लखनऊ : सरकारी अस्पतालों में अधिकांश देखा जाता है कि जितने भी विशेषज्ञ डॉक्टर होते हैं, वे समय से ओपीडी में नहीं जाते हैं और समय होने से पहले ही ओपीडी बंद करके घर चले जाते हैं. अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं चलेगा, क्योंकि तय समय से पहले ओपीडी बंद करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी. दरअसल, गाजियाबाद के एक चिकित्सालय के वीडियो का डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया है. वीडियो में दिखाया गया है कि 1:30 बजे ही ओपीडी से डॉक्टर गायब हो गए. नतीजतन मरीज बिना इलाज लौट गए. इस पर डिप्टी सीएम ने कड़ी नाराजगी जताई है. पांच डॉक्टरों को नोटिस जारी किया है. सीएमओ को जांच के आदेश दिए हैं.
मालूम हो कि सरकारी अस्पतालों में सुबह आठ से दो बजे तक ओपीडी के संचालन का समय तय है. इमरजेंसी 24 घंटे चलती है. 27 मई को गाजियाबाद के लोनी 50 बेड संयुक्त चिकित्सालय का एक वीडियो वॉयरल हुआ. जिसमें डेढ़ बजे ओपीडी बंद कर डॉक्टरों के गायब होने की तस्वीरें दिखाई गईं. सच्चाई का पता लगाने के लिए डिप्टी सीएम ने सीएमओ को मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इस संबंध में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व डिप्टी सीएम की कमेटी गठित की गई है. दो दिन में जांच पूरी करनी है. फिलहाल प्रकरण के संबंध में अस्पताल के सीएमएस समेत पाँच चिकित्सकों से स्पष्टीकरण तलब किया है.
समय पर ओपीडी न शुरू होने की होगी जांच : आगरा के फतेहाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी में सुबह 10 बजे तक डॉक्टरों के न पहुंचने का प्रकरण सामने आया है. समय पर ओपीडी का संचालन न होने से मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ा था. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सीएमओ को प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि दोनों प्रकरण की गंभीरता से जांच कराई जा रही है. दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी. चिकित्सालय के सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों से कहा गया है कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति क्षम्य नहीं होगी. मरीजों के इलाज में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सभी अस्पताल तय समय पर ओपीडी का संचालन करें. समय से पहले ओपीडी बंद करने वालों पर भी कार्रवाई होगी.
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