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Watch : गेहूं का आटा भी पहुंचाता है स्वास्थ्य को नुकसान, जानिए कैसे मिलेगा मल्टीग्रेन से समाधान - गेहूं के आटे से नुकसान

फास्ट फूड के फेर फंसे लोग अपनी सेहत बिगाड़ ही रहे हैं. इसके अलावा बहुत सारे लोग भोजन के तत्वों की जानकारी के अभाव में भी स्वास्थ्य बिगाड़ रहे हैं. मौजूद समय मल्टीग्रेन आटा खाना का चलन काफी तेजी से बढ़ा है, लेकिन मिक्स आटा बनाने में क्या क्या चीजें आवश्यक हैं, इसकी पर्याप्त जानकारी नहीं है.

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Published : Jul 5, 2023, 12:22 PM IST

गेहूं का आटा भी करता है नुकसान, जानिए कैसे मिलेगा मल्टीग्रेन से स्वास्थ्य का समाधान. देखें खबर

लखनऊ : मौजूदा समय में मल्टीग्रेन आटा (मिक्स आटा) खास लोकप्रिय हो रहा है. डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और वेट लॉस के लिए लोग इसे अपनी डाइट का एक हिस्सा बना रहे हैं. एक दौर हुआ करता था जब मल्टीग्रेन आटा ही लोग खाते थे. मल्टीग्रेन आटा का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है, लेकिन अगर मल्टीग्रेन आटा सही तरह से नहीं बना हो, पर्याप्त मानक के अनुसार न हो तो यह सेहत के लिए ठीक नहीं होता है. ऐसे लोग जो घर के मोटे अनाजों को आटा चक्की में पिसा लाते हैं, वह ज्यादा शुद्ध होता है और अगर अनाजों को अलग-अलग पिसाया ज्यादा तो बेहतर है. एक दिन बाजरे की रोटी खा ली तो दूसरे दिन ज्वार आटे की रोटी खा ली.

गेहूं के आटे से नुकसान.
गेहूं के आटे से नुकसान.



बाजरा में है पोषक तत्व : सिविल अस्पताल की डायटिशियन श्वेता राय ने बताया कि बाजरा में पर्याप्त मात्रा में सोडियम, फोलेट, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इसके साथ ही बाजरा फास्फोरस, जिंक, राइबोफ्लेविन थायमीन, नियासिन, और विटामिन बी6 का भी एक अच्छा स्रोत है. इतना ही नहीं बाजरा में कैलरी की मात्रा बहुत कम होती है और यह फाइबर से भरपूर होता है. इसलिए आप इसे बेफिक्र होकर अपनी वेट लॉस डाइट में शामिल कर सकती हैं. साथ ही यह डायबिटीज में भी कारगर माना जाता है. वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार बाजरा में मौजूद प्रोटीन, नायसिन, विटामिन बी, आयरन और जिंक त्वचा से लेकर बाल और नाखून की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.

ऐसे बना सकते हैं मल्टीग्रन आटा.
ऐसे बना सकते हैं मल्टीग्रन आटा.


ज्वार में है भरपूर फाइबर : ज्वार में डाइटरी फाइबर, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा मौजूद होती है जो ग्रोथ और डेवलपमेंट में आपकी मदद करती है. इसके साथ ही यह डायबिटीज की समस्या में फायदेमंद माने जाते हैं. ज्वार में कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, आयरन और सोडियम की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है. यह सभी पोषक तत्व हड्डियों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. इसके साथ ही यह इम्यूनिटी को बूस्ट करता है और आपकी सेहत को लंबे समय तक बनाए रखता है. ज्वार में विटामिंस जैसे थियामिन, नियासिन, फोलेट और राइबोफ्लेविन की अच्छी मात्रा पाए जाते हैं.



गेहूं के आटे से बेहतर है मोटा अनाज : मल्टीग्रेन आटा गेहूं के आटे से तो बेहतर है, लेकिन अगर मिलेट (मोटा अनाज) के सीड्स (दाने) को एक साथ न पिसवा कर अलग-अलग पिसवाया जाए तो ज्यादा बेहतर होता है. यह सेहत के लिए भी अच्छा होता है. जब बाजरा ज्वार, ब्राउन राइस को एक साथ पिसवाया जाए तो होने वाले फायदे डिसबैलेंस हो जाते हैं, क्योंकि किसी में फाइबर ज्यादा होता है तो किसी में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है. ऐसे में अलग-अलग चीज का आटा पिसवाकर रोटी खाते हैं तो ज्यादा अच्छा होता है.


