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धूल खा रहीं 112 चोरी की गाड़ियां, पुलिस को नहीं पता मालिक कौन

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Published : Nov 27, 2020, 3:43 PM IST

लखनऊ पुलिस ने जुलाई माह में देश के सबसे बड़े वाहन चोर गैंग का खुलासा करते हुए 112 चार पहिया गाड़ियां बरामद की थी. इसमें 62 लग्जरी कारें मौजूद थी. इस खुलासे को आज 4 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन आज भी यह गाड़ियां पुलिस लाइन के मैदान में धूल फांक रही हैं. पुलिस अभी तक इनके मालिकों को नहीं खोज पाई है.

धूल खा रही 112 चोरी की गाड़ियां
धूल खा रही 112 चोरी की गाड़ियां

लखनऊ: राजधानी की पुलिस ने देश के सबसे बड़े वाहन चोर गैंग का खुलासा किया था. जुलाई माह में लखनऊ पुलिस ने खुलासा करते हुए 112 चार पहिया गाड़ियां बरामद की थी. पुलिस द्वारा यह भी बताया गया था कि यह देश में चोरी की गाड़ियों का एक साथ सबसे बड़ा खुलासा है. इन गाड़ियों में 62 लग्जरी कारें मौजूद थी. करोड़ों रुपये की इन गाड़ियों की बरामदगी के बाद आज तक यह पुलिस लाइन के मैदान में खड़ी हुई है. इन गाड़ियों में से अभी कुछ गाड़ियों की पहचान हो पाई है, जबकि ज्यादातर गाड़ियां आज भी धूल फांक रही हैं. 4 महीने पहले इस खुलासे के बाद पुलिस ने अपनी पीठ जमकर थपथपाई थी, लेकिन इस बड़े खुलासे के बाद यह गाड़ियां उनके हकदारों तक नहीं पहुंच पाई. जबकि गैंग के लोगों ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि एक्सीडेंट कारों को नीलामी में खरीद कर, फिर उसी तरह की कार को चुराते थे. फिर उस कार को बेचने का काम करते थे. इस गैंग के 7 लोग पकड़े गए थे.

देखे स्पेशल रिपोर्ट.

कार चोरी गैंग के सबसे बड़े खुलासे के बाद भी धूल खा रही है गाड़ियां
राजधानी लखनऊ में 22 जुलाई 2020 को पुलिस उपायुक्त सुमन वर्मा की अगुवाई में देश के सबसे बड़े वाहन चोर गैंग का खुलासा हुआ था. पुलिस ने एक साथ 112 चार पहिया गाड़ियां बरामद कर पूरे प्रदेश में वाहवाही लूटी थी. इस खुलासे को आज 4 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन आज भी यह गाड़ियां पुलिस लाइन के मैदान में धूल फांक रही हैं. जबकि इन गाड़ियों में 62 लग्जरी गाड़ियां मौजूद है. अगर कीमत की बात की जाए तो यह कई करोड़ों रुपये की कीमत वाली गाड़ियां आज भी अपने मालिक के इंतजार में खड़ी है. लेकिन पुलिस अभी तक इनके मालिकों को नहीं खोज पाई है.

कैसे पकड़ा गया था यह गैंग
22 जुलाई 2020 को देश के सबसे बड़े वाहन चोर गैंग का खुलासा कर राजधानी लखनऊ की पुलिस ने अपने नाम एक कीर्तिमान बनाया था. पुलिस उपायुक्त सुमन वर्मा की अगुवाई में सहायक पुलिस आयुक्त अमित कुमार और सहायक पुलिस आयुक्त स्वतंत्र कुमार की टीम ने कमता तिराहे के पास से गैंग के दो सदस्य सतपाल और मनोज कुमार को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह चोरी की गाड़ियों की बेचने का काम करते हैं. वहीं इनकी निशानदेही पर पीजीआई थाना क्षेत्र के कल्ली के पास से 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया. वहीं इन सदस्यों से पूछताछ के बाद कुल 112 चार पहिया गाड़ियां बरामद हुई थी. इनमें 62 लग्जरी वाहन थे. गिरोह के सदस्य हादसे की शिकार हुई गाड़ियों को नीलामी में खरीदते थे, फिर उसी तरह की गाड़ियों की चोरी करके उन्हें एक्सीडेंट जैसी गाड़ी में बदलते थे. फिर इन एक्सीडेंट की गाड़ियों को बेचकर वह बड़ा सौदा करते थे.

दुर्दशा के शिकार हो रही है यह बरामद गाड़ियां
राजधानी लखनऊ कि पुलिस ने जहां सबसे बड़ा खुलासा कर 112 चार पहिया की गाड़ियां बरामद की थी. वहीं यह गाड़ियां पिछले 4 महीनों से गर्मी, बरसात अब ठंड की मार झेल रही है. मैदान में खड़ी गाड़ियां आज भी अपने मालिकों के इंतजार में खड़ी हैं, क्योंकि पुलिस ने खुलासे के बाद इनको जल्द ही इनके हकदारों तक सौंपने की बात कही थी, लेकिन 4 महीने बीतने के बाद भी इनके हकदार को खोजा नहीं जा सका है.

