लखनऊ : टमाटर की कीमतों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. ज्यादातर सब्जियों में यूज होने वाला टमाटर अब लोगों के बजट से बाहर पहुंच गया है. देश में टमाटर ऐसा लाल हुआ है कि लोगों को महंगाई के आंसू रुला रहा है और इसके चढ़ते दामों से जनता की रसोई का जायका बिगड़ गया है. वहीं केंद्रीय मंत्री इस बात को बड़ी समस्या नहीं मान रहे हैं और बारिश के चलते दाम बढ़ने का हवाला दे रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक छोटे कस्बों व गांवों में भी टमाटर 150 रुपये प्रतिकिलो बिकने लगा है. मंडी अध्यक्ष परवेज हुसैन बताते हैं कि जून के लास्ट में हर साल ही टमाटर के दामों में उछाल आता है, लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही महंगा टमाटर बिक रहा है. इसका सीधा कारण स्थानीय फसल मार्केट में न पहुंचना है. आने वाले 10 दिनों में स्थानीय फसल मार्केट में पहुंच जाएगी. जिसके बाद टमाटर के दाम घट जाएगी. 10 दिन पहले टमाटर 30 रुपये प्रतिकिग्रा मार्केट में उपलब्ध था.
मौसम का प्रभाव
सब्जी मंडी जानकारों के मुताबकि टमाटर की कीमत में वृद्धि प्रति वर्ष होती है. जून में इसकी कीमतें उच्च स्तर पर पहुंच जाती हैं. क्योंकि टमाटर एक जल्दी खराब होने वाली सब्जी है. मौसम व अन्य कारणों के चलते टमाटर की आवक घटी है. जिसका असर सीधा उसकी कीमतों पर पड़ा है. क्योंकि मंडियों में टमाटर लगभग गायब हो गया है. जिसके चलते दामों में उछाल देखने को मिल रहा है. जैसे ही मौसम ठीक होगा, मंडियों में टमाटर पहुंचना शुरू हो जाएगा.
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