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सदर एसडीएम ने विधवा बहू को घर खाली करने का दिया था आदेश, हाईकोर्ट ने किया खारिज

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक विधवा बहू को घर खाली करने के लखनऊ सदर एसडीएम (Lucknow Sadar SDM) के आदेश को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि एसडीएम का आदेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले (Supreme Court Decision) के खिलाफ है.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Nov 11, 2021, 9:11 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक विधवा बहू को घर खाली करने के लखनऊ सदर एसडीएम के आदेश को निरस्त कर दिया है. न्यायालय ने कहा कि एसडीएम का आदेश सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का उल्लंघन है, लिहाजा इसे जारी नहीं रखा जा सकता.

यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल पीठ ने बहू की याचिका पर पारित किया. एसडीएम ने 14 जुलाई 2021 के अपने आदेश में सास-ससुर की याचिका पर सास-ससुर के विशाल खंड, गोमती नगर स्थित मकान को खाली करने का आदेश बहू को दिया था. याचिका माता-पिता का भरण पोषण एवं कल्याण व वरिष्ठ नागरिक नियम के तहत दाखिल की गई थी.

कोर्ट ने कहा कि उक्त आदेश के पूर्व ही 6 नवम्बर 2019 को विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ ने बहू की घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत दाखिल प्रार्थना पत्र पर उसे उक्त मकान से न निकालने का आदेश पारित किया था. कोर्ट ने पाया कि सास-ससुर वीर नगर, उदयगंज में रहते हैं. याची भी अपने पति के साथ सास-ससुर के साथ ही रहती थी लेकिन पारिवारिक विवाद के चलते वह और उसका पति विशाल खंड में आकर रहने लगे. वर्ष 2015 में उन्हें एक बच्चा भी हुआ. हालांकि वर्ष 2019 में याची के पति की मृत्यु हो गई.

याची का कहना था कि पति की मृत्यु के बाद से ही सास-ससुर उसे परेशान कर रहे हैं और विशाल खंड स्थित मकान से उसे निकालना चाहते थे. आखिरकार एसडीएम के आदेश के बाद उसे बेघर कर दिया गया. अब उसके और उसके बच्चे के सिर पर छत नहीं है. कोर्ट ने मामले पर विस्तृत आदेश पारित करते हुए एसडीएम के 14 जुलाई के आदेश को खारिज कर दिया और याची व उसके बच्चे को मकान के ग्राउंड फ्लोर का कब्जा देने का आदेश दिया है.

इसे भी पढ़ें - दुराचार पीड़िता आत्महत्या मामला : सुनवाई के दौरान कोर्ट में बिगड़ी अमिताभ ठाकुर की तबीयत

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक विधवा बहू को घर खाली करने के लखनऊ सदर एसडीएम के आदेश को निरस्त कर दिया है. न्यायालय ने कहा कि एसडीएम का आदेश सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का उल्लंघन है, लिहाजा इसे जारी नहीं रखा जा सकता.

यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल पीठ ने बहू की याचिका पर पारित किया. एसडीएम ने 14 जुलाई 2021 के अपने आदेश में सास-ससुर की याचिका पर सास-ससुर के विशाल खंड, गोमती नगर स्थित मकान को खाली करने का आदेश बहू को दिया था. याचिका माता-पिता का भरण पोषण एवं कल्याण व वरिष्ठ नागरिक नियम के तहत दाखिल की गई थी.

कोर्ट ने कहा कि उक्त आदेश के पूर्व ही 6 नवम्बर 2019 को विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ ने बहू की घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत दाखिल प्रार्थना पत्र पर उसे उक्त मकान से न निकालने का आदेश पारित किया था. कोर्ट ने पाया कि सास-ससुर वीर नगर, उदयगंज में रहते हैं. याची भी अपने पति के साथ सास-ससुर के साथ ही रहती थी लेकिन पारिवारिक विवाद के चलते वह और उसका पति विशाल खंड में आकर रहने लगे. वर्ष 2015 में उन्हें एक बच्चा भी हुआ. हालांकि वर्ष 2019 में याची के पति की मृत्यु हो गई.

याची का कहना था कि पति की मृत्यु के बाद से ही सास-ससुर उसे परेशान कर रहे हैं और विशाल खंड स्थित मकान से उसे निकालना चाहते थे. आखिरकार एसडीएम के आदेश के बाद उसे बेघर कर दिया गया. अब उसके और उसके बच्चे के सिर पर छत नहीं है. कोर्ट ने मामले पर विस्तृत आदेश पारित करते हुए एसडीएम के 14 जुलाई के आदेश को खारिज कर दिया और याची व उसके बच्चे को मकान के ग्राउंड फ्लोर का कब्जा देने का आदेश दिया है.

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