इस मामले में एफएसएल की टीम के द्वारा सैंपल कलेक्ट कराए गए हैं. वहीं इनकी जांच रिपोर्ट भी आनी बाकी है. वहीं इस मामले में कोरोना वायरस के चलते थोड़ी सी लेटलतीफी हुई है, लेकिन जल्द ही गाड़ियों के वास्तविक मालिकों की पहचान करा कर उन्हें सौंप दी जाएगी.
-डीके ठाकुर, पुलिस कमिश्नर, लखनऊ

लखनऊ: राजधानी की पुलिस ने देश के सबसे बड़े वाहन चोर गैंग का खुलासा किया था. जुलाई माह में लखनऊ पुलिस ने खुलासा करते हुए 112 चार पहिया गाड़ियां बरामद की थी. पुलिस द्वारा यह भी बताया गया था कि यह देश में चोरी की गाड़ियों का एक साथ सबसे बड़ा खुलासा है. इन गाड़ियों में 62 लग्जरी कारें मौजूद थी. करोड़ों रुपये की इन गाड़ियों की बरामदगी के बाद आज तक यह पुलिस लाइन के मैदान में खड़ी हुई है. इन गाड़ियों में से अभी कुछ गाड़ियों की पहचान हो पाई है, जबकि ज्यादातर गाड़ियां आज भी धूल फांक रही हैं. 4 महीने पहले इस खुलासे के बाद पुलिस ने अपनी पीठ जमकर थपथपाई थी, लेकिन इस बड़े खुलासे के बाद यह गाड़ियां उनके हकदारों तक नहीं पहुंच पाई. जबकि गैंग के लोगों ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि एक्सीडेंट कारों को नीलामी में खरीद कर, फिर उसी तरह की कार को चुराते थे. फिर उस कार को बेचने का काम करते थे. इस गैंग के 7 लोग पकड़े गए थे.

देखे स्पेशल रिपोर्ट.

कार चोरी गैंग के सबसे बड़े खुलासे के बाद भी धूल खा रही है गाड़ियां
राजधानी लखनऊ में 22 जुलाई 2020 को पुलिस उपायुक्त सुमन वर्मा की अगुवाई में देश के सबसे बड़े वाहन चोर गैंग का खुलासा हुआ था. पुलिस ने एक साथ 112 चार पहिया गाड़ियां बरामद कर पूरे प्रदेश में वाहवाही लूटी थी. इस खुलासे को आज 4 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन आज भी यह गाड़ियां पुलिस लाइन के मैदान में धूल फांक रही हैं. जबकि इन गाड़ियों में 62 लग्जरी गाड़ियां मौजूद है. अगर कीमत की बात की जाए तो यह कई करोड़ों रुपये की कीमत वाली गाड़ियां आज भी अपने मालिक के इंतजार में खड़ी है. लेकिन पुलिस अभी तक इनके मालिकों को नहीं खोज पाई है.

कैसे पकड़ा गया था यह गैंग
22 जुलाई 2020 को देश के सबसे बड़े वाहन चोर गैंग का खुलासा कर राजधानी लखनऊ की पुलिस ने अपने नाम एक कीर्तिमान बनाया था. पुलिस उपायुक्त सुमन वर्मा की अगुवाई में सहायक पुलिस आयुक्त अमित कुमार और सहायक पुलिस आयुक्त स्वतंत्र कुमार की टीम ने कमता तिराहे के पास से गैंग के दो सदस्य सतपाल और मनोज कुमार को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह चोरी की गाड़ियों की बेचने का काम करते हैं. वहीं इनकी निशानदेही पर पीजीआई थाना क्षेत्र के कल्ली के पास से 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया. वहीं इन सदस्यों से पूछताछ के बाद कुल 112 चार पहिया गाड़ियां बरामद हुई थी. इनमें 62 लग्जरी वाहन थे. गिरोह के सदस्य हादसे की शिकार हुई गाड़ियों को नीलामी में खरीदते थे, फिर उसी तरह की गाड़ियों की चोरी करके उन्हें एक्सीडेंट जैसी गाड़ी में बदलते थे. फिर इन एक्सीडेंट की गाड़ियों को बेचकर वह बड़ा सौदा करते थे.

दुर्दशा के शिकार हो रही है यह बरामद गाड़ियां
राजधानी लखनऊ कि पुलिस ने जहां सबसे बड़ा खुलासा कर 112 चार पहिया की गाड़ियां बरामद की थी. वहीं यह गाड़ियां पिछले 4 महीनों से गर्मी, बरसात अब ठंड की मार झेल रही है. मैदान में खड़ी गाड़ियां आज भी अपने मालिकों के इंतजार में खड़ी हैं, क्योंकि पुलिस ने खुलासे के बाद इनको जल्द ही इनके हकदारों तक सौंपने की बात कही थी, लेकिन 4 महीने बीतने के बाद भी इनके हकदार को खोजा नहीं जा सका है.

इस मामले में एफएसएल की टीम के द्वारा सैंपल कलेक्ट कराए गए हैं. वहीं इनकी जांच रिपोर्ट भी आनी बाकी है. वहीं इस मामले में कोरोना वायरस के चलते थोड़ी सी लेटलतीफी हुई है, लेकिन जल्द ही गाड़ियों के वास्तविक मालिकों की पहचान करा कर उन्हें सौंप दी जाएगी.
-डीके ठाकुर, पुलिस कमिश्नर, लखनऊ

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