लखनऊ: मडियांव थाना क्षेत्र से हत्या के मामले दो माह पहले जेल गए नूतन गिरी उर्फ राहुल गिरी ने जेल में शुक्रवार को फांसी लगाकर जान दे दी. इसके बाद मृतक को बलरामपुर अस्पताल ले जाने के बाद परिजनों को जानकारी दी गई. जानकारी पर पहुंचे परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसकी हत्या हुई है. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन कर सड़क जाम कर दी.
जानकारी के मुताबिक, 2 माह पहले 6 सितंबर को राहुल गिरी अखिलेश वर्मा हत्या मामले में जेल भेजा गया था. उसके ऊपर 302, 120b, 201, 365, 504, 506 में मडियांव थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. राहुल दो महीने से लखनऊ की गोसाईगंज जेल में बंद था. उसने आज किन्ही कारणों के चलते फांसी लगा ली. शनिवार को बलरामपुर अस्पताल लाया गया था. इसके बाद परिजनों को सूचना दी गई. सूचना पर पहुंचे परिजनों ने बलरामपुर अस्पताल के बाहर जमकर प्रदर्शन करना शुरू कर सड़क जाम कर दी. भाई पंकज ने बताया कि पुलिस ने उन लोगों को मारा-पीटा. इसमें उन लोगों के चोट लगी है और मोबाइल भी टूट गया है.
मृतक राहुल गिरी के बड़े भाई पंकज गिरी ने बताया कि करीब दो महीने पहले 6 सितंबर को राहुल एक हत्या के मामले में जेल में बंद था. आज सुबह छोटे भाई रोहित के मोबाइल पर फोन आया कि तुम्हारे भाई की तबीयत खराब है. जब वे लोग बलरामपुर अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि राहुल ने फांसी लगा ली है. इन लोगों ने कहा कि रोहित की हत्या हुई है. उसने आत्महत्या नहीं की. इसके बाद छोटे भाई रोहित को पुलिस पकड़कर वजीरगंज थाने ले गई. उसकी पिटाई की. पुलिस ने कहा तुम लोग कुछ करोगे तो तुम लोगों को भी उठाकर अंदर कर देंगे.
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एसीपी कैसरबाग योगेश कुमार ने बताया कि हत्या मामले में जेल में बंद कैदी राहुल गिरी ने फांसी लगा ली. शव को आज बलरामपुर अस्पताल लाया गया था. सूचना पर पहुंचे परिजनों ने जाम लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. काफी देर बाद परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.