचीत करने की कोशिश की तो वह अपनों सहयोगियों के साथ फरार हो गया.

उज्जैन से हुई गिरफ्तारीः इसके बाद पुलिस को उसे गिरफ्तार करने के लिए दो टीमों को उज्जैन भेजा, जहां से नीरज की गिरफ्तारी की गयी. नीरज के साथ श्रवण को भी गिरफ्तार किया गया. दोनों की पूछताछ के आधार पर शूटर शिवा और हिमांशु को भी पुलिस ने पकड़ लिया. चारों से पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि क्षेत्र में वर्चस्व, जमीन के कारोबार को लेकर धर्मेन्द्र पाल की हत्या की साजिश रची गई और घटना को अंजाम दिया गया.

ये भी पढ़ेंः Raju Pal Murder Case : क्या था विधायक राजू पाल हत्याकांड, जिसके मुख्य गवाह थे उमेश, जानिए जब थर्राया था शहर

घटना का खुलासा करते लखनऊ पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर

लखनऊः राजधानी के काकोरी में 14 फरवरी को हुए धर्मेंद्र पाल की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. अपराधियों ने हत्या करने के आत्महत्या बनाने की साजिश रची थी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए धर्मेंद्र पाल हत्याकांड में मुख्य आरोपी नीरज यादव और उसके सहयोगी श्रवण यादव, शूटर शिवा यादव और हिमांशु यादव को गिरफ्तार किया है.

लखनऊ पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि मृतक धर्मेंद्र पाल मास्टरमाइंड नीरज यादव के साथ मिलकर प्रॉपर्टी का काम करता था. पिछले कुछ समय से धर्मेंद्र पाल अकेले काम कर रहा था, जिसको लेकर नीरज यादव धर्मेंद्र पाल से नाराज था. इसी नाराजगी के चलते नीरज ने धर्मपाल की हत्या की साजिश रची.

लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने बताया कि नीरज यादव और श्रवण यादव ने घटना को अंजाम देने के लिए शूटर शिवा और हिमांशु यादव को तैयार किया, जिन्होंने मौके पर पहुंचकर धर्मेंद्र यादव की कार में उसकी हत्या की. हत्या को सुसाइड साबित करने के लिए मौके पर एक असलहा छोड़ दिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को जब एक बंद कार के अंदर ड्राइविंग सीट पर बैठे मृतक के पास असलहा मिला तो प्रथम दृष्टया में घटना आत्महत्या लगी. हालांकि, पुलिस ने इस मामले को गंभीरता में लेते हुए हर एंगल से इसकी जांच की, जिसके बाद सच सामने आया.

पोस्टमार्टम में हुआ खुलासाः गौरतलब है कि ठाकुरगंज इंस्पेक्टर विजय द्वारा कराए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस के होश उड़ गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में धर्मेंद्र पाल की हत्या में प्रयोग किए गए असलहे और मौके से बरामद असलहे में अंतर पाया गया. जिसके बाद पुलिस ने इस पूरे मामले की पड़ताल शुरू की. पड़ताल में पता चला कि जिस समय धर्मपाल की हत्या हुई. वह फोन पर किसी से बातचीत कर रहा था. जिसके बाद धर्मेंद्र पाल की कॉल डिटेल निकाली गई. ‌

पूछताछ से बचने के लिए फरार हुआ नीरजः पुलिस की पड़ताल सामने आया कि शूटर शिवा और हिमांशु ने धर्मेंद्र पाल के पास पहुंचकर सुनसान इलाके में उसके जबड़े में गोली मारकर घटना को अंजाम दिया. जिसके बाद गाड़ी के सभी लॉक लगाकर डिग्गी के रास्ते बाहर निकल आए और मौके पर एक असलहा छोड़ दिया ताकि यह लगे कि मृतक ने आत्महत्या की है. पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो शक की सुई नीरज यादव की तरफ गई. नीरज यादव से पुलिस ने बातचीत करने की कोशिश की तो वह अपनों सहयोगियों के साथ फरार हो गया.

उज्जैन से हुई गिरफ्तारीः इसके बाद पुलिस को उसे गिरफ्तार करने के लिए दो टीमों को उज्जैन भेजा, जहां से नीरज की गिरफ्तारी की गयी. नीरज के साथ श्रवण को भी गिरफ्तार किया गया. दोनों की पूछताछ के आधार पर शूटर शिवा और हिमांशु को भी पुलिस ने पकड़ लिया. चारों से पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि क्षेत्र में वर्चस्व, जमीन के कारोबार को लेकर धर्मेन्द्र पाल की हत्या की साजिश रची गई और घटना को अंजाम दिया गया.

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