लखनऊ: हुसैनाबाद के छोटे इमामबाड़े से लेकर कैसरबाग तक हेरिटेज जोन बनाने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) ने एक नीति अपनी बोर्ड मीटिंग में बुधवार को प्रस्तावित की है. इस नीति के तहत आवासीय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के सामने का हिस्सा एक ही रंग और दरवाजों और दीवारों के डिजाइन (House and shop in old Lucknow in one color) में किया जाएगा. इसका खर्च खुद प्रतिष्ठान मलिक या सरकारी कार्यालय के विभाग को करना होगा. इससे पहले 2010 में ऐसा ही प्रयोग हजरतगंज के साथ किया गया था. जो कि काफी कामयाब भी रहा था. मगर अब हजरतगंज की सूरत बिगड़ना शुरू हो गई है.
इसलिए लखनऊ विकास प्राधिकरण की इस नई नीति में हजरतगंज को भी शामिल किया गया है. एक बार फिर से हजरतगंज में प्रतिष्ठानों के फसाड में एकरूपता लाई जाएगी. इस नीति को लागू करने के पहले हम लोगों से आपत्ति सुझाव मांगे जाएंगे जिनके निस्तारण के बाद इसको लागू कर दिया जाएगा.लखनऊ विकास प्राधिकरण के बोर्ड प्रस्ताव में इसको लाया गया है जिस पर सभी अधिकारियों के बीच में चर्चा हुई. उपाध्यक्ष डॉक्टर इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ को अपनी हेरिटेज के लिए भी पहचाना जाता है.
इसलिए हुसैनाबाद हेरिटेज जोन से लेकर कैसरबाग हेरिटेज जोन तक भवनों में एकरूपता लाई जाएगी. जिसके लिए इस फसाड पॉलिसी को लागू किया जाएगा. इसको लागू करने के लिए पूरी डिजाइनिंग एक आर्किटेक्ट ने की है. हुसैनाबाद से कैसरबाग तक अनेक सरकारी बिल्डिंग में भी है जिनको एक रूप किया जाएगा और उसे पर आने वाला खर्च संबंधित विभाग करेगा. निजी भावना और प्रतिष्ठानों पर आने वाला खर्च उसके मालिक करेंगे अगर वह चाहेंगे, तो लखनऊ विकास प्राधिकरण या काम उनके लिए कर देगा.
इसका खर्च उन्हें पटना विकास प्राधिकरण को देना होगा. एकरूपता संबंधित कार्य लखनऊ विकास प्राधिकरण की गाइडलाइन के आधार पर किए जाएंगे.उपाध्यक्ष डॉक्टर इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि हुसैनाबाद से कैसरबाग के अलावा हजरतगंज में भी इसी व्यवस्था को लागू किया जाएगा यहां 2010 के बाद बहुत से लोगों ने एकरूपता के साथ खिलवाड़ किया है जिसको रोका जाएगा और फिर से एक जैसे साइनेजेस और बबलू का रंग भी एक जैसा ही होगा.