लखनऊ : डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में स्टाफ नर्स की भर्ती में एक अनोखा मामला सामने आया है. इस मामले में अयोग्य उम्मीदवार ने न सिर्फ भर्ती परीक्षा दे दी, बल्कि शीर्ष मेरिट में स्थान बनाते हुए चयनित भी हो गई. चयन के बाद जब ज्वाइनिंग लेटर लेने की बारी आई तो डॉक्यूमेंट सत्यापन में मामला फंस गया. संस्थान प्रशासन ने अयोग्य होने की बात कहते हुए उसे नियुक्ति देने से मना कर दिया. वहीं दूसरी ओर अभ्यर्थी ने मुख्यमंत्री के पास इसका शिकायती पत्र भेजकर ज्वाइनिंग की मांग की है.
लोहिया संस्थान में करीब 10 साल बाद नर्सिंग के नियमित पदों के लिए विज्ञापन बीते साल जारी किया गया था. पहले भर्ती परीक्षा के माध्यम को लेकर सवाल उठाए गए इसके बाद अभ्यर्थियों को अन्य राज्यों में परीक्षा केंद्र आवंटित कर दिया गया. संस्थान ने कुल 568 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. इसमें से 431 पद सिर्फ नर्सिंग के थे. नौ फरवरी को इनकी प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया. इसके बाद इनका रिजल्ट जारी कर दिया गया. रिजल्ट के बाद चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र का सत्यापन, प्रशिक्षण और ज्वाइनिंग तथा तैनाती की जा रही है.
संस्थान के विज्ञापन में नर्सिंग ऑफिसर पद के लिए बीएससी नर्सिंग की अर्हता निर्धारित की गई थी. इसके बावजूद जीएनएम-एएनएम पास अभ्यर्थियों ने भी इसमें आवेदन कर दिया गया था. आवेदन के बाद ऐसे अभ्यर्थी स्क्रीनिंग में छांट दिए गए थे. इस छंटनी के बावजूद प्रयागराज की एक अभ्यर्थी एएनएम डिग्री धारक होने के बावजूद परीक्षा में शामिल हो गई. परीक्षा में उसने 99 फीसदी के करीब अंक हासिल किए. अब भर्ती के समय जब उसके प्रमाणपत्रों का सत्यापन हुआ तो उसे नियुक्ति देने से इंकार कर दिया गया. अभ्यर्थी का कहना है कि उसे इसकी सूचना पहले दी जानी चाहिए. ऐसा नहीं किया गया इसलिए उसे नियुक्ति मिलनी चाहिए. लोहिया संस्थान के मीडिया प्रभारी डॉ. एपी जैन ने कहा कि बगैर अर्हता पूरी किए किसी को नियुक्ति देना अवैधानिक है. स्क्रीनिंग में यह अभ्यर्थी कैसे छूट गई, इसकी जानकारी मांगी गई है.
मोहनलालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का शुक्रवार को औचक निरीक्षण करने पहुंचीं सीडीओ रिया केजरीवाल को सफाई व्यवस्था चौपट मिली. खिड़कियों की जाली टूटी और कुछ दरवाजे भी गड़बड़ मिले. पानी की जर्जर पाइपलाइन से वार्डों में सीलन नजर आई. सीएचसी के अधिकतर शौचालय बदतर हालत में मिले और ओपीडी में पुरुष शौचालय का पल्ला गायब मिला. ओपीडी से लेकर महिला वार्ड तक कई जगह पंखे गायब मिले. डाॅक्टरों के कमरे से पर्दे और मरीजों को जानकारी देने के लिए डिस्प्ले बोर्ड भी नदारद मिला. वहीं डेन्टिस्ट गैरमौजूद मिलीं. जिसे लेकर सीडीओ ने नाराजगी जताई. सीडीओ ने सीएचसी अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार को स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की मदद से माह भर में सीएचसी की तस्वीर बदलने के निर्देश दिए. इस दौरान बीडीओ पूजा सिंह और एसीएमओ भी मौजूद रहे.
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