लखनऊ : राजधानी लखनऊ के नगर निगम में अफसरों की मनमानी जारी है. नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में जो प्रस्ताव या फैसले मंजूर किए जाते हैं उन पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है. इससे महापौर भी नाराज बताई जा रही हैं. जलकल में अधिकारी को हटाने, अधिशासी अभियंता को काम से हटाने, सुरक्षाकर्मी लगाने में घपला करने वाली कार्यदायी संस्था को हटाने सहित कई मुद्दों पर नगर निगम के अधिकारी बेपरवाह बने हुए हैं. इसको लेकर महापौर ने शासन और सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत करने की भी बात कही है. कार्यकारिणी में हुए फैसलों के अनुपालन में कार्रवाई न होने से नगर निगम के तमाम कामकाज भी प्रभावित हो रहे हैं.
महापौर ने जलकल कार्यालय का किया था निरीक्षण : दरअसल, लखनऊ नगर निगम अधिकारियों की मनमानी पिछले काफी समय से चर्चा का विषय बनी हुई है. महापौर सुषमा खर्कवाल ने पिछले दिनों जलकल कार्यालय का निरीक्षण किया, जहां तमाम तरह की खामियां मिलीं और कार्यवाही को लेकर उन्होंने जलकल के महाप्रबंधक को निर्देशित किया था, लेकिन इस पर कार्यवाही नहीं हुई. 20 दिसंबर को कार्यकारिणी की बैठक में महाप्रबंधक पर पार्षदों के साथ अभद्रता का आरोप लगा था, जिसके बाद कार्यकारिणी में यह तय हुआ कि उन्हें लखनऊ से हटाने की कार्यवाही की जाएगी. प्रस्ताव भी पास किया गया. इसको लेकर शासन से पत्राचार भी किया जाएगा. इसके अलावा महापौर सुषमा खर्कवाल ने बालागंज जलकल का निरीक्षण किया था तो 18 सुरक्षाकर्मियों को दो शिफ्ट में तैनात किए जाने की बात कही गई थी, लेकिन मौके पर सिर्फ एक ही कर्मचारी मिला था. जिसको लेकर सफाई करने वाली संस्था अजय सिक्योरिटीज को ब्लैकलिस्टेड करते हुए उसके खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही गई थी. जोन 4 में तैनात अधिशासी अभियंता को भी हटाने का मामला सामने आया था. जनहित के कार्यों में उनकी लापरवाही और पार्षदों के स्तर पर भी नाराजगी जताई गई थी. उन्हें हटाने की बात सामने आई थी. कार्यकारिणी की बैठक में उन्हें हटाए जाने को लेकर प्रस्ताव भी पारित किया गया. इसके अलावा कई अन्य हुए प्रस्तावों पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है. इसको लेकर नगर निगम के पार्षदों व महापौर में नाराजगी है.
कहा- 'बहुत दुखद है और निंदनीय है' : इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत ने महापौर सुषमा खर्कवाल से बात की, तो उन्होंने कहा कि 'कार्यकारिणी और सदन की बैठक में जो प्रस्ताव या फैसले होते हैं उन पर कार्यवाही नहीं हो पाई है. यह बहुत दुखद है और निंदनीय है. वह इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री और शासन स्तर पर शिकायत करेंगी, जिससे जनहित से जुड़ा जो फैसला प्रभावित हो रहा है वह सही तरीके से हो सके. जनता का विश्वास है सभी लोग चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जलकल महाप्रबंधक ने पार्षद के साथ अभद्रता की, कार्यकारिणी सदस्यों के साथ अभद्रता की. गलत तरीके से बात व्यवहार किया. इसी पर उन्हें हटाए जाने के लिए प्रस्ताव पास हुआ था, लेकिन अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है. वह मुख्यमंत्री और शासन स्तर को इस पूरे विषय से अवगत कराएंगी और कार्यवाही की मांग करेंगी.'
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