ETV Bharat / state

पहले अवैध निर्माण रोके नहीं, अब करोड़ों खर्च करके तोड़ रहे इमारतें - लेवाना सुइट्स होटल

एलडीए ने पहले तो अवैध निर्माण रोके नहीं, लेकिन अब एक नया ट्रेंड जरूर चल पड़ा है. नियम यह है कि जिस बिल्डर की बिल्डिंग को तोड़ा जाए, उसी से डेमोलिशन का शुल्क भी वसूला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. यजदान बिल्डर की बिल्डिंग को तोड़ने में ही लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) ₹30 लाख खर्च कर रहा है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Nov 15, 2022, 2:04 PM IST

लखनऊ : एलडीए ने पहले तो अवैध निर्माण रोके नहीं, लेकिन अब एक नया ट्रेंड जरूर चल पड़ा है. नियम यह है कि जिस बिल्डर की बिल्डिंग को तोड़ा जाए, उसी से डेमोलिशन का शुल्क भी वसूला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. यजदान बिल्डर की बिल्डिंग को तोड़ने में ही लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) ₹30 लाख खर्च कर रहा है. ऐसे ही हर जगह डेमोलिशन पर करोड़ों रुपए खर्च हो चुका है, जो जनता की गाढ़ी कमाई का है. इस तरह से डेमोलिशन करने वाले ठेकेदारों की भी जेब प्राधिकरण भर रहा है. अब अगले महीने लखनऊ विकास प्राधिकरण लेवाना सुइट्स होटल (Levana Suites Hotel) को भी तोड़ेगा. ऐसे में देखना होगा कि एलडीए कितना शुल्क बिल्डर से डेमोलिशन का वसूल पाता है.

पिछले करीब एक साल में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने करीब 500 जगह पर बिल्डिंगों को ध्वस्त किया है, जिनमें छोटे-बड़े दोनों अवैध निर्माण हैं. इसके अलावा कई जगह प्लॉटों में किए गए अवैध निर्माणों को भी ध्वस्त किया गया है. नगर विकास अधिनियम में व्यवस्था है कि जब भी कोई अवैध निर्माण करेगा और एजेंसी उसको तोड़ेगी तो उसका खर्च बिल्डर से ही वसूला जाएगा. हाल ही में नोएडा में ट्विन टावर को जब ध्वस्त किया गया था तो करोड़ों रुपए का खर्चा नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डर से ही वसूल किया था. लखनऊ में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है. यहां लखनऊ विकास प्राधिकरण किसी भी बिल्डर से कोई वसूली नहीं करता है.

जानकारी देते संवाददाता ऋषि मिश्र



इस मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि यजदान बिल्डर का ₹75 लाख हमारे पास शमन शुल्क के तौर पर जमा है. जिसमें से डेमोलिशन के ₹30 लाख वसूल लेंगे. उन्होंने बताया कि हम पहले निर्माण ध्वस्तीकरण करते हैं इसलिए वसूली बाद में ही होगी.

यह भी पढ़ें : हाथ से उखड़ रही सड़क का वीडियो वायरल होने के बाद दो जेई सस्पेंड, ठेकेदार कंपनी हुई डिबार

लखनऊ : एलडीए ने पहले तो अवैध निर्माण रोके नहीं, लेकिन अब एक नया ट्रेंड जरूर चल पड़ा है. नियम यह है कि जिस बिल्डर की बिल्डिंग को तोड़ा जाए, उसी से डेमोलिशन का शुल्क भी वसूला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. यजदान बिल्डर की बिल्डिंग को तोड़ने में ही लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) ₹30 लाख खर्च कर रहा है. ऐसे ही हर जगह डेमोलिशन पर करोड़ों रुपए खर्च हो चुका है, जो जनता की गाढ़ी कमाई का है. इस तरह से डेमोलिशन करने वाले ठेकेदारों की भी जेब प्राधिकरण भर रहा है. अब अगले महीने लखनऊ विकास प्राधिकरण लेवाना सुइट्स होटल (Levana Suites Hotel) को भी तोड़ेगा. ऐसे में देखना होगा कि एलडीए कितना शुल्क बिल्डर से डेमोलिशन का वसूल पाता है.

पिछले करीब एक साल में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने करीब 500 जगह पर बिल्डिंगों को ध्वस्त किया है, जिनमें छोटे-बड़े दोनों अवैध निर्माण हैं. इसके अलावा कई जगह प्लॉटों में किए गए अवैध निर्माणों को भी ध्वस्त किया गया है. नगर विकास अधिनियम में व्यवस्था है कि जब भी कोई अवैध निर्माण करेगा और एजेंसी उसको तोड़ेगी तो उसका खर्च बिल्डर से ही वसूला जाएगा. हाल ही में नोएडा में ट्विन टावर को जब ध्वस्त किया गया था तो करोड़ों रुपए का खर्चा नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डर से ही वसूल किया था. लखनऊ में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है. यहां लखनऊ विकास प्राधिकरण किसी भी बिल्डर से कोई वसूली नहीं करता है.

जानकारी देते संवाददाता ऋषि मिश्र



इस मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि यजदान बिल्डर का ₹75 लाख हमारे पास शमन शुल्क के तौर पर जमा है. जिसमें से डेमोलिशन के ₹30 लाख वसूल लेंगे. उन्होंने बताया कि हम पहले निर्माण ध्वस्तीकरण करते हैं इसलिए वसूली बाद में ही होगी.

यह भी पढ़ें : हाथ से उखड़ रही सड़क का वीडियो वायरल होने के बाद दो जेई सस्पेंड, ठेकेदार कंपनी हुई डिबार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.