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हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना का मामले में प्रभागीय वन अधिकारी पर तय होगा आरोप

लखनऊ हाईकोर्ट बेंच ने प्रभागीय वन अधिकारी पर अदालत के आदेश की अवमानना के मामले में फटकार लगाई है. कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए प्रभागीय वन अधिकारी अवध वन क्षेत्र लखनऊ को तलब किया है.

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Published : Jul 11, 2023, 10:30 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अदालत के आदेश की अवमानना के एक मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए प्रभागीय वन अधिकारी अवध वन क्षेत्र लखनऊ को 24 जुलाई को आरोप तय करने के लिए तलब किया है. न्यायालय ने कहा है कि 24 जुलाई 2023 को डॉ. रवि कुमार सिंह व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित हो, ताकि उनके विरुद्ध अदालत के आदेश का अनुपालन न करने के लिए आरोप तय किया जाया.

यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल पीठ ने लाल बहादुर की अवमानना याचिका पर पारित किया. याची ने कहा कि 19 जनवरी 2023 के रिट कोर्ट के आदेश के बावजूद उसका नियमितीकरण नहीं किया गया. नियमितीकरण के उसके दावे को खारिज कर दिया गया. दलील दी गई कि 19 जनवरी 2023 को कोर्ट ने याची के नियमितीकरण को खारिज करने के विभाग द्वारा 22 फरवरी 2021 को पारित आदेश को खारिज कर दिया था और कहा था कि याची को नियमित करने के लिए वन विभाग समुचित आदेश पारित करे.

याची ने वन विभाग पर आरोप लगाया कि रिट कोर्ट के आदेश के बावजूद विभाग ने फिर से आदेश पारित कर दिया. याची विनियमतीकरण का हकदार नहीं है. न्यायालय ने पाया कि रिट कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद याची के नियमितीकरण के दावे को याची को अपात्र बताते हुए खारिज कर दिया गया. इस पर न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकार के अधिकारी रिट कोर्ट के आदेश के परे जाकर आदेश पारित नहीं कर सकते, जबकि वर्तमान मामले में रिट कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद इसका पालन न करते हुए, याची को अपात्र बताया दिया गया. इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने प्रभागीय वन अधिकारी डॉ. रवि कुमार सिंह पर अदालत के आदेश की अवमानना करने के लिए आरोप तय करने के लिए तलब कर लिया है.

ये भी पढ़ेंः भाभी की हत्या के दोषी देवर को अदालत ने सुनाई उम्र कैद की सजा, जुर्माना भी देना होगा

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अदालत के आदेश की अवमानना के एक मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए प्रभागीय वन अधिकारी अवध वन क्षेत्र लखनऊ को 24 जुलाई को आरोप तय करने के लिए तलब किया है. न्यायालय ने कहा है कि 24 जुलाई 2023 को डॉ. रवि कुमार सिंह व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित हो, ताकि उनके विरुद्ध अदालत के आदेश का अनुपालन न करने के लिए आरोप तय किया जाया.

यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल पीठ ने लाल बहादुर की अवमानना याचिका पर पारित किया. याची ने कहा कि 19 जनवरी 2023 के रिट कोर्ट के आदेश के बावजूद उसका नियमितीकरण नहीं किया गया. नियमितीकरण के उसके दावे को खारिज कर दिया गया. दलील दी गई कि 19 जनवरी 2023 को कोर्ट ने याची के नियमितीकरण को खारिज करने के विभाग द्वारा 22 फरवरी 2021 को पारित आदेश को खारिज कर दिया था और कहा था कि याची को नियमित करने के लिए वन विभाग समुचित आदेश पारित करे.

याची ने वन विभाग पर आरोप लगाया कि रिट कोर्ट के आदेश के बावजूद विभाग ने फिर से आदेश पारित कर दिया. याची विनियमतीकरण का हकदार नहीं है. न्यायालय ने पाया कि रिट कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद याची के नियमितीकरण के दावे को याची को अपात्र बताते हुए खारिज कर दिया गया. इस पर न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकार के अधिकारी रिट कोर्ट के आदेश के परे जाकर आदेश पारित नहीं कर सकते, जबकि वर्तमान मामले में रिट कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद इसका पालन न करते हुए, याची को अपात्र बताया दिया गया. इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने प्रभागीय वन अधिकारी डॉ. रवि कुमार सिंह पर अदालत के आदेश की अवमानना करने के लिए आरोप तय करने के लिए तलब कर लिया है.

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