लखनऊ : नगर निगम की कार्यकारिणी की गुरुवार को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. इस बैठक में शहर के कई वार्डों के नाम बदले जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इसके साथ ही नगर निगम सीमा में चल रही कई व्यवसायिक गतिविधियों पर शुल्क लगाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. गुरुवार को महापौर संयुक्ता भाटिया की अध्यक्षता में यह बैठक हुई. बैठक में टैम्पों, बस समेत सार्वजनिक वाहनों के संचालन के साथ कुछ व्यावसायिक गतिविधियों का लाइसेंस बनाने के लिए उपविधि तैयार करने पर सहमति बनी. बैठक में नगर निगम के कर्मचारियों के लिए गृह कर, जल कर को माफ किए जाने का प्रस्ताव पास किया गया. जिसका कर्मचारियों ने स्वागत किया.
इन वार्डों के बदल दिए गए
- फैजुल्लागंज प्रथम का नाम महा ऋषि नगर वार्ड किए जाने पर लगी मुहर
- फैजुल्लागंज थर्ड का नाम हुआ डॉ. केशव नगर
- फैजुल्लागंज 4 का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर
- जानकीपुरम वार्ड नंबर 1 का नाम भाऊराव देवरस नगर
- हैदरगंज वार्ड दो का नाम बुद्धेश्वर नगर
- अयोध्या दास वार्ड नंबर 2 का नाम राम प्रसाद
यह अहम फैसले भी लिए गए
- आर्यनगर में नगर निगम की डिस्पेंसरी को नगरीय स्वास्थ्य केंद्र के संचालन के लिए एक रुपये प्रतिवर्ष टोकन मनी पर सीएमओ को दी जाएगी.
- सिंगार नगर मेट्रो स्टेशन के लिए नगर निगम द्वारा उपलब्ध जमीन के संबंध में उच्च न्यायालय की तरफ से मेडीएटर द्वारा कराए गए सेटेलमेंट का पालन होगा.
- मोहन मार्केट में आवंटित दुकानों को आवंटियों के पक्ष में विक्रय किए जाने कार्यकारिणी उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट पर प्रस्ताव शासन को जाएगा.
इन व्यवसाय पर लाइसेंस की व्यवस्था
- नगर निगम की सीमा क्षेत्र में संचालित आटो, टैक्सी, ई-रिक्शा, बस, मिनी बस के मालिकों और व्यवसाय करने वालों के लिए लाइसेंस की व्यवस्था की जा रही है.
- 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच का लाइसेंस बनेगा. 1 अप्रैल से 30 जून के बीच नवीनीकरण शुल्क जमा करने पर दस रुपये प्रतिदिन के हिसाब से विलम्ब शुल्क देना होगा.
लाइसेंस की वार्षिक दरें
- आटो रिक्शा तीन सीटर - 1500 रुपये
- आटो रिक्शा सात सीटर - 2000 रुपये
- ई-रिक्शा - 1500 रुपये
- मिनी बस - 3000 रुपये
- बस - 5000 रुपये
- तांगा - 200 रुपये
- ट्राली - ( सामन ढोने वाले तीन पहिया वाहन) 300 रुपये
इसके साथ ही लॉन्ड्री और ड्राई क्लीनर्स से भी लाइसेंस शुल्क लिया जाएगा. ड्राई क्लीनर्स को लगाना होगा. फाइसेंस कंपनी, चिट फंड कंपनी बीमा कंपनियों को अपनी दुकान व दफ्तर के बाहर जनसुविधा के लिए रेट बोर्ड व अन्य जानकारी को प्रदर्शित करना होगा.
यह प्रस्तावित वार्षिक शुल्क
- धुलाई गृह (लांड्री) - 1000 रुपए
- ड्राइ क्लीनर्स - 3000 रुपए
- फाइनेंस कंपनी और चिटफंड - 8000 रुपए
- बीमा कंपनी प्रति शाखा - 15 हजार रुपए