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33 साल पहले की थी प्रेमिका के पति की हत्या, अब मिली उम्र कैद की सजा - प्रेमिका के पति को उम्र कैद की सजा

राजधानी लखनऊ में प्रेमिका के साथ मिलकर एक व्यक्ति ने 33 साल पहले उसके पति की हत्या कर दी थी. हत्या के आरोपी को अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार राय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. इस मामले में अदालत में मृतक की पांच साल की बेटी ने गवाही दी थी.

लखनऊ कोर्ट
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Published : Feb 12, 2021, 9:37 PM IST

लखनऊ: अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार राय ने 33 साल पुराने हत्या के एक मामले में अभियुक्त अजमत अली उर्फ कल्लू को दोषसिद्ध करते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. हत्या के इस मामले में मृतक हासिम की पत्नी मुमताज बेगम भी आरोपी थी. हालांकि जब मामले की जांच चल रही थी, उसी दौरान उसकी मौत हो गई.

सरकारी वकील मुनेश बाबू यादव के मुताबिक मुमताज ने प्रेमी अजमत के साथ मिलकर अपने पति की हत्या को अंजाम दिया था. मुमताज का पति हासिम सो रहा था. इस दौरान उसने अपने पति का हाथ पकड़ लिया और अजमत ने चाकू से गला रेत दिया. अदालत में उसकी पांच साल की बेटी शबाना ने गवाही दी थी. अगस्त, 1988 में हुई इस हत्या की एफआईआर मुमताज ने चोरी में दर्ज कराई थी. कहा था कि रात में चोर घुसे और उनके पति की हत्या कर दी, लेकिन विवेचना के दौरान इस साजिश का खुलासा हुआ.

हत्याभियुक्त को उम्र कैद
वहीं एक अन्य मामले में एससी-एसटी एक्ट के विशेष जज जग्गनाथ मिश्र ने हत्या के अभियुक्त भगवान बक्श यादव को उम्र कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इस अभियुक्त पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सत्यब्रत त्रिपाठी व जगदीश प्रसाद मिश्र के मुताबिक 16 जनवरी, 2007 को इस मामले की एफआईआर मृतक के पिता मनोहर ने थाना बीकेटी में दर्ज कराई थी. एक समारोह में अभियुक्त ने वादी के बेटे फूलचंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

लखनऊ: अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार राय ने 33 साल पुराने हत्या के एक मामले में अभियुक्त अजमत अली उर्फ कल्लू को दोषसिद्ध करते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. हत्या के इस मामले में मृतक हासिम की पत्नी मुमताज बेगम भी आरोपी थी. हालांकि जब मामले की जांच चल रही थी, उसी दौरान उसकी मौत हो गई.

सरकारी वकील मुनेश बाबू यादव के मुताबिक मुमताज ने प्रेमी अजमत के साथ मिलकर अपने पति की हत्या को अंजाम दिया था. मुमताज का पति हासिम सो रहा था. इस दौरान उसने अपने पति का हाथ पकड़ लिया और अजमत ने चाकू से गला रेत दिया. अदालत में उसकी पांच साल की बेटी शबाना ने गवाही दी थी. अगस्त, 1988 में हुई इस हत्या की एफआईआर मुमताज ने चोरी में दर्ज कराई थी. कहा था कि रात में चोर घुसे और उनके पति की हत्या कर दी, लेकिन विवेचना के दौरान इस साजिश का खुलासा हुआ.

हत्याभियुक्त को उम्र कैद
वहीं एक अन्य मामले में एससी-एसटी एक्ट के विशेष जज जग्गनाथ मिश्र ने हत्या के अभियुक्त भगवान बक्श यादव को उम्र कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इस अभियुक्त पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सत्यब्रत त्रिपाठी व जगदीश प्रसाद मिश्र के मुताबिक 16 जनवरी, 2007 को इस मामले की एफआईआर मृतक के पिता मनोहर ने थाना बीकेटी में दर्ज कराई थी. एक समारोह में अभियुक्त ने वादी के बेटे फूलचंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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