लखनऊ : नगर निगम प्रशासन लखनऊ में अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में है. महापौर सुषमा खर्कवाल ने अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश दिए हैं कि अतिक्रमण के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और जनता को जाम से मुक्ति दिलाई जाए. इसको लेकर आगामी सदन की बैठक में अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर नई गाइडलाइंस बनाने के साथ ही फुटपाथ और दुकानों के बाहर किसी भी कीमत पर किसी भी स्थिति अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा.
महापौर सुषमा खर्कवाल ने अधिकारियों से साफ लहजे में कहा है कि अतिक्रमण के खिलाफ कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. शहर को साफ सुथरा और अतिक्रमण मुक्त किया जाना है. साथ ही अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के बाद दोबारा अतिक्रमण न हो इसको लेकर प्रवर्तन दस्ते के साथ-साथ नगर निगम के प्रवर्तन विंग का काम देखने वाले वरिष्ठ अधिकारी के साथ-साथ पुलिस प्रशासन की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी.
बताया जा रहा है कि नगर निगम सदन की बैठक 23 जून को प्रस्तावित है. जिसमें शहर के विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव मंजूर किए जाएंगे. साथ ही कई अन्य तरह की कार्य योजना भी बनाई जाएगी. खासतौर से प्रवर्तन दस्ते में तैनात कर्मचारियों अधिकारियों की भी जिम्मेदारी निर्धारित की जाएगी. साथ ही संस्थान प्रतिष्ठान के बाहर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी उससे जुर्माना तो लिया ही जाएगा और दोबारा अतिक्रमण करने पर उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा है कि हम अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई को लेकर कार्य योजना तैयार कर रहे हैं. इसके लिए जो भी जरूरी कदम उठाने होंगे उठाएं कहीं भी अपनी समस्या से लोगों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी के पार्षद देव शर्मा उर्फ मुन्ना मिश्रा कहते हैं कि इस बार अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है. महापौर के निर्देशन में हम लोग अतिक्रमण मुक्त शहर बनाने के लिए संकल्पित हैं. पार्षद और प्रवर्तन दस्ते की मॉनिटरिंग में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और पुलिस की जिम्मेदारी तय की जाएगी. एक बार किसी स्थान से अतिक्रमण हटाए जाने के बाद वहां दोबारा अतिक्रमण न हो इसकी जवाबदेही पुलिस की रहेगी.
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