लखनऊ: शहर को अतिक्रमण एवं भू-माफिया द्वारा किए गए अवैध निर्माण से मुक्त कराने को लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा. प्रथम चरण आगामी एक नवंबर से प्रारंभ होगा. पूरे शहर को आठ जोन में बांटा गया है, जिनमें जिला प्रशासन व लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की संयुक्त टीमें बनाई जाएंगी. जिलाधिकारी व एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागर में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया.
जिला प्रशासन व एलडीए के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान डीएम अभिषेक प्रकाश ने स्पष्ट एवं कड़े निर्देश देते हुए कहा कि लखनऊ को अतिक्रमण एवं भू-माफियाओं द्वारा किए गये अवैध निर्माण से मुक्त कराना है. इसी उद्देश्य से यह विशेष अभियान शुरू किया जाएगा. अभियान का प्रथम चरण आगामी एक नवंबर से प्रारंभ होगा और 20 दिवसीय प्रथम चरण में निरंतर कार्रवाई की जाएगी.
डीएम ने बताया कि पूरे शहर को आठ जोन में बांटा गया है, जिनमें जिला प्रशासन व लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की संयुक्त टीमें बनाई जाएंगी. उन्होंने अभियान के सुचारू क्रियान्वयन के लिए अपर जिलाधिकारी एवं सचिव/संयुक्त सचिव, एलडीए के स्तर से निरंतर अभियान की समीक्षा करते हुए तेजी के साथ अभियान के संचालन के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस सम्पूर्ण अभियान के प्रभारी संयुक्त रूप से एडीएम (नगर-पूर्वी), एडीएम (प्रशासन) एवं सचिव, एलडीए बनाए गए हैं.
दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
डीएम ने अभियान को पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता और शुचिता के साथ संचालित करने के कड़े निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि यदि कहीं भी इसका उल्लंघन पाया जाएगा तो संबंधित अधिकारियों और कर्मियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. डीएम ने विशेष रूप से ग्रामसभा, लखनऊ विकास प्राधिकरण, अन्य विभागों और नजूल आदि की भूमि का चिन्हांकन करते हुए उस भूमि पर अवैध अतिक्रमण और अवैध निर्माण को अभियान के तौर पर विशेष रूप से हटवाने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश भी दिए.
तीन चरणों में चलेगा अभियान, 10 विशेष टीमें बनीं
डीएम ने कहा कि प्रथम चरण में बड़े निर्माण, बड़े अवैध कब्जे और विशेष रूप से व्यवसायिक निर्माणों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से यह सुनिश्चित किया जाए कि बगैर मानचित्र स्वीकृति के निर्माण, स्वीकृति मानचित्रों के विपरीत निर्माणों के साथ ही अवैध निर्माणकर्ताओं और कब्जेदारों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं और अधिनियम के तहत दण्डात्मक कार्रवाई करने के साथ ही एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए 10 विशेष टीमें बनाई जा रही हैं. प्रत्येक टीम द्वारा प्रथम चरण में 10 बड़े अवैध निर्माणों को चिन्हित करते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही एक स्केटिंग टीम भी तैनात की जा रही है.