यह भी पढ़ें : Watch : लखनऊ पहुंचीं तमिल फिल्म अभिनेत्री अंशुला धवन ने कह दी दिल की बात

गेहूं का आटा भी करता है नुकसान, जानिए कैसे मिलेगा मल्टीग्रेन से स्वास्थ्य का समाधान. देखें खबर

लखनऊ : मौजूदा समय में मल्टीग्रेन आटा (मिक्स आटा) खास लोकप्रिय हो रहा है. डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और वेट लॉस के लिए लोग इसे अपनी डाइट का एक हिस्सा बना रहे हैं. एक दौर हुआ करता था जब मल्टीग्रेन आटा ही लोग खाते थे. मल्टीग्रेन आटा का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है, लेकिन अगर मल्टीग्रेन आटा सही तरह से नहीं बना हो, पर्याप्त मानक के अनुसार न हो तो यह सेहत के लिए ठीक नहीं होता है. ऐसे लोग जो घर के मोटे अनाजों को आटा चक्की में पिसा लाते हैं, वह ज्यादा शुद्ध होता है और अगर अनाजों को अलग-अलग पिसाया ज्यादा तो बेहतर है. एक दिन बाजरे की रोटी खा ली तो दूसरे दिन ज्वार आटे की रोटी खा ली.

गेहूं के आटे से नुकसान.
गेहूं के आटे से नुकसान.



बाजरा में है पोषक तत्व : सिविल अस्पताल की डायटिशियन श्वेता राय ने बताया कि बाजरा में पर्याप्त मात्रा में सोडियम, फोलेट, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इसके साथ ही बाजरा फास्फोरस, जिंक, राइबोफ्लेविन थायमीन, नियासिन, और विटामिन बी6 का भी एक अच्छा स्रोत है. इतना ही नहीं बाजरा में कैलरी की मात्रा बहुत कम होती है और यह फाइबर से भरपूर होता है. इसलिए आप इसे बेफिक्र होकर अपनी वेट लॉस डाइट में शामिल कर सकती हैं. साथ ही यह डायबिटीज में भी कारगर माना जाता है. वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार बाजरा में मौजूद प्रोटीन, नायसिन, विटामिन बी, आयरन और जिंक त्वचा से लेकर बाल और नाखून की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.

ऐसे बना सकते हैं मल्टीग्रन आटा.
ऐसे बना सकते हैं मल्टीग्रन आटा.


ज्वार में है भरपूर फाइबर : ज्वार में डाइटरी फाइबर, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा मौजूद होती है जो ग्रोथ और डेवलपमेंट में आपकी मदद करती है. इसके साथ ही यह डायबिटीज की समस्या में फायदेमंद माने जाते हैं. ज्वार में कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, आयरन और सोडियम की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है. यह सभी पोषक तत्व हड्डियों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. इसके साथ ही यह इम्यूनिटी को बूस्ट करता है और आपकी सेहत को लंबे समय तक बनाए रखता है. ज्वार में विटामिंस जैसे थियामिन, नियासिन, फोलेट और राइबोफ्लेविन की अच्छी मात्रा पाए जाते हैं.



गेहूं के आटे से बेहतर है मोटा अनाज : मल्टीग्रेन आटा गेहूं के आटे से तो बेहतर है, लेकिन अगर मिलेट (मोटा अनाज) के सीड्स (दाने) को एक साथ न पिसवा कर अलग-अलग पिसवाया जाए तो ज्यादा बेहतर होता है. यह सेहत के लिए भी अच्छा होता है. जब बाजरा ज्वार, ब्राउन राइस को एक साथ पिसवाया जाए तो होने वाले फायदे डिसबैलेंस हो जाते हैं, क्योंकि किसी में फाइबर ज्यादा होता है तो किसी में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है. ऐसे में अलग-अलग चीज का आटा पिसवाकर रोटी खाते हैं तो ज्यादा अच्छा होता है.


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