लखनऊ: राजधानी लखनऊ को एक काबिल जिला विद्यालय निरीक्षक की जरूरत है. यह सुनने में अटपटा जरूर है लेकिन सच है. लखनऊ के पूर्व डीआईओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह को बीती 10 सितंबर को पद से हटाया गया था. माध्यमिक शिक्षा विभाग और शासन उसके पहले से ही अगले जिला विद्यालय निरीक्षक की तलाश कर रहे हैं, लेकिन कोई नहीं मिल पाया.
डॉ. मुकेश कुमार सिंह को पद से हटाए जाने के बाद इसकी जिम्मेदारी जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय को सौंपी गई. वह उसके पहले से ही अवकाश पर चल रहे हैं. वर्तमान में एसोसिएट डीआईओएस रीता सिंह को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है. माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री डॉ. आरपी मिश्रा का आरोप है कि लखनऊ में नियुक्ति न हो पाने के कारण कार्य बाधित हो गया है. सोसायटी रजिस्टर्ड चिटफंड कार्यालय से कई शैक्षिक संस्थानों में प्रबंध समितियों के साथ साठगांठ करके फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. उनकी तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर नए जल्द से जल्द जिला विद्यालय निरीक्षक की तैनाती किए जाने की मांग उठाई है.
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के पास ही माध्यमिक शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी भी है. वह डॉ. मुकेश कुमार सिंह की कार्यप्रणाली से काफी प्रभावित रहे हैं. डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने 24 अप्रैल 2017 को लखनऊ डीआईओएस पद की जिम्मेदारी संभाली थी. करीब 4 साल के अपने कार्यकाल में उन्हें डीआईओएस कार्यालय की छवि सुधारने में अहम भूमिका निभाई. प्रशासनिक अधिकारी के रूप में एक और जहां उन्होंने सरकार की नीतियों को प्रभावित से लागू किया. वहीं दूसरी ओर छात्रों के बीच भी अपनी जगह बनाई. ऐसे में अब डॉ. मुकेश कुमार सिंह की टक्कर के ही अधिकारी की तलाश की जा रही है.
डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने अपने कार्यकाल में कुछ ऐसी फाइलें खोल दी हैं. जिनमें कई बड़े नाम फंस गए हैं. उनके पद से हटने के बाद कई भी अधिकारी अब इन फाइलों में जल्दी हाथ नहीं डालना चाह रहा है. जानकारों की मानें तो, डीआईओएस लखनऊ की कुर्सी पर आते ही इनका सामना करना पड़ सकता है.
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